नया लैपटॉप लेना बाहर से जितना आसान दिखता है, वाकई में उतना है नहीं. आमतौर पर ऐसा लगता है कि बस इंटरनेट पर सर्फ करो या शोरूम पर विजिट और काम खत्म. ये जल्दबाजी कई बार भारी पड़ जाती है और आप गलत प्रोडक्ट लेकर आ जाते हैं. गलत से मतलब बेकार या डुप्लिकेट से नहीं, बल्कि आपकी जरूरत से है. बोले तो शायद आपको एक नॉर्मल स्पेशिफिकेशन वाला लैपटॉप चाहिए था लेकिन भारी-भरकम वाला आ गया. इसके उलट आप लेने गए थे बाहुबली, मगर हाथ में आ गया लप्पू झन्ना लैपटॉप. ऐसा आपके साथ नहीं हो इसलिए कुछ जरूरी बातें जान लीजिए.
लैपटॉप चाहिए था 'बाहुबली' और ले आए 'लप्पू झन्ना', ये टिप्स पता होतीं तो पैसे वेस्ट ना होते
नया लैपटॉप लेना है तो बजट के साथ कुछ और बातें, जैसे आपकी जरूरत, वजन वगैरा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है.

लैपटॉप किसलिए चाहिए. बोले तो गेम खेलना है या फिर ऑफिस का काम निपटाना है या मल्टीमीडिया से जुड़ा काम है. अगर ऑफिस के काम के लिए आपने झनझनाती की-पैड लाइट वाला लैपटॉप लिया तो अफसोस के सिवा कुछ हासिल नहीं होगा. इसलिए अपनी प्राथमिकता तय कीजिए. गेम का शौक रखते हैं तो ऐसा लैपटॉप लीजिए जो कूलिंग फीचर्स के साथ आता हो. ऑफिस के लिए लेना है तो बड़ी स्क्रीन सबसे मुफीद होगी.
PPR वाला फार्मूलापरफ़ॉर्मेंस, प्रोसेसर और रैम का सही मिश्रण बहुत जरूरी है. प्रोसेसर हमेशा लेटेस्ट लीजिए, भले पैसे थोड़े ज्यादा लगें. अगर लेटेस्ट बहुत महंगा है तो एक जनरेशन पुराना भी ले सकते हैं, मगर उससे पुराना नहीं. 8 जीबी से कम रैम में ‘राम’ नहीं मिलेंगे. मतलब काम नहीं चलेगा. इसके साथ स्टोरेज SSD वाला ही लेना चाहिए. कितने जीबी, वो आपकी जरूरत पर निर्भर करेगा.
पढ़ने में अजीब लगे लेकिन यही सही फार्मूला है. बहुत वजनी लैपटॉप वैसे भी फैशन से बाहर हैं तो उनसे दूर रहिए. वजन में हल्के लेकिन परफ़ॉर्मेंस में भारी लैपटॉप की बड़ी रेंज बाजार में उपलब्ध है. हल्के लैपटॉप को कहीं भी ले जाने में दिक्कत नहीं आती. इनको मेन्टेन रखना भी बहुत मुश्किल नहीं.
ऑपरेटिंग सिस्टम का चुनावगूगल OS, Mac या विंडोज़. तीन ऑपरेटिंग सिस्टम चलन में हैं. मैक लेना है तो अच्छा होगा कि ऐप्पल इकोसिस्टम का हिस्सा बनें. लाइट वर्जन चाहिए, मतलब बहुत हेवी काम नहीं करना तो गूगल OS बढ़िया विकल्प है. रही बात विंडोज की तो वो तो देवआनंद है. मतलब सदाबहार है. हर जगह फिट हो जाता है.
बैटरी लाइफ और पोर्टबैटरी लाइफ जितनी मिले उतनी कम. इसलिए अधिक से अधिक क्षमता वाला लैपटॉप ही खरीदें. पोर्ट वैसे तो आजकल कम मिलते हैं लेकिन फिर भी यूएसबी और एचडीएमआई पोर्ट का खास ख्याल रखें. इसके साथ वारंटी और सर्विस सेंटर भी दो बहुत जरूरी फैक्टर हैं. इनके बिना मिलने वाले लैपटॉप से दूरी भली.
वैसे तो लैपटॉप एक निजी चीज है और पैसा भी आपका है तो निर्णय भी आपका ही होगा. लेकिन ऊपर बताए पॉइंट आपकी थोड़ी हेल्प जरूर करेंगे.