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भोला: मूवी रिव्यू

'भोला' मास एंटरटेनर है. इसे आप महान फिल्म के तौर पर देखने जाएंगे, तो निराश होंगे. पर ये एक अच्छी मसाला मूवी साबित होती है.

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अजय देवगन का 'भोला' में एक अलग पक्ष दिखेगा
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अनुभव बाजपेयी
30 मार्च 2023 (Updated: 30 मार्च 2023, 11:51 AM IST) कॉमेंट्स
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2019 में एक तमिल पिक्चर आई थी 'कैथी'. इसे लोकेश कनगराज ने डायरेक्ट किया था. इसी का हिंदी रीमेक 'भोला' के नाम से अजय देवगन ने बनाया है. इसमें लीड रोल निभाने के साथ-साथ उन्होंने डायरेक्टर की कुर्सी भी संभाली है. देखते हैं उन्होंने क्या चार-चांद लगाए हैं?

एक्शन, एक्शन और धुआंधार एक्शन

'भोला' को एक्शन मूवी कहकर प्रचारित किया गया था. इसलिए पहले इसके एक्शन पर ही बात कर लेते हैं. चूंकि ये 'कैथी' का रीमेक है. वो भी आउट एन आउट एक तगड़ी एक्शन पैक्ड फिल्म थी. 'भोला' भी उसी के पद चिन्हों पर चलती है. मुझसे अगर हाल ही में आई टॉप पांच ऐसी फ़िल्मों की लिस्ट मांगी जाए, जिनमें अच्छा एक्शन हो, तो 'भोला' उस लिस्ट में ज़रूर होगी. फिल्म ओपन ही भयंकर एक्शन सीक्वेंस से होती है. यहीं पिक्चर की टोन सेट हो जाती है. 'भोला' के साथ खास बात है, इसका एक्शन फ्रेश लगता है. कहीं से कॉपी किया हुआ नहीं है. अजय देवगन ने इसके लिए एक्स्ट्रा एफ़र्ट किये हैं. वो दिखता भी है. आपने इससे पहले उनको ऐसे एक्शन करते हुए नहीं देखा होगा. लार्जर दैन लाइफ फिल्मों के साथ होता ये है कि एक हद के बाद इनका एक्शन लॉजिक विहीन हो जाता है. 'पठान' और 'वॉर' जैसी फिल्मों में हमने ऐसा देखा भी है. 'भोला' में लोग उड़ ज़रूर रहे हैं. पर वो तर्कहीन उड़ान नहीं है. फिल्म में एक 5 मिनट लंबा पैसा वसूल चेस सीक्वेंस है. ये अजय ने अपने पिता को डेडिकेट किया है. इसके अलावा त्रिशूल उठाकर जब अजय देवगन लड़ना शुरू करते हैं, भाई साहब मज़ा ही आ जाता है. वेल कोरियोग्राफ्ड सीक्वेंस है. इसके लिए एक्शन डायरेक्टर रमज़ान बुलुत और आर.पी. यादव की तारीफ तो बनती है.

अजय देवगन ने जान फूंक दी है
आड़े-तिरछे कैमरा ऐंगल्स

अजय देवगन अपनी फिल्मों में कैमरा ऐंगल्स के साथ बहुत खेल करते हैं. यहां भी उन्होंने ऐसा ही किया है. आप सोचेंगे; ओह ऐसे भी कैमरा ऐंगल भी हो सकते हैं. सोचिए उन्होंने एक जगह कैमरे को दाईं ओर टेढ़ा नहीं किया है, बल्कि पूरा 90 डिग्री फ्लिप ही कर दिया है. एक जगह ट्रक की स्टीयरिंग के नीचे कैमरा लगा मिलेगा. ऑब्जेक्ट को फॉलो करने वाले शॉट तो कई सारे हैं. कई जगह ये वर्क भी करते हैं. और एकाध जगह ऐसा भी लगता है, यहां नॉर्मल कैमरा ऐंगल हो सकता था, इसमें एक्सपेरिमेंट की क्या ज़रूरत थी? 'भोला' के सिनेमैटोग्राफर हैं, असीम बजाज. उनके कैमरा वर्क की वजह से ही ऐक्शन सीक्वेंस  उभरकर आए हैं. ऐसा ही आप फिल्म के एडिटर धर्मेन्द्र शर्मा के लिए भी कह सकते हैं. जहां ज़रूरत है, वहीं उन्होंने छोटे-छोटे कट्स रखे हैं. बेमतलब के फास्ट पेस के चक्कर में पड़कर मामला नहीं बिगाड़ा है, जो कि एक अच्छी बात है.

