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'महाभारत' में यक्ष-युधिष्ठिर के ये 20 सवाल-जवाब दिमाग़ का बल्ब जला देते हैं!

युधिष्ठिर ने इस रैपिड फ़ायर Q&A में कैसे ख़ुद को माइनस मार्किंग से बचाया?

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बाएं दूरदर्शन वाले महाभारत से यक्ष और दाएं युधिष्ठिर. इन दोनों लोगों के बीच ताबड़तोड़ रैपिड फ़ायर हुआ था (तस्वीर यूट्यूब)
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सुमित
20 अप्रैल 2020 (Updated: 20 अप्रैल 2020, 01:22 PM IST)
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लॉकडाउन में दूरदर्शन ने पुराने संदूक का ताला खोला और देशभर में रामायण-महाभारत के टीवी सीरियल का पुराना दौर लौट आया. अब बच्चे घरों में 'तात' और 'माते' बोलकर चिल कर रहे हैं. लेकिन आने वाले वक़्त में क्या होगा, ये अब भी 'यक्ष प्रश्न' है. अक्सर लोग उन सवालों को 'यक्ष प्रश्न' कह देते हैं, जिनका जवाब बड़ा मुश्किल होता है. लेकिन ये यक्ष प्रश्न टर्म आया कहां से?

महाभारत के 'वन पर्व' से. इसी अध्याय में युधिष्ठिर और यक्ष के बीच रैपिड फ़ायर सवाल-जवाब हुए थे. महाभारत में लिखा है कि अगर युधिष्ठिर यक्ष के सवालों का जवाब न देते, तो लाइफ़ एंड डेथ वाला मामला हो जाता.

कहानी ये है कि अपने अज्ञातवास में पांडवों को लगी प्यास. पानी लाने भेजा गया पहले छोटे भाइयों को. वो लौटकर नहीं आए. फिर बारी-बारी से अर्जुन और भीम जाकर नहीं लौटे. तब युधिष्ठिर गए और देखा कि सारे भाई एक तालाब के पास मरे पड़े हैं. पता चला कि तालाब एक यक्ष का है और पानी पीने से पहले उसके सवालों का जवाब देना होगा.

युधिष्ठिर और यक्ष के बीच सवाल-जवाब को 'यक्ष-युधिष्ठिर संवाद' भी कहते हैं. बीआर चोपड़ा वाले 'महाभारत' में, जो दूरदर्शन पर आ रहा है, कुछ ही सवाल दिखाए हैं. हम आपके लिए महाभारत के 'वन पर्व' से 20 सवाल-जवाब लेकर आए हैं.

