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आपकी बिल्डिंग में मोबाइन नेटवर्क नहीं आता? TRAI ने रेटिंग वाला इंतजाम कर दिया है

Telecom Regulatory Authority of India (TRAI) ने बिल्डिंग में मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी के लिए Digital Connectivity Rating (DCR) लॉन्च करने वाली है.

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Digital Connectivity Rating

मोबाइल तकनीक भले 5G हो गई है और 6G की बात हो रही है, मगर सिग्नल की असली हालत क्या है वो सभी को पता है. बेसमेंट तो छोड़िए, अंदर के कमरे में भी सिग्नल सही से नहीं आते. ‘Aजी’, ‘ओजी’ के साथ ‘2G’ के बीच ही जिंदगी झूल रही होती है. आवाज आ रही है, रुको दूसरे कमरे में जाता हूं. बस ऐसे ही काम चलाना पड़ता है. इसमें एक दिक्कत और है. आपको पहले से पता भी नहीं चलता कि फलां बिल्डिंग में नेटवर्क वर्क करता है या नहीं. काश कोई रेटिंग जैसा जुगाड़ होता तो बातचीत का सिलसिला बेधड़क जारी रहता.

चिंता मत कीजिए, क्योंकि Telecom Regulatory Authority of India (TRAI) ने इसका इंतजाम कर दिया है. अब हर बिल्डिंग की एक कनेक्टिविटी रेटिंग Digital Connectivity Rating (DCR) होगी. 1 स्टार तो कोई 'G' नहीं और 5 स्टार मतलब 5G के सारे डंडे मिलने वाले हैं… पूरा ‘सिग्नल’ पकड़ते हैं.

Digital Connectivity Rating

TRAI देश में जल्द ही Digital Connectivity Rating (DCR) रेटिंग सिस्टम लॉन्च करने की तैयारी में है. बिल्डिंग में नेटवर्क कनेक्टिविटी और उपलब्धता के आधार पर उनको रेटिंग दी जाएगी. बिल्डिंग को fiber readiness, मोबाइल नेटवर्क की उपलब्धता, in-building solutions, और Wi-Fi infrastructure के बेस्ड पर रेटिंग मिलेगी.

इसका रेटिंग का फ्रेमवर्क पिछले साल अक्टूबर 2024 में The Rating of Properties for Digital Connectivity Regulations, 2024 के नाम से जारी किया जा चुका है. DCR रेटिंग का फायदा एक तरफ तो ग्राहकों को होगा तो दूसरी तरफ सरकार को भी. ग्राहकों को बिल्डिंग में घर किराये पर लेने से पहले या खरीदने से पहले सिग्नल मिल जाएगा तो सरकार को भी कमजोर सिग्नल वाले इलाके पहचानने में आसानी होगी.

बिल्डिंग और कॉम्प्लेक्स के मालिक TRAI से अधिकृत एजेंसी TRAI-authorised agencies (DCRA) से बिल्डिंग का सर्टिफिकेट या स्टार रेटिंग ले सकते हैं. इसके लिए प्रॉपर्टी के मालिक या मैनेजर को अप्लाई करना होगा. इसकी फीस 10 हजार रुपये है. मगर 30 जून से पहले अप्लाई करने पर ये मुफ़्त है.

TRAI ने 16 जून तक इस फ्रेमवर्क में चीजों को जोड़ने और घटाने के लिए पब्लिक से भी फ़ीडबैक मांगा है. उम्मीद है कि DCR लागू होते ही सिग्नल भले नहीं सुधरे, कम से कम खराब सिग्नल का तो पता पहले ही चल जाएगा.

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