लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi का बिहार के बेगूसराय में ‘जल संपर्क’ वाला वीडियो आपने देख ही लिया होगा. वीआईपी पार्टी प्रमुख Mukesh Sahani और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार भी उनके साथ तालाब में मछली पकड़ते नजर आए. ये सब आपने देख ही लिया होगा. लेकिन शायद आपने वो नहीं देखा होगा जो हमें नजर आया. अगर नजर आया भी होगा तो शायद ध्यान नहीं गया होगा.
राहुल के साथ तालाब में कूदने वाले मुकेश सहनी के हाथ में ये कौन सी डिवाइस लगी है?
कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi और वीआईपी पार्टी प्रमुख Mukesh Sahani बिहार के बेगूसराय में ‘जल संपर्क’ करते दिखे. कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के साथ मछली पकड़ते इनका वीडियो खूब वायरल है. लेकिन हमने इस वीडियो में कुछ और भी पकड़ा है. मुकेश सहनी के दाहिने बाजू पर लगा टेप या बैंडेज. पर ये है क्या?


हम बात कर रहे हैं मुकेश सहनी के दाहिने बाजू पर दिख रहे सफेद कलर के गोल-गोल निशान की. दूर से शायद ये टेप या बैंडेज लगे मगर ये वो है नहीं. ये तो CGM है. मतलब देखने से ये वही लगता है. हालांकि इसकी "पुष्टि" नहीं कर सकते हैं. लेकिन ये जरूर बता सकते हैं कि इसका संबंध डायबिटीज से है. बताते क्या करता है ये.
CGM (Continuous Glucose Monitoring)डायबिटीज या शुगर के मरीजों के लिए दवाई जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी है इसकी मॉनिटरिंग. ब्लड शुगर लेवल कब ऊपर है, कब नीचे है और कब एकदम बरोबर है. अगर इसका पता चल जाए तो शुगर कंट्रोल करना आसान हो जाता है. अब इसको पता करने का, एक तरीका तो देसी वाला है. माने उंगली से खून निकालो और फिर मीटर में चेक करो.
दूसरा तरीका CGM. ये एक किस्म का डिवाइस है जो अमेरिका और यूरोप के विकसित देशों में बहुत आम है. लेकिन पिछले कुछ सालों में इंडिया में भी इसका चलन बढ़ा है. Continuous Glucose Monitoring एक किस्म का पैच होता है, जिसे बांह पर, पेट में या जांघों पर पहना जाता है. बॉक्स जैसे डिवाइस में आने वाले इस पैच में एक बेहद पतली सुई होती और साथ में सेंसर भी लगा होता है. वैसे आजकल CGM का इस्तेमाल एथलीट और फिटनेस प्रेमी भी करते हैं. कई बार उनको भी लगातार शुगर लेवल चेक करने की जरूरत होती है. मुकेश सहनी के केस में भी ऐसा हो सकता है क्योंकि चुनाव के चलते उनको अपनी फिटनेस का ख्याल रखना ही पड़ता होगा.

CGM का सेंसर फोन के ब्लूटूथ से कनेक्ट होता है जो फोन में मौजूद ऐप को शुगर लेवल की जानकारी लगातार भेजता रहता है. ऐप इस डेटा को कलेक्ट करता है और जरूरत पड़ने पर नोटिफिकेशन की घंटी भी बजाता है. माने लो और हाई शुगर होने पर फोन में टन-टन बजती है. इतना ही नहीं, शुगर लेवल एकदम से कम या ज्यादा होने पर ये परिवार के सदस्यों को भी अलर्ट करता है. हर 15 दिन में इस पैच को बदलना पड़ता है.
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बिला-शक CGM एक काम का डिवाइस है मगर ये कोई सस्ता सौदा नहीं है. आमतौर पर CGM की कीमत 10 हजार रुपये होती है जिसमें एक पैच साथ में आता है. फिर हर पंद्रह दिन के 5000 और जोड़ लीजिए. महीने के हुए 10 हजार. रोज के मोटा-माटी 300 रुपये. उंगली से खून निकालकर शुगर चेक करने से तो काफी महंगा है मगर जो किसी मरीज को लगातार रीडिंग की जरूरत है तो फिर यह एक अच्छा उपाय है.
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