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छह महीने में नियुक्ति पत्र देने का वादा करने वाली यूपी सरकार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती क्यों नहीं कर रही?

TET, डीएलएड पास करके बैठे लाखों युवा प्राथमिक शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे हैं.

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प्राथिमिक शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर प्रदर्शन करते अभ्यर्थी
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गौरव
8 जून 2021 (Updated: 8 जून 2021, 12:18 PM IST)
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1 जून 2021. ट्विटर पर एक हैशटैग ट्रेंड होता नजर आया #UnemployedWantUPPRT. अगले दिन यानी कि 2 जून को भी इसी से जुड़ा एक हैशटैग ट्रेंड हुआ #Blackday_Release_UPPRT. इस हैशटैग के साथ करीब 5 लाख ट्वीट हुए. इसके तीन दिन बाद यानी 5 जून को भी एक हैशटैग ट्रेंड हुआ #UnemployedDayStudentWantUPPRT. सोशल मीडिया पर लगातार इस तरह कैंपेन चला रहे लोग, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से प्राथमिक शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे हैं. प्राथमिक शिक्षक यानी कि 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ाने वाले अध्यापक. सरकार से भर्ती निकालने की मांग कर रहे लोगों का दावा है कि सरकार के पास करीब 1 लाख 73 हजार शिक्षकों के लिए जगह खाली है. करीब 10-12 लाख लोग वैकेंसी का इंतजार कर रहे हैं लेकिन सरकार आंख मूंदे बैठी है. योगी सरकार में नहीं आई कोई वैकेंसी? प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए कैंपेन चला रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि पिछले चार साल से वे नई भर्ती के इंतजार में हैं. लेकिन इस सरकार में कोई भी नई भर्ती नहीं आई है. प्राथमिक शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे नीरज कसौधन बताते हैं,
अखिलेश यादव की सरकार में शिक्षामित्रों को बिना पात्रता परीक्षा कराए समायोजित कर लिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद समायोजन को रद्द कर दिया गया था. जिसके बाद सरकार ने दो बार में उन्हीं 1 लाख 37 हजार रिक्त पदों को भरने के लिए वैकेंसी निकाली. एक वैकेंसी 68500 पदों पर और दूसरी 69000 पदों पर. इस सरकार के चार साल बीतने को हैं. इसके अब तक कोई नई वैकेंसी नहीं आई है. जबकि हर साल करीब 2 लाख प्रशिक्षु ट्रेनिंग लेकर तैयार हो रहे हैं. इसके अलावा हर साल आप TET भी करा रहे हैं. जब आपको वैकेंसी निकालनी ही नहीं है तो फिर ये सब क्यों? क्योंकि बिना भर्ती के इन सबका कोई मतलब ही नहीं है. आपके पास पात्रता परीक्षा कराने के लिए समय है लेकिन भर्ती कराने के लिए नहीं है.
प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पहले एक ट्रेनिंग कोर्स चलाती थी. इसे बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट यानी बीटीसी कहा जाता था. 2017 में बीटीसी को डीएलएड यानी डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन कर दिया गया. डीएलएड करने के बाद अभ्यर्थियों को TET यानी शिक्षक पात्रता परीक्षा देनी होती है. इसे पास करने के बाद अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती में शामिल होने के योग्य हो जाता है. भर्ती की मांग कर रहे अभ्यर्थियों का दावा है कि ऐसे लोगों की संख्या इस समय 10 लाख के करीब है. इन्हीं में से एक मयंक शुक्ल बताते हैं,
मैंने डीएलएड में 2017 बैच में एडमिशन लिया और 2019 में पास हुआ. 2018 में 69 हजार की भर्ती आई. लेकिन ये दो साल तक कोर्ट में फंसी रही थी. दो साल हम लोगों को प्रशिक्षण प्राप्त किए लगभग हो चुके हैं. लेकिन अब तक शिक्षकों की कोई वैकेंसी नहीं निकली है. कई बार TET और CTET पास कर चुके हैं. लेकिन भर्ती नहीं आ रही है. हमारे बैच में करीब डेढ़ लाख लोग डीएलए़ड में थे. इसके बाद दो बैच और आए. हमसे पहले के बैच के लोग भी हैं. बीएड वाले लोग भी अब प्राथमिक भर्ती में हिस्सा ले सकते हैं. शिक्षामित्र भी वैकेंसी का इंतजार कर रहे हैं. कुल मिलाकर 10-12 लाख लोग वैकेंसी के इंतजार में तैयार खड़े हैं.
शिक्षकों के कितने पद खाली? सितंबर 2020 में लोकसभा सांसद धर्मवीर सिंह ने केंद्र सरकार से देश भर में शिक्षकों के खाली पदों को लेकर जानकारी मांगी थी. इसके जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया था कि पूरे देश भर में शिक्षकों के 10 लाख 60 हजार पद खाली हैं. इनमें से 2 लाख 17 हजार पद अकेले उत्तर प्रदेश में रिक्त हैं. 

