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RBI का क्रेडिट कार्ड को लेकर जो नया नियम आया है, उससे आपका फायदा!

RBI ने क्रेडिट कार्ड के नेटवर्क प्रोवाइडर को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किये हैं. अब बैंकों और वित्तीय संस्थानों की मर्जी नहीं बल्कि कस्टमर की सुनी जाएगी. कार्ड किस नेटवर्क का चाहिए वो ग्राहक से पूछना ही होगा. आरबीआई का ये कदम एक बड़े गेम चेंजर के तौर पर देखा जा रहा है.

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क्रेडिट कार्ड के लिए आरबीआई का नया नियम

सुबह की चाय में चीनी होगी तो कितनी कम या ज्यादा. होगी भी या नहीं होगी. नाश्ते में पोहा या पराठे. शर्ट का रंग सफेद होगा या काला. कहने का मतलब आमतौर हम सभी के पास तकरीबन हर चीज के लिए चॉइस का जुगाड़ होता है. मगर क्रेडिट कार्ड (RBI New Guidelines for Credit Cards) के साथ ऐसा नहीं होता. बैंक या संस्थान जब भी आपको और हमें कोई क्रेडिट कार्ड देते हैं तो वो किस नेटवर्क का होगा, इसको लेकर कोई चॉइस नहीं होती. माने की कार्ड मास्टर कार्ड, वीजा, अमेरिकन एक्सप्रेस, Diners Club या RuPay में से किसी एक का आएगा. 

लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि, RBI ने इसको लेकर नए दिशा निर्देश जारी किये हैं. अब बैंकों और वित्तीय संस्थानों की मर्जी नहीं बल्कि कस्टमर की सुनी जाएगी. कार्ड किस नेटवर्क का चाहिए वो ग्राहक से पूछना ही होगा. आरबीआई के ये कदम एक बड़े गेम चेंजर के जैसे देखे जा रहे हैं. क्या ऐसा वाकई में है? समझने की कोशिश करेंगे लेकिन पहले जरा क्रेडिट कार्ड नेटवर्क का पंजा देखते हैं.

देश में 5 क्रेडिट कार्ड नेटवर्क

# वीजा

# मास्टर कार्ड

# अमेरिकन एक्सप्रेस

# Diners Club

# RuPay

आसान भाषा में समझें तो क्रेडिट कार्ड आपका भले एसबीआई का हो, आईसीआईसीआई का या फिर किसी और बैंक का. नेटवर्क ऊपर बताए पांचों में से ही किसी एक का ही होगा. मगर किसका? ये तय करने का हक अभी तक संबंधित बैंक या संस्थान के पास ही था. इसमें सबसे बड़े प्लेयर मास्टर और वीजा हैं. इसलिए ज्यादातर कार्ड इसी नेटवर्क के दिखते हैं. वैसे देश के कई बैंक RuPAy नेटवर्क कार्ड भी जारी करते हैं लेकिन दबदबा तो इन दोनों का ही है. 

मगर आरबीआई के नए नियम के मुताबिक ग्राहकों को अपना नेटवर्क प्रोवाइडर चुनने का ऑप्शन मिलेगा. ये नियम नए क्रेडिट कार्ड पर तो लागू होगा ही. कार्ड के रीन्यू होने पर भी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ये ऑप्शन देना होगा. आगे ग्राहक की मर्जी. अब लाख टके का सवाल. 

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आरबीआई को ऐसा क्यों करना पड़ा

जनता की सहूलियत, पेमेंट सिस्टम में सरलता और साफ-सुथरी प्रतिस्पर्धा के लिए. माने कि एक तो ग्राहक को ऑप्शन मिलना ही चाहिए. वजह चाहे जो भी हो, जैसे मुझे मास्टर कार्ड से अपने ‘मासाब’ की याद आती है तो वीजा से जीजा जी याद आते. मतलब बैंक क्यों तय करे? अब ऑप्शन होगा. हालांकि इसमें भी एक पॉइंट है. वीजा और मास्टर कार्ड से इतर अमेरिकन एक्सप्रेस, Diners Club के कार्ड थोड़े जटिल तरीके से बनते हैं. इनकी प्रोसेस थोड़ी अलग है. ऐसे में जो तीसरा ऑप्शन है वो हुआ RuPay. हमारा अपना पेमेंट सिस्टम. जाहिर सी बात है इसको पुश मिलेगा. वैसे बात सिर्फ पुश की नहीं है. क्योंकि, 

RuPay क्रेडिट कार्ड कई सारे फीचर्स के साथ आता है. जिसमें सबसे बड़ा तो इसका UPI से कनेक्ट हो जाना है. देश में UPI पेमेंट का कितना रौला है वो बताने की जरूरत नहीं. ऐसे में अगर कोई क्रेडिट कार्ड UPI में इस्तेमाल होता है तो यूजर्स की बल्ले-बल्ले होना लाजमी है. इसकी वजह से छोटी-छोटी दुकानों और ठेलों पर भी पेमेंट किया जा सकता है. चाहे वहां स्वाइप मशीन (POS Machine) भले नहीं हो QR कोड तो होता ही है.

लब्बो-ओ-लुआब ये कि आरबीआई का ये कदम इंडियन पेमेंट सिस्टम को खूब सपोर्ट करेगा. वैसे वीजा और मास्टर कार्ड को भी कोई दिक्कत नहीं होने वाली. बहुत बड़ा मार्केट है भारत. सबको खेलने के लिए पिच मिली हुई है.   

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