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कॉन्गो के पहले प्रधानमंत्री पैट्रिक लुमुम्बा 60 साल बाद फिर से चर्चा में क्यों हैं?
आज बात एक युवा कवि की. जिसने अपने देश में आज़ादी की बयार लाई. औपनिवेशिक शासन के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद की. ग़ुलामी के दर्द पर मरहम लगाया. फिर आज़ाद मुल्क़ का पहला प्रधानमंत्री बना. ऐसा क्या हुआ कि तीन महीने के भीतर ही उसका तख़्तापलट हो गया? आज़ादी के नायक को दर-ब-दर क्यों होना पड़ा? और, उसे किसने तेज़ाब में डालकर जला दिया? सबसे ज़रूरी बात, आज उस शख़्स की चर्चा क्यों कर रहे हैं? सब विस्तार से बताते हैं.
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युगांडा के राष्ट्रपति चुनाव में पॉप सिंगर बॉबी वाइन की इतनी चर्चा क्यों हो रही है?
आज कहानी एक चुनाव की. जिसने एक देश में उथल-पुथल मचा रखी है. समझिए कि जंग का माहौल है. एक तरफ एक नौजवान गायक है. जवां दिलों का चहेता. बदलाव का सिंबल. दूसरी तरफ है, एक मंझा हुआ राजनेता. दो तानाशाहों को हराकर सत्तासीन हुआ गुरिल्ला सैनिक. जिसने वादा किया था, देश में डेमोक्रेसी लाएंगे. फिर उसने वादे की ऐसी-तैसी कर दी. संविधान में हेर-फेर कर अजेय बने रहने का रास्ता साफ़ कर लिया. अब इसी चाह को चुनौती मिल रही है. इस लड़ाई में सोशल मीडिया ऐप्स पर ताला क्यों लग गया? वोटिंग के दिन राजधानी में मिलिटरी टैंक्स क्या कर रहे हैं? पूरा मामला विस्तार से बताते हैं.
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दिल्ली में किसानों को प्रोटेस्ट करने की अनुमति मिली, क्या दबाव में आ गई मोदी सरकार?
दी लल्लनटॉप शो के आज के एपिसोड में देखिए:-
01. किसान-पुलिस भिड़ंत की बातें जो आपसे छूट गई!
02. किसानों के किन मुद्दों पर सरकार ने बात अटका दी?
03. किसान आंदोलन के बीच सरकार का रुख समझिए
04. दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस की कौन सी बात नहीं मानी?
दी लल्लनटॉप शो का पिछला एपिसोड देखने के लिए यहां क्लिक करें
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बिहार चुनाव: राजेंद्र प्रसाद के गांव के लोग पीएम मोदी से किस बात पर नाराज़ हैं?
बिहार विधानसभा चुनाव 2020. लल्लनटॉप की टीम चुनाव कवरेज के लिए बिहार के सीवान पहुंची. हम यहां भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के गांव पहुंचे. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर, 1884 को बिहार के सीवान जिले के जीरादेई गांव में हुआ था. उनके गांव में हमने स्थानीय लोगों से बात की. लोगों ने चिराग पासवान, रामविलास पासवान, नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार और लालू यादव के बारे में भी अपनी राय दी है.गांव को आदर्श ग्राम योजना के तहत या बिहार सरकार के अधीन चुने जाने के बाद गांव को क्या मिला, हमने यह भी जानने की कोशिश की. पूरी बातचीत देखिए वीडियो में.
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बिहार का वो मुख्यमंत्री जिसका पोता भी उसके खिलाफ नारे लगाता था
बिहार के चौथे मुख्यमंत्री कृष्ण बल्लभ सहाय. जिन्हें के बी सहाय के नाम से जाना जाता था. के बी सहाय का जन्म 31 दिसंबर 1898 को पटना के पास फतुहा में हुआ था लेकिन उनके जन्म के कुछ ही दिनों के बाद उनका परिवार हजारीबाग जाकर बस गया. उनके पिता अंग्रेजों के राज में पुलिस थाने के दरोगा हुआ करते थे. हजारीबाग के सेंट कोलंबस कॉलेज से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की. कॉलेज के दिनों में ही वे स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े. असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आन्दोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में जेल भी गए. 1937 में श्रीकृष्ण सिंह की सरकार में संसदीय सचिव भी बनाए गए.
