लखनऊ की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है. अपना दल (सोनेलाल) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपनी ही पार्टी में बवंडर खड़ा कर दिया. खबर है कि अनुप्रिया ने अपने पति और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल को पार्टी में ‘डिमोट’ कर दिया. आशीष, जो अब तक पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष थे, अब राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए हैं. सवाल उठता है कि अनुप्रिया ने ऐसा क्यों किया? क्या ये घरेलू मसला है, या सियासत का कोई बड़ा दांव?
अनुप्रिया पटेल ने पार्टी में पति आशीष का पद गिराया, लेकिन 'कद' नहीं
बात शुरू होती है 3 जुलाई 2025 से, जब अनुप्रिया ने अपनी पार्टी की नई कार्यकारिणी की लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में आशीष पटेल का ‘कद अचानक छोटा’ हो गया. अब तक वो पार्टी के बड़े चेहरे थे, लेकिन अब उपाध्यक्ष की भूमिका में रहेंगे. कुछ लोग कह रहे हैं कि ये कदम 2027 के विधानसभा चुनाव की रणनीति का हिस्सा है.

आजतक के कुमार अभिषेक की रिपोर्ट के मुताबिक बात शुरू होती है 3 जुलाई 2025 से, जब अनुप्रिया ने अपनी पार्टी की नई कार्यकारिणी की लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में आशीष पटेल का ‘कद अचानक छोटा’ हो गया. अब तक वो पार्टी के बड़े चेहरे थे, लेकिन अब उपाध्यक्ष की भूमिका में रहेंगे. कुछ लोग कह रहे हैं कि ये कदम 2027 के विधानसभा चुनाव की रणनीति का हिस्सा है.
यही नहीं, चर्चा ये भी चल निकली कि अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष पटेल के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है. कहा गया कि यही वजह है कि पार्टी ने उन्हें किनारे लगाने की शुरुआत कर दी है. लेकिन अब इंडिया टुडे ने अनुप्रिया पटेल के करीबी सूत्रों के हवाले से बताया है कि ये डिमोशन सिर्फ कार्यकर्ताओं को इस बात के लिए संतुष्ट करने के लिए है कि उनका भी ख्याल पार्टी में पहले की तरह ही रखा जाता है. आशीष पटेल भी कार्यकर्ताओं से ऊपर नहीं हैं. और उन्हें भी पद के लिहाज से ‘ऊपर-नीचे’ किया जा सकता है.
लिस्ट में आशीष के ऊपर राम बदल तिवारी का नाम है. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए राम बदल तिवारी डॉक्टर सोनेलाल पटेल के वक्त से ही पार्टी के सीनियर कार्यकर्ता नेता रहे हैं. इसलिए उन्हें आशीष पटेल के ऊपर जगह दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक इससे पार्टी ने ये भी संदेश दिया है कि अपना दल (एस) में परिवार और पति से ज्यादा पुराने कार्यकर्ताओं को तरजीह दी जाती है.
इस मसले पर पार्टी के एक नेता ने बताया कि कार्यकारी अध्यक्ष जैसा पद पार्टी में था ही नहीं. ये तो मीडिया का क्रिएट किया हुआ पद था, जो उनके नाम से चला आ रहा था. पार्टी के शीर्ष सूत्र कहते हैं,
"आशीष पटेल पार्टी में डिमोट नहीं हुए, ये पार्टी को बचाने की रणनीति है. इसे अंग्रेजी में strategic retreat भी कहते हैं.”
आजतक ने अनुप्रिया पटेल के करीबी सूत्रों के हवाले से लिखा कि पार्टी के भीतर एक बड़ा वर्ग आशीष पटेल को लेकर लगातार हमलावर बना हुआ है. कई बार पार्टी तोड़ने की कोशिश भी हो चुकी है. ऐसे में आशीष पटेल को थोड़ा पीछे रखकर एक मैसेज दिया गया है. ये बताने की कोशिश की गई है कि पार्टी आज भी समर्पित नेताओं और कार्यकर्ताओं के हाथ में ही है, ना कि परिवार के अधीन.
हालांकि, माना ये जा रहा है कि बेशक आशीष पटेल को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है, लेकिन पार्टी में उनकी हनक काम नहीं हुई है. पहले की तरह पार्टी को चलाने में मुख्य भूमिका उन्हीं की रहने वाली है.
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