लोक अदालत की डेट आ गई, अब बड़े से बड़ा ट्रैफिक चालान भी हो सकता है माफ, बस ये काम करना है
National Lok Adalat 2025: लोक अदालत में कई मामलों की सुनवाई की जाती है, जिसमें ट्रैफिक नियम के उल्लंघन से जुड़े मामले भी शामिल हैं. अगर आपके भी कुछ चालान पेंडिंग हैं, तो उन्हें आप इस कोर्ट में माफ या जुर्माने की फीस को कम करा सकते हैं.

अगर गाड़ी चलाते समय आपके 2-3 चालान कट चुके हैं और आप इनसे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो 13 सितंबर 2025 इसके लिए सही तारीख है. क्योंकि इस दिन राष्ट्रीय लोक अदालत लग रही है. इस कोर्ट में आप चालना माफ या कम करा सकते हैं.
दरअसल, लोक अदालत में जुर्माने की फीस को कम या बिल्कुल माफ कराया जा सकता है. सबसे बड़ी बात है कि इस कोर्ट में मामला लंबा नहीं चलता है और ज्यादा दस्तावेजों की भी जरूरत नहीं पड़ती है. अब आप भी इस अदालत में जाकर मामला सुलझाना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रोसेस से गुजकर एक टोकन लेना पड़ेगा. टोकन और अपॉइंटमेंट के बिना मामलों की सुनवाई नहीं की जाएगी.
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ध्यान रहे कि सुनवाई के दिन टोकन नंबर और नियुक्ति पत्र के अलावा गाड़ी के ओरिजिनल पेपर और चालान की कॉपी आपके पास होनी चाहिए. अब बात करते हैं कि लोक अदालत में किन-किन ट्रैफिक से जुड़े मामलों में राहत दी जाती है और किन केस में राहत नहीं दी जाती.
इन मामलों में मिलेगी राहत | इन मामलों में नहीं मिलेगी राहत |
बिना सीट बेल्ट ड्राइविंग करना | नशे में ड्राइविंग करना़ |
बिना हेलमेट लगाए टू व्हीलर चलाना | लापरवाही से ड्राइविंग की वजह से किसी की मौत |
रेड लाइट तोड़ना | नाबालिग का व्हीकल ड्राइविंग करना |
गलती से कटा चालान | हिट-एंड-रन केस |
स्पीड लिमिट का उल्लंघन करना | दूसरे राज्य में कटा ट्रैफिक चालान |
PUC सर्टिफिकेट न होना | वाहन का उपयोग आपराधिक गतिविधि में करना |
ड्राइविंग लाइसेंस के बिना वाहन चलाना | स्पीड ट्रायल करना |
अगर आपके भी छोटे-मोटे चालान हैं, तो आप लोक अदालत में जाकर उन्हें माफ करा सकते हैं. या जज जुर्माने की फीस कम कर सकते हैं. बता दें कि लोक अदालत में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के अलावा, घरेलू विवाद, बीमा विवाद, उपभोक्ता विवाद, बिजली और पानी बिल विवाद (चोरी के मामलों को छोड़कर), प्रॉपर्टी संबंधी विवाद और अन्य सिविल मामलों की भी सुनवाई होती है. ये सुनवाई लीगल सर्विस अथॉरिटी एक्ट, 1987 के तहत की जाती है.
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