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जिम जाने वालो! ये हेल्थ एडवायज़री मान लो, एक्सरसाइज़ करते हुए हार्ट अटैक से बचे रहेंगे

ये हेल्थ एडवायज़री तीन हिस्सों में बंटी है. पहले हिस्से में बताया गया है कि कौन लोग आराम-से एक्सरसाइज़ कर सकते हैं. दूसरे हिस्से में उन लोगों की बात है, जिन्हें एक्सरसाइज़ करते हुए थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए. तीसरे हिस्से में उन लोगों का ज़िक्र है, जिन्हें जिम जाने या एक्सरसाइज़ करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी ही है.

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Prevention of Sudden Cardiac Arrest Among Gym Goers and Sportspersons health advisory launched
जिम में हार्ट अटैक आने के मामले पिछले कुछ समय में बढ़े हैं (फोटो: Freepik)
20 अगस्त 2025 (Published: 03:11 PM IST)
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कुछ समय से जिम जाने वाले लोगों में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. आपने-हमने कई ऐसे वीडियो देखे हैं, जहां इंसान अच्छा-भला एक्सरसाइज कर रहा है और अचानक गिर पड़ता है. हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही हार्ट अटैक के कारण उसकी मौत हो जाती है.

ऐसे हादसे न हों, इसके लिए पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज़ यूनिवर्सिटी और दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ने मिलकर एक हेल्थ एडवायज़री जारी की. इसे 7 अगस्त को पंजाब के हेल्थ मिनिस्टर डॉक्टर बलबीर सिंह ने लॉन्च किया. ये एडवाइजरी ख़ास तौर पर जिम जाने वाले और स्पोर्ट्सपर्सन्स के लिए बनाया गया है.

इस एडवाइजरी में क्या-क्या गाइडलाइन्स शामिल हैं, हम आपको बताते हैं.

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ये हेल्थ एडवायज़री खासतौर पर जिम जाने वालों के लिए है 

इस एडवाइजरी को तीन हिस्सों में बांट सकते हैं. पहला हिस्सा उन लोगों के लिए है. जिनके लिए जिम जाना, एक्सरसाइज़ करना, एरोबिक्स करना या फिर तैरना एकदम सेफ है. ये वो लोग हैं, जिनकी लाइफस्टाइल एक्टिव है. जिन्हें सीने में दर्द, सांस फूलने, दिल की धड़कन तेज़ होने, चक्कर आने, बेहोश होने जैसी दिक्कत नहीं है. जिनका बीपी और शुगर लेवल एकदम नॉर्मल है. जिन्हें दिल की कोई बीमारी नहीं है. जो न तो शराब पीते हैं, न सिगरेट पीते हैं और न ही कोई दूसरा नशा करते हैं. जिनके परिवार में प्रीमेच्योर हार्ट डिज़ीज़ की हिस्ट्री नहीं है. यानी जिनके घर के पुरुषों को 55 साल से पहले, और महिलाओं को 65 साल से पहले दिल की कोई बीमारी नहीं हुई.

अगर आप इस लिस्ट में आते हैं तो बधाई हो आपको. आप आराम से जिम जाइए. बस कुछ चीज़ों का ध्यान रखिए. जैसे-एकदम से बहुत इंटेंस एक्सरसाइज़ करना शुरू मत करिए. हल्की एक्सरसाइज से शुरुआत करिए. फिर एक्सरसाइज़ की इंटेंसिटी धीरे-धीरे बढ़ाइए. अगर दिल से जुड़ी कोई दिक्कत लगे तो तुरंत डॉक्टर से मिलिए.  

एडवाइजरी का दूसरा भाग उन लोगों के लिए है. जो जिम में एक्सरसाइज़ तो कर सकते हैं, पर उन्हें सावधानी बरतना ज़रूरी है. ऐसे लोगों को किसी मेडिकल स्पेशलिस्ट से क्लीयरेंस लेने के बाद ही एक्सरसाइज़ करनी चाहिए. कौन हैं ये लोग? ये वो हैं, जिनकी उम्र 40 से ज़्यादा है. जिन्हें हाई बीपी या डायबिटीज़ है, पर कंट्रोल में है. जिनमें मोटापे की हिस्ट्री है. जो सिगरेट पीते हैं. जिनके शरीर में आलस भरा है. मेहनत वाला काम करने पर इनकी सांस तुरंत फूल जाती है. या फिर धड़कनें तेज़ हो जाती हैं.

साथ ही, जो लोग खून पतला करने वाली दवाएं ले रहे हैं या नॉन-कार्डियक क्रोनिक कंडीशनंस से जुड़ी दवाएं खा रहे हैं. उन्हें भी डॉक्टर से क्लीयरेंस लेने के बाद ही जिम में एक्सरसाइज शुरू करनी चाहिए. नॉन-कार्डियक क्रोनिक कंडीशनंस यानी लंबे समय से चली आ रहीं ऐसी बीमारियां, जो दिल से जुड़ी नहीं हैं. साथ ही, वो लोग जिनका ECG यानी ईको-कार्डियोग्राम टेस्ट या TMT यानी Treadmill Test रिज़ल्ट बॉर्डरलाइन है. जो लोग गंभीर मोटापे से जूझ रहे हैं, उनको भी मेडिकल एग्ज़ामिनेशन के बाद ही जिम में एक्सरसाइज शुरू करनी चाहिए.  

ऐसे सभी लोगों को जिम जॉइन करने से पहले ECG, BP, ब्लड शुगर और लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करा लेने चाहिए. अगर रिज़ल्ट बॉर्डरलाइन आया है, तो उसे बेसलाइन पर लाना चाहिए. साथ ही, अचानक कोई नई या भारी एक्सरसाइज़ शुरू न करें और समय-समय पर अपने डॉक्टर से मिलते रहें.

एडवाइजरी का तीसरा भाग, हाई-रिस्क लोगों के लिए है, जिन्हें जिम जाने या एक्सरसाइज़ करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी ही है. ये वो लोग हैं, जिन्हें सीने में दर्द, सांस फूलना, चक्कर, बेहोशी और तेज़ धड़कन जैसे लक्षण हैं. जिनका ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ और किडनी की बीमारी कंट्रोल में नहीं हैं. साथ ही, जिन्हें दिल की कोई बीमारी है या कभी स्ट्रोक पड़ा है. जिन्हें दिल के वॉल्व, दिल की मांसपेशियों से जुड़ी बीमारी है या जिन्हें Long QT Syndrome डायग्नोस हुआ है. ये एक ऐसी कंडीशन है जिसमें दिल की धड़कन की लय गड़बड़ा जाती है. ऐसे लोगों को भी बगैर डॉक्टर की सलाह के जिम नहीं जाना चाहिए.

जो लोग पिछले 3 महीनों में अस्पताल में भर्ती हुए हैं. जिनका ECG, ईकोकार्डियोग्राम एब्नॉर्मल है या TMT पॉज़िटिव आया है. जिन्हें डीप वेन थ्रोम्बोसिस है यानी जिनकी मांसपेशियों में खून का थक्का जमा है. जिनके घर में दिल की बीमारियों या सडन कार्डियक डेथ के हिस्ट्री है. खासकर 55 से ज़्यादा उम्र के लोगों में. ऐसे लोगों को सलाह है कि जिम जाने से पहले किसी कार्डियोलॉजिस्ट से मिलें. दिल से जुड़ी बीमारियों का कितना ख़तरा है, इसकी जांच करवाएं. ECG, इकोकार्डियोग्राफी, TMT, होल्टर मॉनिटरिंग और ज़रूरी ब्लड टेस्ट कराएं. फिर डॉक्टर से मिलने के बाद ही जिम जॉइन करें.

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खाने में क्या और कितना लेना है, ये भी इस एडवायज़री में बताया गया है 

इस हेल्थ एडवायज़री में खाने-पीने पर भी बात की गई है. कहा गया है कि एक हेल्दी एडल्ट को अपने वज़न के प्रति किलोग्राम पर 0.83 ग्राम प्रोटीन खाना चाहिए. वहीं बॉडी बिल्डर्स को अपने वज़न के प्रति किलोग्राम पर 1.2 ग्राम प्रोटीन खाना चाहिए. प्रोटीन के लिए चिकन ब्रेस्ट, अंडा, मछली, पनीर, सोयाबीन, दाल, चना, दूध, दही और लस्सी ली जा सकती है.

अगर प्रोटीन पाउडर ले रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर ही खाएं. इनमें लेड, आर्सेनिक और दूसरे हेवी मेटल्स हो सकते हैं. जो लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं. अगर क्रिएटिन सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो एक दिन में 3 से 5 ग्राम से ज़्यादा न खाएं. वरना किडनी को नुकसान पहुंच सकता है. अंडे भी 4 से ज़्यादा न खाएं. अगर विटामिन सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो इन्हें भी ज़रूरत से ज़्यादा न लें.

एनाबॉलिक सप्लीमेंट्स, एनर्जी ड्रिंक्स, स्टिमुलेंट्स और बहुत ज़्यादा कैफीन लेने से बचें. वरना लिवर, किडनी और दिल पर बुरा असर पड़ सकता है. हॉर्मोन्स से जुड़ी दिक्कतें भी हो सकती हैं. वहीं अगर बेवजह थकान या कमज़ोरी है. सीने में दर्द है या सांस फूल रही है. पीलिया हो गया है या फिर एडेमा है यानी अंगों में सूजन है. पेशाब की मात्रा या रंग में बदलाव है. तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. ये सारे ऑर्गन डैमेज की ओर इशारा करते हैं. यानी आपके अंग ठीक से काम नहीं कर रहे.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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