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'बड़ी मछली जाल में फंसी है' ये कोई फिलम का डायलॉग नहीं बल्कि नया स्कैम है

Whale Phishing का मामला महाराष्ट्र के पुणे शहर का है. रियल स्टेट कंपनी के सीनियर एग्जीक्यूटिव से 4 करोड़ रुपये ठगे गए. एग्जीक्यूटिव को बीती 25 जनवरी 2024 को एक अंजान नंबर से कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर का SMS आया और फिर खेला हुआ.

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बड़ी मछली वाला स्कैम बाजार में आ चुका है

आज आपको एक कड़वी गोली खिलाते हैं. चिंता मत कीजिए हम भी साथ में खाएंगे. क्योंकि गलती हमारी है. हम बेवकूफाना हरकतें करते हैं और फिर ठगे जाते हैं. छोटी सी छोटी बात पर पचास बार कंफर्म करते हैं मगर जब मामला करोड़ों का होता है तो एक कॉल या एसएमएस करने की जहमत नहीं उठाते. जो दिन को अगर रात कहो तो रात कहेंगे जैसे क्यों हो जाते हैं... जो आपको लग रहा इतना गुस्सा होकर क्यों लिख रहा तो बात ही गुस्से वाली है. फिर एक स्कैम हुआ और 4 करोड़ रुपये हवा हो गए. मामला,

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महाराष्ट्र के पुणे शहर का है. रियल स्टेट कंपनी के सीनियर एग्जीक्यूटिव से 4 करोड़ रुपये ठगे गए. ठगी के इस तरीके का नाम है Whale Phishing क्योंकि बड़ी मछली जो जाल में फंसी है.

CMD का टेक्स्ट और खेल शुरू

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक पुणे की एक बड़ी रियल स्टेट कंपनी के सीनियर अकाउंट एग्जीक्यूटिव को बीती 25 जनवरी 2024 को एक अंजान नंबर से कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर का एसएमएस आया. जो आपको ऐसा मैसेज आए तो प्लीज कुछ भी करने से पहले दस बार सोचिए. सोचिए कि एमडी क्यों मैसेज करेगा. और अंजान नंबर से क्यों ही करेगा.

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खैर मैसेज में लिखा था कि एमडी साब किसी जरूरी मीटिंग में व्यस्त हैं तो आप एक अकाउंट में 60 लाख रुपये ट्रांसफर कर दो. भाई ने कर दिए.अब आपको मेरे गुस्से की वजह समझ आ रही होगी. नया नंबर, नया अकाउंट और बिना कुछ सोचे समझे इतना बड़ी रकम ट्रांसफर. कैसे...

# चाय की दुकान पर अगर दुकानवाला गलती से 10 की जगह 11 रुपये कह दे तो हम तीन बार पूछते हैं कि कितना हुआ, कितना हुआ, कितना हुआ.

यहां कोई अंजान नंबर से एसएमएस करे और पैसा ट्रांसफर. यकीन जानिए ये ठगों की स्मार्टनेस नहीं बल्कि हमारी लापरवाही है. खैर इस मामले में आगे क्या हुआ वो भी जान लीजिए. उसी नंबर से फिर एसएमएस आया और फिर 27 लाख, 40 लाख करते करते लगभग 4 करोड़ रुपये और ट्रांसफर हुए. कथित एमडी ने अकाउंट एग्जीक्यूटिव को कॉल कभी नहीं उठाया. हमेशा एसएमएस पर बात की और कहता रहा कि सब ठीक है.

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आखिरकार जब एग्जीक्यूटिव को संपट पड़ा कि ये तो ठगी है तब जाकर उन्होंने असली एमडी से बात की. आगे वही जो होता आया. पुलिस जांच कर रही. लेकिन जरा फिर सोचिए. एमडी से पहले भी बात की जा सकती थी.

गलती हम कर रहे और ठग इसका फायदा उठा रहे.   

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