facebookkerala students beaten in madhya pradesh university
The Lallantop

मध्य प्रदेश की ट्राइबल यूनिवर्सिटी में केरल के छात्रों को इतना पीटा गया अस्पताल पहुंच गए

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दावा किया कि कोई भी छात्र अस्पताल में भर्ती नहीं हुआ.
IGNTU Madhya Pradesh students from Kerala beaten by security staff
पीड़ित छात्रों की तस्वीरें. (साभार- रवींद्र शुक्ला/आजतक)
pic
Invalid Date
Updated: Invalid Date Invalid Date IST
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large

मध्य प्रदेश स्थित इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी (IGNTU) में केरल के कुछ छात्रों की पिटाई कर दी गई. यूनिवर्सिटी के सुरक्षा कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने केरल के चार छात्रों को बेरहमी से पीटा. घटना उस वक्त की है जब छात्र यूनिवर्सिटी के मेन गेट के पास बनी पानी की टंकी से उतर रहे थे. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और वहां के वायनाड से सांसद राहुल गांधी समेत अन्य दक्षिण राज्यों के बड़े नेताओं ने इस घटना की कड़ी शब्दों में निंदा की है. 

क्या है पूरा मामला?

इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी मध्य प्रदेश के अमरकंटक में बनी है. केरल के रहने वाले चार छात्र यहां से पढ़ाई कर रहे हैं. शुक्रवार, 10 मार्च को ये छात्र यूनिवर्सिटी के मेन गेट के पास बनी पानी की टंकी पर कुछ तस्वीरें लेने गए थे. वे इस बात से अनजान थे कि वो जगह छात्रों के लिए प्रतिबंधित है. लल्लनटॉप से बात करते हुए यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने ये जानकारी दी. नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर छात्र ने बताया,

“पानी के टैंक में प्रवेश प्रतिबंधित था. (लेकिन) इसको लेकर कोई भी साइन बोर्ड वहां नहीं लगा था. कुछ सुरक्षा कर्मचारियों ने (पीड़ित) छात्रों से पूछा, और टैंक से उतरने वक्त उनकी तस्वीरें भी ले लीं. पूछे जाने पर छात्रों ने सुरक्षा कर्मचारियों को अपनी आईडी दिखाई और वहां से हॉस्टल की ओर चल दिए.”

छात्र ने आगे कहा कि जैसे ही छात्रों ने हॉस्टल की ओर जाना शुरू किया, अचानक एक गाड़ी उनके पास आई और उस में से बाहर निकले सुरक्षा कर्मचारियों ने छात्रों को पीटना शुरू कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिटाई के कारण छात्रों को चोटें आईं जिसके बाद उन्हें अनूपपुर स्थित जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.

राजनीतिक हुआ मामला

छात्रों के साथ हुए इस व्यवहार पर कड़ी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आई हैं. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इसे किसी की पहचान के आधार पर शत्रुता रखने से जोड़ा. उन्होंने ट्वीट कर लिखा,

“केरल के छात्रों पर IGNTU में हमले भयावह हैं. देश में व्यक्तियों की पहचान के आधार पर उनके प्रति बढ़ती शत्रुता का विरोध करने की आवश्यकता है. यूनिवर्सिटी में दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए और परिसर में सभी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए.”

केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने इस घटना की निंदा की. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा,

“यूनिवर्सिटी परिसर के अंदर अनजाने और मामूली मामले के लिए छात्रों के खिलाफ इस तरह की क्रूरता के बारे में जानकर मैं स्तब्ध हूं. मैं ट्राइबल यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ खड़ा हूं और प्रशासन से जवाबदेही की मांग करता हूं.”

वहीं वायनाड से सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस घटना का विरोध किया. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि केरल के चार छात्रों पर हुए हमले से वो हैरान हैं. राहुल ने पोस्ट में लिखा,

“यह शर्मनाक और पूरी तरह अस्वीकार्य है. मैं यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ एकजुटता से खड़ा हूं और गंभीर चोटों के साथ अस्पताल में भर्ती पीड़ितों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं. दोषियों को न्याय दिलाने के लिए इस घटना की तुरंत और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.”

घटना पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की भी प्रतिक्रिया आई. उन्होंने एक ट्वीट में कहा,

"मैं IGNTU में केरल के छात्रों को सिक्योरिटी स्टाफ द्वारा मारे जाने की निंदा करता हूं. उनका काम छात्रों की सुरक्षा करना है. केंद्र सरकार से मेरी अपील है कि इस मामले में हस्तक्षेप करे और उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों पर हो रहे हमलों और उनसे भेदभाव करने की बढ़ती प्रवृत्ति रोके."

वहीं, सीपीआई (एम) सांसद एलामारम करीम ने केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिख कर आरोप लगाया है कि सुरक्षा कर्मियों ने केरल के छात्रों पर हमला किया. सांसद के मुताबिक ये छात्र यूनिवर्सिटी परिसर के अंदर विभिन्न प्रकार के भेदभाव का सामना कर रहे थे. करीम ने इस मामले में केंद्रीय मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की और सुरक्षा कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने को भी कहा.

IGNTU की तरफ से सफाई

मामला बढ़ता देख IGNTU की तरफ से सफाई दी गई है. यूनिवर्सिटी ने ट्विटर पर एक के बाद एक कई ट्वीट कर इस घटना से ही इनकार किया है.

यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से कहा गया,

“यह एक भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है कि छात्रों को क्षेत्र विशेष के आधार पर देखा जाता है, जबकि ऐसा नहीं है. माननीय कुलपति जी पूरी यूनिवर्सिटी के अभिभावक हैं. यहां देश के कोने कोने से छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं. यूनिवर्सिटी प्रशासन इसकी निंदा करता है.”

यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से आगे बताया गया कि इस मामले की जांच जारी है. कुलपति ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उसने एक जांच समिति भी गठित कर दी है. ये भी कहा गया है कि कोई भी छात्र अस्पताल में भर्ती नहीं है.


वीडियो: JNU में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सीतारमन और जयशंकर का नाम लेकर क्या बोल दिया?


और भी

कॉमेंट्स
thumbnail