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आपकी पहचान चोरी करके मलाई कौन खा रहा!

छोटी सी लापरवाही से आप identity theft मतलब पहचान की चोरी का शिकार बन सकते हैं.

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पहचान की चोरी अपराध का एक और तरीका है. (image-pexels)

आम जिंदगी में ऐसा आपके साथ या आपके जानने वालों के साथ एक बार तो हुआ होगा, जब आपके पते पर किसी और का लैटर आया होगा. आपके फोन पर किसी और का नाम लेकर उनसे बात कराने या फिर उनके बारे में पूछा गया होगा. हम अमूमन ऐसे में क्या करते हैं. बड़े प्रेम से लैटर लाने वाले को बोलते है कि भैया ये गलत पता है. अगर जो वो लैटर आपके यहां छोड़ गया तो बेपरवाही से उसको डस्ट बिन का रास्ता दिखा देते हैं. फोन के साथ भी ऐसा होता है. पहले पहल हम जवाब देते हैं कि अरे ये उनका नंबर नहीं है. जब कॉल बार-बार आता है तो हम कई बार लड़ने तक पर उतारू हो जाते हैं. लेकिन, लेकिन कभी आपने ये सोचा कि ये पहचान चुराने का तरीका हो सकता है.  identity theft कहते हैं इसको. कैसे होता है ये और बचना कैसे है. 

क्रेडिट और डेबिट कार्ड का एसएमएस

वॉट्सऐप के जमाने में एसएमएस कहीं दूर पीछे छूट गया है. अब एसएमएस इनबॉक्स में हम तभी झाँकते हैं जब ओटीपी आती है, वरना एसएमएस में क्या आया उससे कोई खास सरोकार नहीं होता. बिल्कुल ऐसा ही ईमेल के साथ होता है. सैकड़ों मेल भरे रहते हैं इनबॉक्स में और काम के मेल का ख्याल बहुत कम आता है. आपकी ये लापरवाही identity theft का पहला इन्डिकेटर है. कोई भी ऐसा एसएमएस या ईमेल कतई इग्नोर नहीं करें. लेनदेन से जुड़े छोटे से छोटे मैसेज या ईमेल को ध्यान से देखिए. अगर आपने नहीं किया तो सीधे बैंक के कस्टमर केयर का रुख करना है.

लोन और क्रेडिट कार्ड ऐप्लिकेशन खारिज होना

इसको भी हल्के में मत लेना. आमतौर पर कोई लोन या क्रेडिट कार्ड ऐप्लिकेशन रिजेक्ट होने पर हम गहराई में नहीं जाते हैं. ऐसा मान लेते हैं कि फलानी कंपनी की टर्म्स एण्ड कंडीशन को हम शायद मैच नहीं कर पाए. इससे आगे बढ़िए और संबंधित कंपनी से अपनी क्रेडिट स्कोर या CIBIL स्कोर मांगिए. अगर वो देने में आनाकानी करें तो आप खुद CIBIL की वेबसाइट से ऐसा कर सकते हैं. कई सारे ऐप्स भी ऐसी सुविधा देते हैं. CIBIL रिपोर्ट इतनी विस्तार में होती है कि आपके फाइनेंस से जुड़ी पूरी कुंडली यहीं मिल जाएगी.

डेटा चोरी पर निगाह

हमने इस पर विस्तार से बात की है, कि कैसे बड़े-बड़े संस्थानों का डेटा चोरी होता है. अभी हाल फिलहाल में ट्विटर के करीब 55 लाख अकाउंट के साथ ऐसा हुआ. आमतौर पर कंपनियां खबर बाहर आने के बाद भी इसको मानने से इनकार करती हैं. क्योंकि नियम के मुताबिक उनको इसके बारे में अपने यूजर को इन्फॉर्म करना होता है. पिज्जा वाली वेबसाइट से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग ऐप पर आपकी निजी जानकारी सेव होती है. अपने आंख और कान खोले रखिए. अगर आपको ऐसा कुछ भी पता चले तो बिना एक पल गवाएं अपना अकाउंट सेफ कीजिए. पासवर्ड बदलने से लेकर लॉगिन इन्फो तक. इससे जुड़ी प्रोसेस आपको लिंक में मिलेगी.

टैक्स रिटर्न पर कड़ी निगाह

फर्जी पैन कार्ड, एक से ज्यादा पैन कार्ड के किस्से बहुत आम हैं. वैसे संबंधित एजेंसी इसके ऊपर बहुत काम कर रही हैं लेकिन अभी भी फर्जीवाड़ा रुका नहीं है. अपने IT रिटर्न पर निगाह बनाए रखना बेहद जरूरी है. एक बात और आपकी इनकम कितनी भी हो, आईटी रिटर्न जरूर दाखिल कीजिए. एक तो ये क्रेडिट बिल्ड करने में मदद करेगा और दूसरा identity theft से लेकर कई किस्म के अपराध से बचने में भी मदद करेगा.

आपके घर पर आए किसी भी लैटर, बिल, कम्युनिकेशन को कभी भी इग्नोर नहीं करना है. ये हम आपको पहले बता चुके हैं. आधार कार्ड हमेशा मास्क्ड वाला देना है. 

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