'छुट्टी के बदले पैसों' वाले सिस्टम में बड़ा बदलाव, प्राइवेट कर्मचारी पढ़कर उछल जाएंगे!
प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों को छुट्टियों के बदले मिलने वाली 25 लाख तक की रकम पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा

प्राइवेट कंपनियों या संस्था में काम करने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है. अब 25 लाख तक के लीव इनकैशमेंट ( छुट्टियों के बदले मिली रकम) पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. वित्त मंत्रालय ने इस बदलाव को 1 अप्रैल, 2023 से कर दिया है. हालांकि इस बदलाव को लेकर नोटिफिकेशन हाल ही में जारी हुआ है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने अपने बयान में कहा है कि प्राइवेट कर्मचारियों को इनकम टैक्स के सेक्शन 10 के तहत अब 25 लाख रुपये तक के लीव एनकैशमेंट पर किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा. इससे ऊपर की रकम पर टैक्स देना होगा. अब तक केंद्रीय और राज्य सरकारों के कर्मचारियों को लीव एनकैशमेंट पर कोई टैक्स नहीं चुकाना होता है. वहीं, गैर सरकारी कंपनी या संस्था से जुड़े एंप्लॉयीज को छुट्टियों के बदले मिले पैसे पर टैक्स देना होता था.
नियम ये है कि अगर कोई एंप्लॉयी नौकरी के दौरान ही छुट्टियों को कैश कराता है तो सरकार उसे सैलरी का हिस्सा मानकर टैक्स लेती है. लेकिन प्राइवेट कर्मचारियों के रिटायरमेंट या कंपनी छोड़ते समय छुट्टियों के बदले नगद लेने पर अलग तरीके से टैक्स लगता है. प्राइवैट कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट के समय छुट्टियों के बदले 3 लाख रुपये तक की रकम टैक्स फ्री होती थी, जिसे अब बढ़ाकर 25 लाख कर दिया गया है. आपको बता दें कि अगर गैर सरकारी कंपनी या संस्था में काम कर रहे कर्मचारी की मौत हो जाती है तो उसे लीव एनकैशमेंट के तहत पूरी रकम दी जाती है और उस पर कोई टैक्स नहीं देना होता है.
क्या है लीव एनकैशमेंट?हर कंपनी अपने एंप्लॉयीज को अर्न्ड लीव (EL) या पेड लीव (PL) देती हैं. अगर कोई कर्मचारी अपनी नौकरी के दौरान इन छुट्टियों को इस्तेमाल नहीं करता है तो उन्हें रिटायर होने पर या कंपनी छोड़ने पर बची हुई लीव के बदले नकद भुगतान किया जाता है. टैक्स एक्सपर्ट विनोद रावल ने लल्लनटॉप को बताया कि यह भुगतान एंप्लॉयी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) के हिसाब से निकाली जाती है और कर्मचारी का जितना पैसा बनता है उतना उसे पेमेंट कर दिया जाता है. सरकारी एंप्लॉयीज को लीव एनकैशमेंट पर पहले से ही 25 लाख रुपये की टैक्स छूट मिल रही है, लेकिन प्राइवेट सेक्टर पर यह नियम लागू नहीं था. वित्तमंत्री ने इस साल बजट भाषण में कहा था कि अब प्राइवेट सेक्टर को भी लीव एनकैशमेंट पर सरकारी कर्मचारियों की तरह ही टैक्स छूट दी जाएगी.
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