सितंबर 2020 में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने देश भर में शिक्षकों के खाली पदों के बारे में जानकारी दी थी. लाल घेरे में यूपी में रिक्त पदों की संख्या.
सितंबर 2020 में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने देश भर में शिक्षकों के खाली पदों के बारे में जानकारी दी थी. लाल घेरे में यूपी में रिक्त पदों की संख्या.


ऑल बीटीसी वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित कुमार एक आरटीआई का हवाला देते हुए बताते हैं कि प्राथमिक स्कूलों में करीब 1 लाख 73 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं. ये आंकड़ा 2019-20 का है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) के स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से आए RTI का हवाला देते हुए अभ्यर्थी प्राथमिक स्कूलों में 1.7 लाख शिक्षकों के खाली पद होने का दावा कर रहे हैं.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) के स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से आए RTI का हवाला देते हुए अभ्यर्थी प्राथमिक स्कूलों में 1.7 लाख शिक्षकों के खाली पद होने का दावा कर रहे हैं.


इसके अलावा सरकार ने भी 51 हजार शिक्षकों के पद खाली होने की बात स्वीकार की थी. अमित कुमार कहते हैं,
पिछले साल मई में उत्तर प्रदेश सरकार ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दिया था. जिसमें कहा था कि शिक्षकों के करीब 51 हजार पद खाली हैं. इसका विज्ञापन अभी जारी नहीं हुआ है. इसके अलावा एक आरटीआई के मुताबिक प्राथमिक शिक्षकों के करीब 1.7 लाख पद खाली हैं. सरकार हमेशा से हमें ये आश्वासन देती रही कि जैसे ही 69 हजार पदों पर भर्ती पूरी होगी नई भर्ती के बारे में सोचा जाएगा. लेकिन इतना कैंपेन चलाने के बाद भी सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश का हलफनामा, जिसमें 51 हजार सीट खाली होने की बात कही गई.
सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश का हलफनामा, जिसमें 51 हजार सीट खाली होने की बात कही गई.


सड़क पर प्रदर्शन की तैयारी पिछले कई महीनों से लगातार सोशल मीडिया पर कैम्पेन चला रहे अभ्यर्थी अब सड़क पर उतरने की तैयारी में हैं. 2 जून को प्रयागराज में कई अभ्यर्थियों ने बाल मुंडवाकर विरोध दर्ज कराया था. अब 11 जून को फिर से ट्विटर पर एक अभियान चलाने की तैयारी है. अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर इसके बाद भी सरकार नहीं सुनती है तो फिर सड़क पर उतरा जाएगा. शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे सत्येंद्र बताते हैं,
सरकार के रवैये को देखते हुए हम लोग धरना-प्रदर्शन की तैयारी कर रहे थे. लेकिन बीच में लॉकडाउन लग गया. इस वजह से ऑनलाइन कैम्पेन चल रहा है. लेकिन इतना ट्वीट और ट्रेंड कराने के बाद भी आज तक सरकार की ओर से कोई एक स्टेटमेंट तक नहीं आया कि कब भर्ती करेंगे, करेंगे या नहीं करेंगे? कुछ भी नहीं. हम यही चाहते हैं कि आपको जो भी देना है उसके बारे में सब स्पष्ट बता दीजिए.
पिछले साल सितंबर रोजगार के मुद्दे पर छात्रों ने एक बड़ा कैंपेन चलाया था. सोशल मीडिया से शुरू हुआ ये कैंपेन उत्तर प्रदेश में सड़क तक आ गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन यानी 17 सितंबर को हजारों युवाओं ने सड़क पर उतर कर अपना विरोध दर्ज कराया था. जिसके बाद 18 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों से खाली पदों का ब्यौरा मांगा. साथ ही तीन महीने में सभी पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने और छह महीने में नियुक्ति पत्र बांटने का आदेश भी दिया. सीएम योगी के इस फैसले को खूब जोर-शोर से प्रचारित किया गया. लेकिन नतीजा शून्य रहा. करीब 9 महीने बीत चुके हैं. शिक्षक भर्ती की राह देख रहे अभ्यर्थियों को निराशा ही हाथ लगी है. शिक्षक भर्ती के मसले पर सरकार का रूख जानने के लिए हमने उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी से संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन उनके सहायक की ओर से बताया गया कि वे अभी व्यस्त हैं. बात नहीं कर सकते. अगर उनकी तरफ से कोई जानकारी दी जाती है तो हम उसे अपडेट कर देंगे.

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