पीरियड्स, बुखार या कोई दवा चलने पर ब्लड डोनेट कर सकते हैं? डॉक्टर ने बताया
कोई व्यक्ति हर 3 महीने में अपना ब्लड डोनेट कर सकता है. मगर जिन्हें डायबिटीज़ है, या जो कोई दवा खा रहे हैं. वो ऐसा कर सकते हैं या नहीं?

हमें हर तीन महीने में अपना ब्लड डोनेट करना चाहिए. मगर फिर भी बहुत सारे लोग ब्लड डोनेट करने से कतराते हैं. दरअसल, उनके मन में ब्लड डोनेशन को लेकर बहुत सारी गलतफहमियां हैं. इन्हीं गलतफहमियों को आज हम दूर करेंगे. डॉक्टर से जानेंगे कि ब्लड डोनेट करने से आपके शरीर को क्या फ़ायदा पहुंचता है. ब्लड डोनेट करने के बाद शरीर में क्या होता है. क्या पीरियड्स, बुखार या अगर दवाओं पर हैं तो ब्लड डोनेट कर सकते हैं. साथ ही जानेंगे, ब्लड डोनेट करने से पहले और बाद में क्या खाना-पीना चाहिए.
ब्लड डोनेट करने के क्या फ़ायदे हैं?ये हमें बताया डॉक्टर संगीता पाठक ने.

ब्लड डोनेशन के बहुत सारे फ़ायदे हैं. पहला फ़ायदा ये है कि बोन मैरो नए सेल्स बनाने के लिए और ज़्यादा एक्टिव हो जाता है. इससे शरीर में नए और एनर्जी से भरपूर सेल्स बनते हैं. ये आपकी सेहत के लिए फ़ायदेमंद होता है. जो लोग ब्लड डोनेट करते हैं, उनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है. ब्लड डोनेट करने से खून की विसकॉसिटी यानी गाढ़ापन भी ठीक रहता है. खून का गाढ़ापन कम होने से दिल की बीमारियों का ख़तरा कम हो जाता है. ये तीन चीज़ें आपके लिए बहुत फ़ायदेमंद हैं.
पीरियड्स, बुखार या कोई दवाएं चलने पर ब्लड डोनेट कर सकते हैं?जिन महिलाओं के पीरियड्स चल रहे हैं, वो ब्लड डोनेट नहीं कर सकतीं. हालांकि अगर पीरियड्स का आखिरी दिन है, तो आप ब्लड डोनेट कर सकती हैं. फिर भी सलाह यही है कि पीरियड्स खत्म होने के बाद ही ब्लड डोनेट करें. अगर बुखार है, तो भी आप ब्लड डोनेट नहीं कर सकते. अगर आप एंटीबायोटिक जैसी कोई दवा ले रहे हैं. तो दवा लेने के 72 घंटों तक आप ब्लड डोनेट नहीं कर सकते. दवाइयों की बहुत लंबी लिस्ट है, जिन्हें लेने के बाद आप ब्लड डोनेट नहीं कर सकते. अगर आपको डायबिटीज़ है और आप सिर्फ गोली (ओरल टैबलेट) ले रहे हैं और गोली से शुगर कंट्रोल में है. तो आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं. लेकिन अगर आप इंसुलिन ले रहे हैं, तो ब्लड डोनेट नहीं कर सकते.

जब आप ब्लड डोनेट करते हैं, तो 350 ml से 450 ml तक खून लिया जाता है. ये मात्रा शरीर के लिए सुरक्षित होती है, इससे किसी तरह का नुकसान नहीं होता. ब्लड डोनेट करते ही आपके शरीर में खून की मात्रा थोड़ी कम हो जाती है. लेकिन इसका प्लाज़्मा वाला हिस्सा 24 घंटे में वापस बन जाता है. जबकि खून के सेल वाले हिस्से को पूरी तरह बनने में करीब 3 महीने लगते हैं. ब्लड डोनेशन के बाद आपको 10-15 मिनट वहीं बैठाकर आराम करना चाहिए. इस दौरान आपको कुछ पीने के लिए दिया जाता है, ताकि शरीर में फ्लूइड बैलेंस बना रहे.
साथ ही, आपको खाने और बाकी बातों को लेकर कुछ ज़रूरी निर्देश भी दिए जाते हैं. खून डोनेट करने के बाद डॉक्टर आपको कुछ बातों का ध्यान रखने के लिए कहते हैं. जैसे उस दिन यानी ब्लड डोनेशन वाले दिन भारी कसरत नहीं करनी है. इसके अलावा, आप बाकी के काम रोज़ की तरह कर सकते हैं.
ब्लड डोनेट करने से पहले और बाद में क्या खाएं?ब्लड डोनेट करने से पहले खाना खाकर जाएं. पिछले 4 घंटों में आपने कुछ खाया हो, इस बात का ध्यान रखें. खूब पानी पिएं. तली-भुनी या बहुत फैटी चीज़ें खाने से बचें. ब्लड डोनेट करने के बाद भी अपनी डाइट का ध्यान रखें. बैलेंस्ड डाइट लें और पानी पीते रहें. खाने में आयरन से भरपूर चीज़ें शामिल करें. जैसे सेब, अनार और ड्राई फ्रूट्स वगैरह. ब्लड डोनेशन से पहले और बाद में अपने खाने का ध्यान ज़रूर रखें.
ब्लड डोनेशन आपके लिए भी फ़ायदेमंद है और दूसरों के लिए भी. आपका खून किसी की जान बचा सकता है. और ये आपके लिए भी बहुत हेल्दी है. इसलिए ब्लड ज़रूर डोनेट करें. बस ये ध्यान रखें कि दो ब्लड डोनेशंस में 3 महीने का गैप हो.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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