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इस मौसम में फंगल इंफेक्शन से परेशान, इलाज और बचने का तरीका जान लें

मॉनसून सीज़न में फंगल इंफेक्शन होना बहुत आम है. मौसम में नमी और ज़्यादा पसीना आने की वजह से ऐसा होता है.

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fungal infection in monsoon causes symptoms prevention and treatment
फंगल इंफेक्शन में स्किन पर तेज़ जलन और खुजली होती है
30 जुलाई 2025 (Published: 04:58 PM IST) कॉमेंट्स
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बारिश में भीगने, पानी में छप-छप करने में मज़ा तो खूब आता है. बचपन याद आ जाता है. लेकिन जिन्हें बारिश नहीं भी पसंद है. वो भी बारिश में भीग ही जाते हैं. ऑफिस जाते हुए कभी उनके जूते-मोजे गीले हो जाते हैं. तो कभी कपड़े.

मगर दिक्कत तब शुरू होती है, जब कोई ये गीले कपड़े, जूते देर तक पहने रहता है. ऐसा करने से कई बार स्किन पर सफेद रंग के चकत्ते पड़ जाते हैं. खुजली होती है. छाले भी पड़ जाते हैं. ये फंगल इंफेक्शन है. 

बारिश के मौसम में फंगल इंफेक्शन होना बहुत आम दिक्कत है. इसलिए, डॉक्टर से जानिए कि बारिश के मौसम में फंगल इंफेक्शन क्यों हो जाता है. शरीर के किन हिस्सों में ये आसानी से होता है. फंगल इंफेक्शन होने के लक्षण क्या हैं. इससे बचे कैसें, और अगर फंगल इंफेक्शन हो जाए तो इसका इलाज क्या है.

मॉनसून में फंगल इंफेक्शन कहां-कहां हो सकता है?

ये हमें बताया डॉक्टर नेहा प्रभाकर ने. 

dr neha prabhakar
डॉ. नेहा प्रभाकर, कंसल्टेंट, रेडक्लिफ लैब्स, नोएडा)

बारिश के मौसम में कई तरह के इंफेक्शन फैलने लगते हैं. जैसे फंगल इंफेक्शन, इसे आमभाषा में दाद कहते हैं. ये बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक किसी को भी हो सकता है. खासकर जिनकी इम्यूनिटी कमज़ोर है या जिन्हें डायबिटीज़ है. ये शरीर के उन हिस्सों में ज़्यादा होता है, जहां गीलापन रहता है. जैसे पैरों की उंगलियों के बीच, बगलों, जांघ, सिर, नाखून और महिलाओं में ब्रेस्ट के नीचे.

बारिश के मौसम में फंगल इंफेक्शन होने के कारण

बारिश में फंगल इंफेक्शन ज़्यादा होता है क्योंकि हवा में नमी ज़्यादा होती है. पसीना भी ज़्यादा आता है. इससे शरीर में गीलापन बना रहता है और गीलेपन से फंगस ज़्यादा पनपता है. गीले कपड़े, जूते, मोजे, टाइट सिंथेटिक कपड़े पहनने. जिम, स्वीमिंग पूल जैसे सार्वजनिक स्थानों में साफ-सफाई की कमी से फंगल इंफेक्शन फैलता है. 

फंगल इंफेक्शन के लक्षण

- स्किन लाल पड़ जाएगी.

- तेज़ खुजली और जलन होगी.

- स्किन में छाले या पपड़ी बन जाएगी.

- स्किन पर सफेद या काले धब्बे पड़ जाएंगे.

- नाखून पीले या मोटे हो जाएंगे.

- स्कैल्प में खुजली-जलन होगी और बाल झड़ने लगेंगे.

fungal infection
फंगल इंफेक्शन में शरीर पर ऐसे धब्बे पड़ जाते हैं 
फंगल इंफेक्शन से बचाव

- फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए शरीर को साफ और सूखा रखें.

- रोज़ नहाएं और नहाने के बाद शरीर को अच्छे से सुखाएं.

- बाहर से आने के बाद, पंखे या AC में बैठें ताकि शरीर सूख जाए या उसे तौलिए से अच्छी तरह पोंछ लें.

- पसीने वाले कपड़े और मोज़े रोज़ बदलें.

- ढीले सूती कपड़े पहनें.

- बगलों, जांघ और उंगलियों के बीच पाउडर लगाएं.

- गीले मोज़े और जूते, पूरी तरह सूखने के बाद ही पहनें, वरना चप्पल पहन लें.

- नाखूनों को छोटा और साफ रखें.

- अपना पर्सनल सामान, जैसे तौलिया, कपड़े, साबुन, कंघी और मेकअप के ब्रश किसी से शेयर न करें.

फंगल इंफेक्शन का इलाज

अगर फंगल इंफेक्शन है, तो स्किन पर खुजली न करें. इससे इंफेक्शन नाखूनों और स्किन में फैल सकता है. एंटी-फंगल डस्टिंग पाउडर या क्रीम का इस्तेमाल करें. अगर इंफेक्शन बढ़ जाए, तो डॉक्टर की सलाह पर एंटीफंगल दवाएं लें. खुद से दवाएं न लें, न ही स्टेरॉयड क्रीम लगाएं. घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल भी न करें. अगर फंगल इंफेक्शन ठीक नहीं हो रहा या बार-बार एक ही जगह पर हो रहा है, तो लैब से फंगल इंफेक्शन की जांच कराएं. बारिश में फंगल इंफेक्शन होना आम बात है. लेकिन सावधानी और साफ-सफाई से इसे रोका जा सकता है.

फंगल इंफेक्शन से बचना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है. आपको बस कुछ ज़रूरी सावधानियां बरतनी हैं. जैसे गीले कपड़े नहीं पहनने हैं. तुरंत अपना पसीना सुखा लेना है और शरीर की साफ-सफाई रखनी है. इतना कर लिया, तो इस बरसात के मौसम में आपको फंगल इंफेक्शन नहीं होगा.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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