"आप दोस्त तो बदल सकते हैं, पड़ोसी नहीं" देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की संसद में कही गई ये लाइन हमारी आज की स्टोरी पर एकदम सही बैठती है. ना-ना हम कोई पॉलिटिकल कॉमेंट्री नहीं करने वाले हैं. हम टेक की बात ही करेंगे. बात करेंगे Meta के सीईओ Mark Zuckerberg की. दरअसल अरबपति सीईओ का अमेरिका के Palo Alto का घर या कहें कोठी उनके पड़ोसियों के लिए दर्द साबित हो रहा है. कभी Steve Jobs सहित दूसरे मशहूर टेक एक्सपर्ट का ठिकाना रहा ये इलाका अब Mark Zuckerberg की रईसी (Mark Zuckerberg's Palo Alto estate) का दंश झेल रहा है.
फेसबुक वाले जुकरबर्ग से परेशान है टोला-मोहल्ला, बीवी की मूर्ति समेत कई हरकतों से तंग हैं पड़ोसी
अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के Palo Alto शहर का Crescent Park कभी बड़ी शांत और मशहूर जगह हुआ करती थी. एप्पल के फाउंडर स्टीव समेत कई अरबपति यहां रहते थे. फिर 2011 में यहां Mark Zuckerberg का (Mark Zuckerberg's Palo Alto estate) आना हुआ.

अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के Palo Alto शहर का Crescent Park कभी बड़ी शांत और मशहूर जगह हुआ करती थी. एप्पल के फाउंडर स्टीव समेत कई अरबपति यहां रहते थे. फिर 2011 में यहां मार्क का आना हुआ.
मशीन, शोर और ट्रैफिकमेटा के बॉस ने साल 2011 में इस इलाके में एक घर खरीदा. लेकिन जैसा की उनकी आदत है या कहें शगल है, कंपनियों पर कंपनियां खरीदने का, वैसा ही काम उन्होंने इधर भी किया. मार्क ने एक के बाद एक आसपास के 11 घर खरीद लिए. यहां तक तो ठीक था मगर असल दिक्कत तब स्टार्ट हुई जब उन्होंने इस सारे घरों को एक साथ मिलाना स्टार्ट किया.
तब से अब तक ये इलाका घर नहीं बल्कि एक किला बन चुका है. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक 920 करोड़ खर्च करके खरीदी गई प्रॉपर्टी को मार्क अपने हिसाब से डेवलप कर रहे हैं. गेस्ट हाउस से लेकर गार्डन और पिकलबॉल कोर्ट बनाया जा रहा है. पिकलबॉल एक रैकेट या पैडल खेल है जो टेनिस, बैडमिंटन और पिंग-पोंग के तत्वों को मिलाकर बनाया गया है. इसके साथ उनकी तीन बच्चियों की पढ़ाई के लिए एक निजी स्कूल भी बनाया गया है.
मार्क ने बादशाह शाहजहां से प्रेरणा लेते हुई अपनी पत्नी Priscilla Chan की सात फुट ऊंची चांदी की मूर्ति भी लगाई है. इसके साथ ही एक 7 हजार वर्गफुट का अंडरग्राउन्ड स्पेस भी बनाया गया है जिसे पड़ोसी 'बंकर' बुलाते हैं. मार्क ठहरे अरबपति तो उनकी सुरक्षा के लिए इस इलाके उनके पर्सनल बॉडी गार्ड भी होते हैं. कैमरे तो लगे हैं मगर इसमें से कई का मुंह पड़ोसियों के घर की तरफ भी होता है.
अब इतना सब पढ़कर शायद आपको लगेगा कि मार्क के पड़ोसी बेकार ही जलता है मजनू बने होंगे. सब नियम के दायरे में हो रहा होगा तो ऐसा नहीं है. आप ठीक पढ़े. 2016 में मार्क ने 4 घरों को तोड़कर बड़ा बेसमेंट बनाने की अनुमति मांगी थी जो खारिज हो गई थी लेकिन निर्माण जारी है. निजी स्कूल बनाना भी नियम के दायरे में नहीं आता. इसके साथ एक और तुर्रा है मार्क का.
मार्क ब्लॉक पार्टी में भी शामिल नहीं होते. मतलब सोसायटी की मीटिंग में भी नहीं आते. पड़ोसी बेचारे करें तो क्या करें वाली कंडीशन में फंसे हैं. मार्क के पड़ोसी और CREDO मोबाइल के फाउंडर Michael Kieschnick कहते हैं,
"कोई भी पड़ोसी कब्जा नहीं करना चाहता है," लेकिन मार्क ऐसा कर रहे हैं.
Local council Greer Stone का कहना है कि मार्क नियमों में झोल का फायदा उठा रहे हैं.
खैर जो भी हो. इस बात से तीन बातें पता चलती हैं. पहली तो हमने पहली लाइन में बता दी. दूसरी, पड़ोसी चाहे इंडिया में या इंडिया के बाजू में या इंडिया से सात समुंदर पार, परेशान करता ही है. तीसरी, रईसी का रौला अमेरिका में भी चलता है. गलतफहमी दूर…
वीडियो: अमेरिका ने बलोच लिबरेशन आर्मी और मजीद ब्रिगेड को आतंकी संगठन घोषित किया