The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Business
  • sbi clasiffies reliance communication loan account into fraudulent category

SBI ने RCom के लोन खाते पर लगाया फ्रॉड का ठप्पा, RBI के पास अनिल अंबानी की शिकायत

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(SBI) की फ्रॉड आईडेंटिफिकेशन कमेटी रिलायंस कम्युनिकेशन को भेजे कारण बताओ नोटिस की जांच कर रही थी. FIC ने रिपोर्ट में कई अनियमितताओं का जिक्र किया है और कहा है कि कंपनी के खाते में फंड डाइवर्जन और लोन से जुड़ी नियम शर्तों के उल्लंघन का मामला दिखा है.

Advertisement
anil ambani rcom loan account classified as fraudulent
मार्च 2025 तक रिलायंस कम्यूनिकेशन पर कुल 48,216 करोड़ रुपये का कर्जा था.
pic
उपासना
3 जुलाई 2025 (Published: 09:20 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

कुछ ही दिनों पहले खबरें चल रही थीं कि अनिल अंबानी का कमबैक होने वाला है. उनकी कंपनी रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रा ने बड़ी बिजनेस डील की है. शेयरों ने भागना शुरू किया. दूसरी कंपनियों का कर्जा भी तेजी से उतर रहा था. लग रहा था कि अनिल अंबानी की वापसी बस हो ही गई है, लेकिन हाल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(SBI) के एक नोटिस ने इस कमबैक पर पॉज लगा दिया है.

SBI ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन अकाउंट को फ्रॉड अकाउंट घोषित कर दिया है. इतना ही नहीं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास कंपनी के पूर्व डायरेक्टर अनिल अंबानी की शिकायत भी कर दी है. एसबीआई के इस कदम से अनिल अंबानी को भारी झटका लगा है.

अनिल अंबानी की कंपनी को एक साल के अंदर जारी कारण बताओ नोटिस और उस पर दिए गए जवाबों के संदर्भ में बैंक और एक्सचेंज ने फॉरेंसिक ऑडिट किया था. जांच के बाद जारी रिपोर्ट के आधार पर अनिल अंबानी के खिलाफ ये कदम उठाया है. SBI ने RCom को भेजे लेटर में लिखा है, 'उसकी फ्रॉड आईडेंटिफिकेशन कमेटी (FIC) ने खाते को फ्रॉड कैटेगरी में डालने का फैसला किया है. आवश्यक कार्रवाई के लिए मामले को बैंकिंग रेगुलेटर के पास भेजा गया है.'

FIC ने रिपोर्ट में कई अनियमितताओं का जिक्र किया है. कहा है कि कंपनी के खाते में फंड डाइवर्जन और लोन से जुड़ी नियम शर्तों के उल्लंघन का मामला दिखा है. अनिल अंबानी को अब नियामकीय और कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा, जिसमें उन पर सिविल और क्रिमिनल कार्रवाई दोनों हो सकती है. आगे की जांच के लिए मामला सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन(CBI) को भी सौंपा जा सकता है.

अनिल अंबानी की कंपनी RCom को नॉन परफॉर्मिंग असेट घोषित कर दिया गया था. मई 2018 में कंपनी को इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया के लिए भेजा गया. मार्च 2025 तक कंपनी पर कुल 48,216 करोड़ रुपये का कर्जा था.

दिवालिया प्रक्रिया से गुजरने वाली कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं होती, लेकिन प्रमोटर को देनदारी या आपराधिक कार्रवाई का सामना करना होता है. SBI की FIC ने 13 जून को रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में कंपनी के खाते में लगातार वित्तीय गड़बड़ी दिखने की बात कही गई है.

रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस कम्यूनिकेशन और उसकी दूसरी सहायक कंपनियों ने पैसों को लगातार इस खाते से उस खाते में भेजा है. इनके खातों में ऐसे ट्रांजैक्शन दिखे हैं, जिनके बारे में स्पष्टता नहीं है. ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी ने बैंक से मिले फंड को बड़े पैमाने पर इधर से उधर किया गया. RCom ने पैसा अपनी सहायक कंपनियों के खाते में भेजा. वहां से ये रकम म्यूचुअल फंड, एफडी में भेजी गई. वहां से धीरे धीरे रोज दिन के ट्रांजैक्शन में इन्हें इस्तेमाल किया.

'गलत हैं आरोप'

हालांकि, अनिल अंबानी की वकील ने इन आरोपों को खारिज किया है. वकील तारिनी खुराना ने कहा है, ‘एसबीआई का ऑर्डर सुप्रीम कोर्ट, बॉम्बे हाई कोर्ट के तमाम फैसलों और यहां तक कि आरबीआई के दिशानिर्देशों सीधे सीधे उल्लंघन करता है.’

उन्होंने कहा कि बार बार पूछने के बाद भी एसबीआई की FIC ये नहीं बता रही कि उसने किस आधार पर रिपोर्ट जारी की है. आरोपों का जवाब देने के लिए अनिल अंबानी को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका भी नहीं दिया. एसबीआई ने कंपनी के अन्य नॉन एग्जिक्यूटिव और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर से कारण बताओ नोटिस वापस ले लिया है. अनिल अंबानी भी नॉन एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर हैं. रिलायंस कम्यूनिकेशन की प्रतिदिन के मामलों से उनका कोई लेना देना भी नहीं है. फिर भी उनका नाम आया है, जो कि गलत है.

वीडियो: खर्चा-पानी: क्या अनिल अंबानी इस डील से 'कमबैक' करने वाले हैं?

Advertisement