बाथरूम में बहुत देर तक फ़ोन चलाते हैं? बवासीर का रिस्क है
जब लोग फ़ोन चलाते हुए बाथरूम में बहुत देर तक बैठते हैं, तो इससे गुदाद्वार की नसों पर दबाव पड़ता है. इससे बवासीर हो जाता है.

कुछ लोगों को टॉयलेट सीट पर बैठकर फ़ोन चलाने की बहुत बुरी आदत लग चुकी है. बताइए, इंसान टॉयलेट में बैठकर फ़ोन पर वीडियो और रील्स देख रहा है. कोई न्यूज़पेपर पढ़ रहा है. इस चक्कर में जो काम 10 मिनट में हो जाना चाहिए, उसमें घंटाभर लग जाता है. कहने का मतलब है, इंसान बहुत देर तक टॉयलेट सीट पर बैठा रहता है. वक़्त का पता ही नहीं चलता.
अगर आपकी भी ये आदत है. तो ज़रा सावधान हो चाहिए. क्यों? क्योंकि ऐसा करने से पाइल्स यानी बवासीर हो सकता है.
अब आप कहेंगे, टॉयलेट में बैठकर रील्स या वीडियो देखने से भला बवासीर कैसे हो सकता है? इस बात का जवाब जानेंगे आज की इस स्टोरी में. डॉक्टर से समझेंगे कि बवासीर या पाइल्स क्या होता है. ये क्यों होता है. टॉयलेट में फ़ोन लेकर जाने, और फिर देर तक बैठे रहने से बवासीर का खतरा क्यों है. और, बवासीर से बचने के लिए क्या करें.
बवासीर/पाइल्स क्या होता है?ये हमें बताया डॉक्टर (प्रो.) नरेश बंसल ने.

पाइल्स को अंग्रेज़ी में हेमरॉइड्स (Hemorrhoids) कहते हैं. हिंदी में इसे बवासीर कहा जाता है. पाइल्स में एनस यानी गुदाद्वार की खून की नसें बहुत ज़्यादा दबाव से फूल जाती हैं. अगर इनमें बहुत ज्यादा प्रेशर बनता है, तो ये फट सकती हैं. जिससे ब्लीडिंग (खून निकलना) हो सकती है.
बवासीर/पाइल्स क्यों होता है?- स्टूल पास करने के दौरान बहुत ज़्यादा ज़ोर लगाने से ऐसा हो सकता है
- बहुत ज़्यादा समय तक टॉयलेट में बैठने से गुदाद्वार की नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे बवासीर हो जाता है
बवासीर/पाइल्स के लक्षण- गुदाद्वार (एनस) में खुजली या जलन महसूस होना
- स्टूल पास करने के दौरान या बाद में ब्लीडिंग होना
- ऐसा महसूस होना कि स्टूल पास करते समय अंदर से कुछ बाहर आ रहा है, जिसे उंगली से वापस अंदर करना पड़ता है
टॉयलेट में फ़ोन लेकर बैठे रहने से बवासीर का ख़तरा क्यों?जब आप मोबाइल या न्यूज़पेपर लेकर टॉयलेट में घंटों तक बैठे रहते हैं, तो गुदाद्वार (एनस) पर दबाव बढ़ जाता है. बार-बार ज़ोर लगाने से पाइल्स की समस्या शुरू हो सकती है. दरअसल ज़्यादा दबाव से गुदाद्वार की नसें फूल जाती हैं और पाइल्स में बदल सकती हैं. समय के साथ ये पाइल्स बड़े हो सकते हैं और बाहर लटकने लगते हैं. इससे खुजली, जलन, ब्लीडिंग और इरिटेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
बचाव और इलाज- पाइल्स से बचने का सबसे बढ़िया तरीका है कि अपनी शौच की प्रक्रिया को दुरुस्त रखें
- टॉयलेट में 5-10 मिनट से ज्यादा समय न बिताएं
- स्टूल को सॉफ्ट रखने के लिए फाइबर युक्त चीज़ें खाएं
- ज़्यादा से ज़्यादा फल खाएं और भरपूर पानी पिएं
- नियमित व्यायाम या एक्सरसाइज़ करें
- अपने वज़न को कंट्रोल में रखें
- अगर ये सब करेंगे तो आपका पेट ठीक से साफ होगा
- साथ ही, टॉयलेट में मोबाइल फ़ोन लेकर न जाएं वरना गुदाद्वार की नसों पर स्ट्रेन पड़ेगा और पाइल्स हो जाएगा
आपको पाइल्स न हो. तो वॉशरूम में फ़ोन ले जाने और बहुत देर तक बैठे रहने की आदत छोड़ दीजिए. अगर ये आदत नहीं है. लेकिन, फिर भी स्टूल पास करने में मुश्किल आ रही है. तो खाने में फाइबर लेना शुरू कर दीजिए. अगर दिक्कत फिर भी नहीं जाती तो डॉक्टर से ज़रूर मिलिए.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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