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बिहार चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा नालंदा के इन लोगों से जानिए
बिहार विधानसभा चुनाव 2020. लल्लनटॉप की टीम चुनाव कवरेज के लिए बिहार के नालंदा पहुंची. यह बिहार के सीएम का गृह जनपद है. हमने यहां के लोगों से बात की. उनसे सरकार के काम के बारे में पूछा. नीतीश कुमार के शराबबंदी के बारे में पूछा. बिहार में इस बार के चुनावी मुद्दों पर बात की. बिहार की नालंदा विधानसभा सीट पर जदयू का कब्जा है. इस सीट पर जदयू का कोई भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरता है, लेकिन कहा जाता है कि नीतीश कुमार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. श्रवण कुमार फिलहाल नालंदा के विधायक हैं. श्रवण कुमार 6 चुनाव जीत चुके हैं. लेकिन उनकी इस बार की लड़ाई काफी टक्कर की हो रही है. पूरी खबर देखिए वीडियो में.
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बिहार चुनाव: सीएम के जिले वालों ने विकास में पिछड़ने की सबसे बड़ी वजह बता दी
बिहार विधानसभा चुनाव 2020. लल्लनटॉप की टीम चुनाव कवरेज के लिए बिहार के राजगीर पहुंची. यहां के लोगों से बात की. यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. यहां से भाजपा के सत्यदेव नारायण आर्य आठ बार विधायक रहे हैं. वह वर्तमान में हरियाणा के राज्यपाल हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू महागठबंधन का हिस्सा था. इस बार समीकरण बदल गया है और भाजपा और जदयू साथ नहीं हैं. टिकट नहीं मिलने के बाद रवि ज्योति ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया. हमने स्थानीयों सेबात की. उनसे सरकार के काम के बारे में पूछा. नीतीश कुमार के शराबबंदी के बारे में पूछा. देखिए वीडियो.
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बिहार चुनाव: नालंदा में EWS कोटे से नौकरी मिली, युवक ने मुस्कुराते हुए बड़ी बात बोल दी
बिहार विधानसभा चुनाव 2020. लल्लनटॉप की टीम चुनाव कवरेज के लिए बिहार के नालंदा पहुंची. यहां के लोगों से बात की. एक युवक से बात की. सिपाही की नौकरी के लिए उनका सेलेक्शन हुआ है. युवका का कहना है कि समाज में लोग बिखर गए हैं. लोगों में आत्मविश्वास की कमी है. इसीलिए कोई काम नहीं पूरा हो रहा है. लोगों ने आरोप लगाया कि नेता लोग कमीशन लेते हैं, इसलिए काम नहीं होता है. विधायक के काम के बारे में क्या कहा, देखिए वीडियो.
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बिहार चुनाव: नालंदा के इस युवक ने वोटिंग के दिन की सच्चाई बता दी
बिहार विधानसभा चुनाव 2020. लल्लनटॉप की टीम चुनाव कवरेज के लिए बिहार के नालंदा पहुंची. यहां के लोगों से टीम ने बात की. लोगों ने कहा की नीतीश दल-बदलू नेता हैं. कभी लालू के साथ थे और अब बीजेपी के साथ. एक ने कहा कि नीतीश को सभा में बैठाने वाले लालू प्रसाद यादव थे. लेकिन उन्होंने उनको ही धक्का मार दिया. एक युवक ने कहा कि वो वोट नहीं देगा कभी भी. क्योंकि वोट बिकता है. नेता-विधायक पैसा देंगे, तो वोट पड़ता है. और क्या-क्या कहा देखिए वीडियो.
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बिहार चुनाव: लखीसराय के इन मज़दूरों की सच्चाई सुनकर श्रम संसाधन मंत्री की बोलती बंद हो जाएगी
बिहार विधानसभा चुनाव 2020. लल्लनटॉप की टीम चुनाव कवरेज के लिए बिहार के लखीसराय पहुंची. यहां से श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा बीजेपी के टिकट पर खड़े हैं. यहां के मज़दूरों से टीम ने बात की. मजदूरों ने बताया कि रोज़ सुबह आठ बजे वो चौराहे पर आ जाते हैं. नौ बजे तक काम मिलता है तो चले जाते हैं और नहीं मिलता, तो घर चले जाते हैं. एक ने कहा कि नीतीश कुमार ने लॉकडाउन में जो मजदूर दूसरे राज्य से काम छोड़कर अपने घर बिहार आए, उनके लिए कोई व्यववस्था नहीं किए. देखिे वीडियो.