कुछ समय से सोशल मीडिया पर एक दवा ने खलबली मचा रखी है. इसका नाम है ओज़ेम्पिक (Ozempic). हॉलीवुड के बड़े-बड़े स्टार्स इस दवाई को वजन घटाने और पतला होने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. ‘पतलेपन की दौड़’ टेक जगत में भी है. क्या मतलब? मतलब नई-नई तकनीकों से स्मार्टफोन को और हल्का बनाने की जुगत. इसके लिए जिस ‘दवा’, मतलब टेकनोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है उसका नाम है 3 Nanometer Chip.
iPhone 17 Air को देखकर लोग बोलेंगे- 'Ozempic ली है क्या?' लेकिन वजह ये चिप है
टेक जगत की दो बड़ी कंपनियां Apple और Samsung अपने स्मार्टफोन (Samsung Galaxy S25 Edge vs iPhone 17 Air) को पतला करने के मूड में हैं. और स्मार्टफोन की ‘चर्बी’ घटाने वाले ‘इंजेक्शन’ का नाम है 3-nanometer chip.

दरअसल टेक जगत की दो बड़ी कंपनियां Apple और Samsung अपने स्मार्टफोन को पतला करने के मूड में हैं. और स्मार्टफोन की ‘चर्बी’ घटाने वाले ‘इंजेक्शन’ का नाम है 3-nanometer chip. क्या ये असर करेगा?
3 नैनोमीटर से पतले होंगे स्मार्टफोनकुछ दिनों पहले सैमसंग ने अपना सबसे पतला स्मार्टफोन Galaxy S25 Edge लॉन्च किया है. कंपनी ने इसी साल जनवरी में अपने फ्लैग्शिप इवेंट में इसकी झलक दिखाई थी. फोन महज 5.85mm पतला है. अब सैमसंग कुछ करे और एप्पल शांत बैठे ऐसा कैसे हो सकता है. अफवाहों के बाजार के हिसाब से Cupertinob बेस्ड कंपनी इस साल iPhone 17 Air मार्केट में लॉन्च करेगी. सोशल मीडिया पर इसके भतेरे फोटो भी खूब नजर आ रहे हैं. iPhone 17 Air के बारे में माना जा रहा है कि ये सिर्फ ‘5.5 mm’ पतला होगा.
एक शब्द में कहें तो ‘छोटे’ के आगे 12 बारे 'टे' लगा लेंगे तो फिर आएगी 3-nanometer chip. कहने का मतलब चिप का सिलसिला शुरू हुआ था 3 micron चिप से जो अब 12 गुना छोटी होकर 3 नैनो तक आ गई है. उदाहरण के लिए 3 micron, 0.18 micron या 5-nanometer. वैसे तो 2 nanometer चिप भी आने लगी है, मगर अभी उसके असल इस्तेमाल में टाइम है. इसलिए बात करते हैं 3-nanometer chip की.

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चिप मतलब सेमीकंडक्टर. वो वाला नहीं जो आपने ‘तिरंगा’ फिल्म में देखा था. ये चिप आकार में बहुत-बहुत-बहुत छोटी होती है. पहले की चिप होती थी माइक्रोमीटर में. गणित के हिसाब से कहें तो मीटर का दस लाखवां हिस्सा. अब होती है नैनोमीटर मतलब मीटर का अरबवां हिस्सा. इसके अंदर लगे होते हैं उतने ही छोटे ट्रांजिस्टर. जितना छोटा ट्रांजिस्टर उतनी तगड़ी परफ़ोर्मेंस. बिजली की कम खपत और हीट भी कम.
मीडियाटेक और TSMC (एप्पल की सप्लायर) ने साल 2022 में इनको लॉन्च किया था. ज्यादातर चाइनीज स्मार्टफोन मेकर अपने फ्लैग्शिप डिवाइस में साल 2024 से इसी चिप का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसलिए उनके फोन स्लिम हो चले हैं. एक बात यहां समझने वाली है. चिप तो पहले से ही बहुत छोटी है. लेकिन स्मार्टफोन में जहां जगह की मारामारी है, वहां इसका महीन सा भी हिस्सा मायने रखता है. इसी चक्कर में पहले बैक कवर लॉक हुआ तो फिर प्यारा-दुलारा 3.5 mm जैक भी चला गया. इसलिए बची हुई जगह का इस्तेमाल फोन को पतला करने में हो रहा है. अब जो स्मार्टफोन मार्केट के दो सबसे बड़े प्लेयर इस चिप के साथ चिपक गए हैं तो मार्केट में स्लिम स्मार्टफोन का नया दौर जल्द ही स्टार्ट हो सकता है.
हालांकि नई चिप से ताकत तो बहुत मिल जाएगी, मगर इसको चलाने वाला फ्यूल अभी भी दोनों कंपनियों के पास नहीं है. माने बैटरी तो अभी भी वही पुरानी Li-ion वाली ही है. Galaxy S25 Edge में भी 3,900mAh की बैटरी लगी है. जबकि चाइनीज स्मार्टफोन में 7500mAh नॉर्मल हो चला है. माने तकरीबन डबल वाला मामला. S25 Edge की बैटरी को लेकर सोशल मीडिया में भी खूब बात हो रही है. जैसे एक लाख का फोन खरीदो और बैटरी आधे दिन वाली लो.
ये देखना दिलचस्प होगा कि iPhone 17 Air अपने साथ क्या लेकर आता है. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि 3nm चिप अब भारत में भी बनने वाली है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में इसकी घोषणा की है.
रही बात ओज़ेम्पिक की तो उसका तिया-पांचा आप इस लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं.
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