The Lallantop
X
Advertisement

मारबर्ग वायरस 100 में 90 की लेता है जान! 10 दिन में 13 की मौत, डॉक्टर से सब जानिए

मारबर्ग वायरस ने फिर लोगों को अपने शिकंजे में लेना शुरू कर दिया है, कुछ जगहों पर ये बेहद तेजी से फैल रहा है.

Advertisement
Everything to Know About the Marburg Virus Disease Outbreak in Rwanda
रवांडा में पहली बार मारबर्ग वायरस फैला है
pic
अदिति अग्निहोत्री
9 अक्तूबर 2024 (Updated: 20 अक्तूबर 2024, 13:48 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

सेंट्रल अफ्रीका में एक देश है, Rwanda. यहां एक वायरस ने आतंक मचा रखा है. वायरस का नाम मारबर्ग वायरस (Marburg virus) है. इस वायरस से जुड़ा पहला केस 27 सितंबर को आया था. रवांडा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, तब से अब तक इसके 58 मामले सामने आ चुके हैं. कुल 13 मौतें भी हुई हैं. मरने वालों में सबसे ज़्यादा हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स हैं.

वैसे तो भारत में इस वायरस से जुड़ा एक भी केस नहीं है. मगर फिर भी जागरूकता ज़रूरी है. इसलिए आज हम मारबर्ग वायरस पर बात करेंगे. डॉक्टर से जानेंगे कि मारबर्ग वायरस क्या है. ये कैसे फैलता है. इसके लक्षण क्या हैं. और, मारबर्ग वायरस से बचाव और इलाज कैसे किया जाए. 

मारबर्ग वायरस क्या होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर आकाशनील भट्टाचार्य ने. 

doctor
डॉ. आकाशनील भट्टाचार्य, कंसल्टेंट, इंफेक्शियस डिज़ीज़, पारस हेल्थ, गुरुग्राम

नाम से ही पता चल रहा है, ये बीमारी एक वायरस से फैलती है. इस वायरस का नाम मारबर्ग वायरस है. ये एक वायरल हेमरेजिक फीवर है. Viral hemorrhagic fever यानी ऐसा वायरल इंफेक्शन जिसमें शरीर के किसी भी हिस्से से खून निकल सकता है. ये खून नाक, मुंह, यूरिन और स्टूल के साथ आ सकता है. मारबर्ग वायरस एक जानलेवा बीमारी है. अगर ये 100 लोगों को होती है तो उनमें से लगभग 80 से 90 लोगों की मौत हो जाती है यानी इसमें मृत्यु दर बहुत ज़्यादा है.

मारबर्ग वायरस कैसे फैलता है?

मारबर्ग वायरस कई तरीकों से फैल सकता है. जैसे संक्रमित व्यक्ति के सामने बैठकर बात करने से. उसके बॉडी फ्लूइड, जैसे यूरिन, थूक, पसीने और खून के संपर्क में आने से. इन सबसे ये वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में पहुंच सकता है. इस वायरस से रवांडा में जितनी मौतें हुई हैं, या जो लोग संक्रमित हुए हैं. उनमें से अधिकतर हेल्थकेयर से जुड़े हैं, जैसे डॉक्टर्स, नर्सेज़ और पैरामेडिक्स. ये वायरस खतरनाक और बहुत ज़्यादा संक्रामक है.

marburg virus
मारबर्ग वायरस से पीड़ित व्यक्ति को बहुत तेज़ बुखार आता है (सांकेतिक तस्वीर)
मारबर्ग वायरस के लक्षण

मारबर्ग वायरस, इबोला वायरस से मिलता-जुलता है. दोनों के लक्षण लगभग समान हैं. जिस व्यक्ति को भी मारबर्ग वायरस होता है, उसे बुखार आता है. बहुत तेज़ सिरदर्द होता है. मांसपेशियों में दर्द होता है. उल्टी आती है और डायरिया हो जाता है. 

मारबर्ग वायरस से बचाव और इलाज

ऐसा देखा गया है कि मारबर्ग वायरस ज़्यादातर सेंट्रल अफ्रीका के देशों में ही फैलता है. फिर वहां से इंसानों के ज़रिए दूसरे देशों और महाद्वीपों तक पहुंचता है. लिहाज़ा अगर कोई व्यक्ति रवांडा से भारत आ रहा है तो डॉक्टर्स, नर्सेज़ और पैरामेडिक्स आदि को सावधानी बरतनी चाहिए. अगर सेंट्रल अफ्रीका से भारत आए किसी यात्री को बुखार है, उसके शरीर के किसी हिस्से से खून आ रहा है तो उसे क्वारंटीन करना चहिए. दरअसल ये जिन भी देशों में फैला है, ज़्यादातर यात्राओं की वजह से ही फैला है.

अभी तक इस वायरल इंफेक्शन से जुड़ी कोई दवा उपलब्ध नहीं है इसलिए बचाव बहुत ज़्यादा ज़रूरी है. 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहतः दिल में जमे प्लाक से हार्ट अटैक! कैसे साफ़ करें?

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement