विराट कोहली. BCCI. रोहित शर्मा और कप्तानी. ये चार शब्द बीते कुछ दिनों से क्रिकेट की दुनिया में छाए हुए हैं. BCCI ने 8 दिसंबर दिन बुधवार को विराट कोहली को कप्तानी से बर्खास्त कर दिया. BCCI ने विराट की जगह रोहित शर्मा को नया वनडे कप्तान बना दिया. और फिर दादा ने खुलासा किया कि वह चाहते थे कि कोहली T20 कप्तानी न छोड़ें.
लेकिन कोहली ने बात नहीं मानी. BCCI लिमिटेड ओवर फॉर्मेट में दो कप्तान नहीं चाहता था. इस कारण कोहली को कप्तानी से हटा दिया. फिर अफवाह उड़ी कि कप्तानी छीने जाने के बाद कोहली वनडे सीरीज में नहीं खेलेंगे. बाद में खुद विराट कोहली (Virat Kohli) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आकर इन सारी बातों का खंडन किया.
कोहली ने कहा कि उन्हें कप्तानी से हटाने की कोई वजह नहीं बताई गई थी. इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया. और क्रिकेट फै़न्स BCCI को लताड़ने लगे. कुल मिलाकर कोहली की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद भी खिचड़ी जैसा माहौल बना हुआ है. कई सवाल हैं, जिनका जवाब आना बाकी है.
#EJSports | #ViratKohli‘s fiery press conference in Mumbai. Says he wasn’t contacted in time before ODI captaincy snub & speaks at length about his ‘alleged fight’ with #RohitSharma @imVkohli @ImRo45 @BCCI pic.twitter.com/ZhsjSf9uSz
— editorji (@editorji) December 15, 2021
लेकिन ये पहला मौका नहीं है, जब खिलाड़ी, कप्तानी और BCCI के बीच विवाद खड़ा हुआ है. सुनील गावस्कर, सीके नायुडु, सचिन तेंडुलकर जैसे कुछ नाम हैं. जो ऑलरेडी इस दंश को झेल चुके हैं. इस आर्टिकल के जरिये हम आपको बताने वाले हैं उन पांच किस्सों के बारे में जब कप्तानी पर विवाद खड़ा हुआ.
# CK Nayudu – Vizianagaram
सीके नायुडु. भारत के पहले टेस्ट कप्तान. कमाल के बल्लेबाज थे. 68 की उम्र तक क्रिकेट खेले. फर्स्ट क्लास में 12 हज़ार से ज्यादा रन. और 400 से ज्यादा विकेट झटके. भारत के लिए सात टेस्ट मैच खेले और दो अर्धशतक लगाए. सीके नायुडु से पहले महाराजकुमार ऑफ विजयनगरम टीम इंडिया के आधिकारिक कप्तान थे. ये अलग बात है कि खेल के मामले में विजयनगरम सीके नायुडु के मुक़ाबले कहीं नहीं ठहरते थे.
विजयनगरम भारत के सबसे विवादित कप्तान भी रहे. 1936 के इंग्लैंड दौरे पर कप्तान बने. विज्जी के नाम से मशहूर विजयनगरम ने पूरे करियर में तीन ही टेस्ट खेले और तीनों में कप्तान रहे. बताया जाता है कि विज्जी टीम के कप्तान बनने के लायक ही नहीं थे. लेकिन राजपरिवार से आने के रसूख के चलते उन्हें यह ओहदा मिला था.
# S Venkataraghavan
एस वेंकटराघवन को कप्तानी से हटाये जाने का किस्सा और दिलचस्प है. उन्हें तो उड़ती फ्लाइट में जानकारी मिली कि अब वह टीम इंडिया के कप्तान नहीं रहे. दरअसल, साल 1974 में वेंकटराघवन को दो टेस्ट के लिए कप्तानी मिली थी, जिसमें टीम हारी थी. इसके बाद जून 1979 तक वेंकटराघवन ने सिर्फ वनडे में कप्तानी की. और सुनील गावस्कर टेस्ट टीम की अगुवाई करते थे. ये स्प्लिट कैप्टेंसी का दौर था. खैर, साल 1979 में टीम इंडिया इंग्लैंड दौरे पर गई. और अचानक गावस्कर की जगह वेंकटराघवन को कप्तान बना दिया गया.
ये हैरान करने वाला फैसला था. टीम इंडिया जब दौरे से लौट रही थी, तभी अचानक से फ्लाइट में पायलट ने अनाउंस किया कि अब वेंकटराघवन टीम इंडिया के कप्तान नहीं रहे. उनसे कप्तानी लेकर फिर से सुनील गावस्कर को दे दी गई.
# Sunil Gavaskar
महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने 1978 से लेकर 1985 तक कई टुकड़ों में भारत की कप्तानी की. इस दौरान उनसे कई बार कप्तानी छीनी गई और फिर उन्हें दोबारा कप्तान भी बनाया गया. जैसा कि हमने ऊपर बताया कि एक बार गावस्कर से कप्तानी लेकर वेंकटराघवन को दे दी गई थी. और जब उन्हें अचानक कप्तान बनाया गया, तो BCCI ने गावस्कर को हटाने की कोई वजह नहीं दी.
और फिर 80 के दशक में गावस्कर और कपिल देव के बीच कप्तानी को लेकर खूब खींचतान हुई. गावस्कर और BCCI सेलेक्टर्स में कई बार ठनी भी. इसके बाद 1985 में सुनील गावस्कर ने खुद बोर्ड के रवैये से तंग आकर कप्तानी छोड़ी दी. उस साल सुनील गावस्कर ने अपनी कप्तानी में चैंपियन ऑफ चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती थी.
# Sachin Tendulkar
सचिन तेंडुलकर का भी हाल कुछ-कुछ विराट कोहली जैसा ही रहा. साल 1997 में सचिन तेंडुलकर को श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के बाद कप्तानी से हटाया गया. और उन्हें भी इसकी वजह नहीं बताई गई. BCCI के इस रवैये से सचिन काफी दुखी हुए थे. कप्तानी से हटाए जाने को लेकर उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘प्लेइंग इट माय वे’ में भी ज़िक्र किया है. सचिन लिखते हैं,
‘सीरीज खत्म होने के बाद मुझे अनौपचारिक रूप से कप्तानी से बर्खास्त कर दिया गया. BCCI की तरफ से किसी ने मुझे कॉल नहीं किया. मुझे मीडिया से इस बात की खबर मिली. मुझे काफी अपमानित महसूस हुआ. उस वक्त मैं अपने दोस्तों के साथ साहित्य सहवास सोसाइटी में था.
इसके बाद जिस तरीके से उन चीजों को हैंडल किया गया. वो गलत था. हालांकि उस घटना ने मुझे आने वाले सालों में बेहतर क्रिकेटर बनने में मदद की. मैंने खुद को यही कहा कि BCCI के लोग मुझसे कप्तानी छीन सकते हैं लेकिन क्रिकेट नहीं.’
# Sourav Ganguly – Greg Chappell
ग्रेग चैपल और सौरव गांगुली के बीच का विवाद जगजाहिर है. साल 2005 में जब टीम इंडिया जिम्बाब्वे दौरे पर गई थी. तो ग्रेग चैपल ने नेट्स के दौरान उनसे कहा कि वह पहले टेस्ट में गांगुली की जगह युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ को तरजीह देना पसंद करेंगे. इसके बाद गांगुली इतने चिढ़ गए कि उन्होंने वापस जाने के लिए अपना सामान भी पैक कर लिया.
हालांकि इसके बाद टीम डायरेक्टर अमिताभ चौधरी, ग्रेग चैपल और राहुल द्रविड़ ने किसी तरह गांगुली को मनाया. गांगुली बुलावायो टेस्ट में खेले जहां उन्होंने 101 रन की पारी खेली. इसके बाद गांगुली ने मीडिया में बयान दिया कि उन पर कप्तानी छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा था. जिम्बाब्वे दौरा खत्म होने के बाद कोच ग्रेग चैपल ने BCCI को एक ईमेल किया जो मीडिया में लीक हो गया.
चैपल ने इस ईमेल में गांगुली को मानसिक और शारीरिक तौर पर कमजोर बताया था. साथ ही उन्होंने ये भी लिखा था कि गांगुली टीम इंडिया की कप्तानी करने लायक नहीं हैं. बाद में गांगुली भारतीय टीम के कप्तान पद से हटा दिए गए. वनडे टीम से भी निकाले गए. और इसमें भरपूर योगदान ग्रेग चैपल का था. मज़ेदार बात ये है कि गांगुली की सिफ़ारिश पर ही ग्रेग चैपल को भारतीय टीम को कोच बनाया गया था. दो साल बाद गांगुली टीम में आए और 2007 वर्ल्डकप टीम का हिस्सा भी बने, जहां राहुल द्रविड़ टीम इंडिया के कप्तान थे.
साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में खेलेंगे विराट कोहली