जूते-चप्पल की दुकान या शोरूम में दाखिल होते ही कुर्सी ऑफर होती है. फिर आती है जूते या चप्पल देखने की बारी. तमाम प्रोडक्ट पहन कर, चल कर दिखाए जाते हैं. जूते काटेंगे नहीं. Sandals का कुशन अच्छा है. इसके बारे में जरूर से बताया जाता है. मगर जो हम आपसे कहें कि दुनिया में एक ऐसा फुटवियर ब्रांड भी है जो अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी को लेकर कोई दावा नहीं करता. उलटा उनका सेल्समैन तो साफ कह देता है कि सर/मैडम पहले कुछ दिन ये जूता या चप्पल आपको खूब परेशान करेगा, फिट भी नहीं आएगा और काट भी सकता है.
250 साल पुराना फुटवियर ब्रांड अपनी जूतियों को कटखनी, भद्दी बताकर बेच रहा, लोग खरीदे जा रहे
Summary: 250 साल पुराना एक जर्मन फुटवियर ब्रांड अपने को भद्दा (Ugly for a reason) कहता है. अपनी Sandals को पहले कुछ दिनों के लिए आरामदायक भी नहीं मानता. महंगा भी अच्छा खासा है. डिजाइन भी सालों पुराना और निहायत ही बेसिक है. फिर भी दुनिया का 5वां सबसे बड़ा फुटवियर ब्रांड है. काहे?
इतना ही नहीं, इसके बाद भी जो आपने लेने का मन बनाया तो जेब भी तगड़ी हल्की होगी. क्योंकि ब्रांड प्रीमियम जो है. आपको लगेगा क्या ही जूते घिसने जैसी बात कर रहे. कौन लेता है उनके फुटवियर. लेते हैं जनाब, वो भी पिछले 250 सालों से.
Birkenstock का अनोखा स्टाइलBirkenstock एक जर्मन ब्रांड है जो अपनी Sandals के लिए दुनिया में मशहूर है. मगर ये अपने प्रोडक्ट को भद्दा और खराब क्यों बोलता है, वो जानने से पहले जरा इनकी Sandals की 'क्लिप' खोलते हैं. मतलब कंपनी को समझते हैं. Birkenstock कंपनी तकरीबन 250 साल पुरानी है. साल 1774 में Johann Adam Birkenstock ने जर्मनी के शहर Langen-Bergheim में एक cobbler मतलब जूते बनाने वाले के तौर पर अपनेआप को रजिस्टर किया.
Birkenstock का परिवार अगले सौ साल से भी ज्यादा समय तक जूते बनाता रहा और बेचता रहा. लेकिन उनके बिजनेस में नाटकीय मोड़ आया साल 1896 में, जब परिवार के Konrad Birkenstock ने जर्मनी के Frankfurt में दो स्टोर ओपन किए. परिवार के वो सबसे प्रतिभाशाली कॉबलर थे. उन्होंने ही जूते के अंदर लगने वाले इनसॉल्स भी बेचना शुरू किया. उन्होंने इनको नाम दिया flexible footbed. मतलब बिस्तर जैसे आराम वाला इनसॉल.
Konrad का प्रोडक्ट सुपर हिट रहा और आगे चलकर वो जूते बनाने पर लेक्चर तक देने लगे. कंपनी के इनसॉल्स की डिमांड इतनी बढ़ गई कि उनको कई फैक्ट्री ओपन करनी पड़ीं. उनकी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए Carl Birkenstock ने जूते बनाने का कोर्स भी लॉन्च किया जो खूब बिका.
Podiatry मतलब इंसानी पैरों की देखभाल पर उनका कोर्स इतना लोकप्रिय हुआ कि उसे 'Carl Birkenstock System' कहा गया. खैर जूते चलते रहे और फिर आया साल 1963. Carl Birkenstock ने इसी इनसॉल के साथ Sandals का मैड्रिड मॉडल लॉन्च किया. ये मॉडल ऐसा हिट हुआ कि आज भी यही कंपनी का सुपरस्टार है. सबसे ज्यादा बिकता है. कंपनी दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी फुटवेयर कंपनी है. 1970 से दुनियाभर के 90 देशों में Sandals पहना रही. डिजाइन लैंग्वेज भी कोई खास नहीं बदली है. ब्राउन बेस के साथ ब्लैक स्ट्रेप्स. लेकिन फिर भी अपनी Sandals को आरामदायक नहीं कहती. बल्कि खुद को 'Ugly for a reason' मतलब 'किसी कारण से भद्दा' तक बुलाती है. बाकायदा New York Times के साथ मिलकर तीन पार्ट में डॉक्यूमेंट्री भी बनाकर सब बता डाला.
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जवाब है footbedवही इनसॉल जो कंपनी का बेस बना. दरअसल ये जूट का बेस है. इसके ऊपर नेचुरल कॉर्क लेटेक्स और फिर जूट की दूसरी परत होती है. सबसे ऊपर SUEDE का कवर होता है. चमड़े का कार्यक्रम सिर्फ ऊपर की तरफ स्ट्रेप्स और बक्कल के आसपास ही दिखता है. Sandals के अंदर कप जैसा डिजाइन भी इनकी खासियत है. अपने नाम के मुताबिक ये इनसॉल्स या बेस पैरों का बिस्तर ही है. लेकिन जैसे नए बिस्तर पर नींद आने में टाइम लगता है, वैसे ही इसका भी यही हाल है. Birkenstock की Sandals को इंसान के पैर के आकार में ढलने में थोड़े दिन लगते हैं. पहले-पहल ये काफी कड़क और मोटी लगती है. कुछ दिन असहजता रहती है. हां, उसके बाद ये पैर के हिसाब से डेवलप हो जाता है. फिर आप घंटों पहने रहो. सिर्फ आराम.
आराम कितना ज्यादा है उसका उदाहरण है इसकी कीमत. ब्राउन बेस वाली Sandals जो सबसे ज्यादा बिकती हैं, उनक दाम भारत में 7 हजार से ऊपर है. फिर भी पहनने वाले खूब पहन रहे. फिर चाहे शुरू में काट ले या देखने में भद्दा लगे. अब वाकई में कितना आरामदायक है उसके लिए तो इनके शोरूम जाना पड़ेगा.
हां, अगर वहां सेल्समैन बोले कि हमारी Sandals भद्दी है तो बोल देना. पता है-पता है. हमें Lallantop ने पहले ही बता दिया
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