#1 यक्ष: पृथ्वी से भी भारी क्या है? आकाश से भी ऊंचा क्या है? युधिष्ठिर: माता पृथ्वी से भी भारी है. पिता आकाश से भी ऊंचा है. mahabharat#2 यक्ष: हवा से भी तेज चलने वाला क्या है? तिनकों से भी ज्यादा असंख्य क्या है? युधिष्ठिर: मन हवा से भी तेज चलने वाला है. चिंता तिनकों से भी ज्यादा असंख्य होती है. mahabharata 2 #3 यक्ष: रोगी का मित्र कौन है? मृत्यु के समीप व्यक्ति का मित्र कौन है? युधिष्ठिर: वैद्य रोगी का मित्र है. मृत्यु के समीप व्यक्ति का मित्र है दान. mahabharata 3 #4 यक्ष: यश का मुख्य स्थान क्या है? सुख का मुख्य स्थान क्या है? युधिष्ठिर: यश का मुख्य स्थान दान है. सुख का मुख्य स्थान शील है. mahabharata 4#5 यक्ष: धन्य पुरुषों में उत्तम गुण क्या है? मनुष्य का परम आश्रय क्या है? युधिष्ठिर: धन्य पुरुषों में उत्तम गुण है कार्य-कुशलता. दान मनुष्य का परम आश्रय है. mahabharata 5#6 यक्ष: लाभों में प्रधान लाभ क्या है? सुखों में उत्तम सुख क्या है? युधिष्ठिर: निरोगी काया सबसे प्रधान लाभ है. सबसे उत्तम सुख है संतोष. mahabharata 6 #7 यक्ष: दुनिया में श्रेष्ठ धर्म क्या है? किसको वश में रखने से मनुष्य शोक नहीं करते? युधिष्ठिर: दया दुनिया में श्रेष्ठ धर्म है. मन को वश में रखने से मनुष्य शोक नहीं करते. mahabharata 19#8 यक्ष: किस वस्तु को त्यागकर मनुष्य दूसरों को प्रिय होता है? किसको त्यागकर शोक नहीं होता? युधिष्ठिर: अहंकार को त्यागकर मनुष्य सभी को प्रिय होता है. क्रोध को त्यागकर शोक नहीं करता. mahabharata 7 #9 यक्ष: किस वस्तु को त्यागकर मनुष्य धनी होता है? किसको त्यागकर सुखी होता है? युधिष्ठिर: काम-वासना  को त्यागकर मनुष्य धनी होता है. लालच को त्यागकर वह सुखी होता है. mahabharaat aa#10 यक्ष: मनुष्य मित्रों को किसलिए त्याग देता है? किनके साथ की हुई मित्रता नष्ट नहीं होती? युधिष्ठिर: लालच के कारण मनुष्य मित्रों को त्याग देता है. सच्चे लोगों से की हुई मित्रता कभी नष्ट नहीं होती. mahabharata 9 #11 यक्ष: दिशा क्या है? जो बहुत से मित्र बना लेता है, उसे क्या लाभ होता है? युधिष्ठिर: सत्पुरुष दिशाएं हैं. जो बहुत से मित्र बना लेता है, वह सुख से रहता है. mahabharata 10#12 यक्ष: उत्तम दया किसका नाम है? सरलता क्या है? युधिष्ठिर: सबके सुख की इच्छा रखना ही उत्तम दया है. सुख-दुःख में मन का एक जैसा रहना ही सरलता है. mahabharata 11#13 यक्ष: मनुष्यों का दुर्जय शत्रु कौन है? सबसे बड़ी बीमारी क्या है? युधिष्ठिर: क्रोध ऐसा शत्रु है, जिस पर विजय पाना मुश्किल होता है. लालच सबसे बड़ी बीमारी है. mahabharata 12#14 यक्ष: साधु कौन माना जाता है? असाधु किसे कहते हैं? युधिष्ठिर: जो समस्त प्राणियों का हित करने वाला हो, वही साधु है. निर्दयी पुरुष को ही असाधु माना गया है. mahabharata 20#15 यक्ष: धैर्य क्या कहलाता है? परम स्नान किसे कहते हैं? युधिष्ठिर: इंद्रियों को वश में रखना धैर्य है. मन के मैल को साफ करना परम स्नान है. mahabharata 13#16 यक्ष: अभिमान किसे कहते हैं? कौन-सी चीज परम दैवीय है? युधिष्ठिर: धर्म का ध्वज उठाने वाले को अभिमानी कहते हैं. दान का फल परम दैवीय है. mahabharta 14#17 यक्ष: मधुर वचन बोलने वाले को क्या मिलता है? सोच-विचारकर काम करने वाला क्या पाता है? युधिष्ठिर: मधुर वचन बोलने वाला सबको प्रिय होता है? सोच-विचारकर काम करने से काम में जीत हासिल होती है. mahabharata 15#18 यक्ष: सुखी कौन है? युधिष्ठिर: जिस व्यक्ति पर कोई कर्ज नहीं है, जो दूसरे प्रदेश में नहीं है, जो व्यक्ति पांचवें-छठे दिन भी घर में रहकर साग-सब्जी खा लेता है, वही सुखी है. mahabharata 16#19 यक्ष: आश्चर्य क्या है? युधिष्ठिर: हर रोज संसार से प्राणी यमलोक जाते हैं. लेकिन जो बचे हुए हैं, वे सर्वदा जीने की इच्छा करते रहते हैं. इससे बड़ा आश्चर्य और क्या होगा? mahabharata 17#20 यक्ष: सबसे बड़ा धनी कौन है? युधिष्ठिर: जो मनुष्य प्रिय-अप्रिय, सुख-दुःख, अतीत-भविष्य में एकसमान रहता है, वही सबसे बड़ा धनी है. mahabharata 18

ये थे महाभारत में हुए यक्ष-युधिष्ठिर वाले चैप्टर से यक्ष के 20 सवाल. युधिष्ठिर ने दिमाग़ भिड़ाकर इन सारे सवालों के जवाब दिए. यक्ष की स्कीम तो माइनस मार्किंग वाली थी. नंबर माइनस नहीं होने थे, माइनस हो जाना था आदमी ही. लेकिन आख़िरकार युधिष्ठिर सारे सही जवाब देकर अपनी बुद्धि का लोहा मनवा लिए. यक्ष ने भाइयों को जिंदा कर दिया और युधिष्ठिर पानी पीकर वापस चले गए.


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