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मोबाइल का वाईफाई हॉट स्पॉट देना बंद कीजिए, कनेक्ट होते ही अकाउंट खाली हो जाएगा

पब्लिक Wi-Fi से साइबर ठगी अब पुरानी हो चली है. साइबर ठग अब वाईफाई हॉट स्पॉट से ठगी (Wi-Fi hotspot Hacking) कर रहे हैं. इधर आपने शेयरिंग इज केयरिंग के चक्कर में अपने मोबाइल का हॉट स्पॉट शेयर किया, उधर आपका अकाउंट खाली.

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वाईफाई हॉट स्पॉट देना महंगा पड़ेगा

आप किसी कैफे में बैठे हैं या किसी स्टेशन पर खड़े हैं और तभी कोई आपके पास आता है और आपसे मोबाइल का वाईफाई हॉट स्पॉट देने की गुजारिश करता है. वाईफाई हॉट स्पॉट मांगने वाला कहता है कि पता नहीं क्यों उसका मोबाइल नेटवर्क काम नहीं कर रहा. मुझे बस एक पेमेंट करना है या फिर बस एक व्हाट्सऐप मैसेज करना है. पूरी उम्मीद है कि आप अपने मोबाइल का वाईफाई हॉट स्पॉट शेयर कर देंगे. लेकिन नहीं, बिलकुल ऐसा नहीं करना था.

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आप फंस गए. शेयरिंग इज केयरिंग के चक्कर में आप साइबर ठगी के फंदे में फंस गए. अब तलक आपको अंदाजा लग गया होगा कि कुछ तो हुआ है, कुछ हो गया है. एकदम ठीक समझे. ये साइबर ठगी का नया तरीका है.

वाईफाई हॉट स्पॉट हैकिंग

ठगी का ये नया तरीका है. वैसे नया कहना भी ठीक नहीं होगा क्योंकि ठग वही कर रहे जो उनको करना है. किसी भी तरह वो आपके फोन का कंट्रोल हासिल कर रहे हैं. इस बार इसके लिए वाईफाई हॉट स्पॉट का इस्तेमाल हो रहा है. ठगी के इस तरीके का पूरा वाक्या श्रुति दीक्षित नाम की यूजर ने शेयर किया है जो misstravellingshoes नाम से इंस्टा अकाउंट चलाती हैं.  

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Shruti Dixit से मेट्रो स्टेशन पर एक महिला ने ये कहकर हॉट स्पॉट मांगा कि उसने एक ऐप से टिकट ली थी और उसका नेट नहीं चल रहा तो टिकट डाउनलोड नहीं हो रही. श्रुति ने वाईफाई हॉट स्पॉट दे दिया. महिला ने अपना टिकट स्कैन भी कर लिया. लगा बात खत्म हो गई लेकिन थोड़ी देर बार श्रुति को आधार कार्ड की तरफ से मेल और मैसेज आता है कि उनके डिटेल्स वेरीफाई करने की कोशिश की गई है. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि जब भी आधार का ऑथेंटिकेशन होता है तो उसका मेल और मैसेज आता है. भले ऑथेंटिकेशन हो जाए या फेल हो जाए. श्रुति को भी यही नोटिफिकेशन आया.

माने कि वाईफाई हॉट स्पॉट कनेक्ट करके उनके फोन में इंट्री मारी गई. आधार डिटेल्स वेरीफाई करने का मतलब है कि बड़े कांड की तैयारी थी. इस केस में ऑथेंटिकेशन फेल होने का मैसेज आया था. माने उनके साथ ठगी होते-होते रह गई. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि श्रुति बैंकिंग के लिए दूसरे मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करती हैं.

माने एक नंबर नॉर्मल इस्तेमाल के लिए और एक पेमेंट और बैंकिंग के लिए. उन्होंने वाईफाई हॉट स्पॉट, नॉर्मल वाले डिवाइस से दिया जिसकी वजह से उनके डिटेल्स एक्सेस नहीं हो पाए. लेकिन इस वाक्ये से एक बात तो समझ आ गई कि ठग हॉट स्पॉट के जरिए भी आपके डिवाइस में घुस सकते हैं. इसलिए बेहतर होगा कि आप किसी अनजान को हॉट स्पॉट नहीं दें.  

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इतना ही नहीं, किसी अनजान व्यक्ति से या अनजान जगह के वाईफाई हॉट स्पॉट से कनेक्ट भी ना हों. क्योंकि जो एक बार आप कनेक्ट हुए तो... 

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