कुछ आलोचना हो जाए

अभी तक तारीफ कर रहे थे. अब ज़रा थोड़ा क्रिटिसाइज भी कर लिया जाए. 'भोला' कुछ क्लीशेज से नहीं बच पाई है. जैसे किसी को खूंखार दिखाने के लिए बोटी खाते दिखाना अजय देवगन ने भी बेहतर समझा है. फिल्म सेट है प्रतापगढ़ और रायबरेली के आसपास. पर एक्सेंट वही टिपिकल यूपी वाला, जैसा हमने बॉलीवुड में देखा है. रायबरेली-प्रतापगढ़ में कनपुरिया एक्सेंट घुसेड़ दिया है. इस मामले में थोड़ा रिसर्च की दरकार थी. हां, एक बात और, अजय देवगन नॉर्मल एक्सेंट में बोलते हैं. उनको यूपी का टिपिकल एक्सेंट नहीं मिला है, जबकि वो हैं यूपी के ही. 

तबू एक बार फिर पुलिस ऑफिसर के रोल में हैं
अच्छी कास्ट और अच्छी ऐक्टिंग  

अजय देवगन ने सिर्फ एक्शन फ्रंट पर ही नहीं, बल्कि नॉर्मल ऐक्टिंग में भी बढ़िया काम किया है. एक इमोशनल सीन है, वहां उनका किरदार भोला अपनी बेटी से मिलने जा रहा होता है. उससे पहले उनके चेहरे पर अकुलाहट आती है. प्रेम भी है और नर्वसनेस भी है. उनके पास वहां लाउड होने का ऑप्शन था. पर वो अंडरटोन रहकर ही कमाल दिखाते हैं. तबू के लिए आईपीएस डायना का किरदार बहुत आसान रहा होगा. क्योंकि वो ठीक ऐसे ही किरदार 'दृश्यम' और 'कुत्ते' में निभा चुकी हैं. एक नंबर काम है. दीपक डोबरियाल ने आशु के किरदार को जीवंत कर दिया है. उनके चेहरे से ही पता चलता है, ये आदमी कितना अनस्टेबल है. कभी भी कुछ भी कर सकता है. संजय मिश्रा ने कॉन्स्टेबल यादव का रोल ऐसे निभाया है, जैसे मक्खन. मानना पड़ेगा इस आदमी को आप कुछ भी देंगे, वो इसे हीरा ही बना देगा. ऐसा ही कुछ विनीत कुमार और गजराज राव के साथ भी है. मतलब आप उनकी ऐक्टिंग में नाखून बराबर भी खामी नहीं निकाल सकते.

कुल मिलाकर 'भोला' मास एंटरटेनर है. इसे आप महान फिल्म के तौर पर देखने जाएंगे, तो निराश होंगे. पर ये एक अच्छी मसाला मूवी साबित होती है. यहां अजय देवगन डायरेक्टर के तौर पर भी निखरकर आए हैं. फिल्म में सीक्वल के लिए भी स्पेस छोड़ा गया है. यदि आपको सिर्फ एंटरटेनमेंट और एक्शन चाहिए, तो 'भोला' ज़रूर देख डालिए. 

वीडियो: अजय देवगन की 'भोला' के लिए 'दसरा' स्टार नानी ने जो किया, कोई बड़े दिल वाला ही कर सकता है

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