आपने गाड़ी में चाबी लगाई, स्टार्ट की और गियर लगाया. गाड़ी दस कदम चलकर बंद हो गई. गुस्सा आएगा, लेकिन आप गली से मैकेनिक बुला लेंगे. पूरे चांस हैं कि मैकेनिक गाड़ी ठीक कर देगा या कम से कम इतना तो बता देगा कि क्या 'पीरोबलम' है. आपके पास पेट्रोल, डीजल या CNG वाली गाड़ी है तो ऐसा होने के चांस बहुत बहुत ज्यादा हैं. लेकिन EV के बारे में हम ऐसा कह सकते हैं क्या? माने जो EV एकदम से चलते-चलते बंद हो गई तो क्या मैकेनिक बता पाएगा कि क्या दिक्कत हुई. अजी मैकेनिक तो छोड़िए कंपनी ही नहीं बता पाएगी.
बड़े टेक यूट्यूबर की EV कार बीच रास्ते बंद, अब तक ठीक नहीं हुई, वजह कंपनी को भी नहीं पता
आप समझ ही गए होंगे कि हम फिर EV का कोई दर्द लेकर आए हैं. सही पकड़े हैं! इस बार ये दर्द देश के सबसे बड़े यूट्यूबर्स में से एक को मिला है. इतना ही नहीं, कई दिनों तक कंपनी (Mahindra) उनको ये भी नहीं बता पाई है कि आखिर गाड़ी को हुआ क्या है.


आप समझ ही गए होंगे कि हम फिर EV का कोई दर्द लेकर आए हैं. सही पकड़े हैं! इस बार ये दर्द देश के सबसे बड़े यूट्यूबर्स में से एक को मिला है. इतना ही नहीं, कई दिनों तक कंपनी (Mahindra) उनको ये भी नहीं बता पाई है कि आखिर गाड़ी को हुआ क्या है.
XEV 9E 'ट्रैक' से उतर गईस्टोरी का मीटर महिंद्रा की इलेक्ट्रिक कार XEV 9E के इर्द-गिर्द बैठने वाला है. मगर पहले undefined से राब्ता कर लेते हैं. देश के सबसे बड़े टेक यूट्यूब चैनल्स में से एक है. आज की तारीख में डेढ़ करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं. इंस्टा और इंग्लिश चैनल मिलाकर आंकड़ा 2 करोड़ हो जाएगा. देश की हर ऑटो कंपनी इनको अच्छे से जानती है. मतलब इनको कोई दिक्कत आएगी तो मामला टॉप लेवल पर एड्रेस होना चाहिए. लेकिन हुआ नहीं. बताते कैसे.
अरुण प्रभुदेसाई पिछले चार महीने से महिंद्रा की लेटेस्ट इलेक्ट्रिक कार XEV 9E चला रहे थे. उनके मुताबिक 500 किलोमीटर की रेंज मिल रही थी, सब मक्खन था और गाड़ी का टेक भी शानदार था. लेकिन चार दिन पहले उनकी गाड़ी 'घर से निकलते ही, कुछ दूर चलते ही' बंद हो गई. बंद मतलब बंद. स्टेरिंग लॉक हो गई, ब्रेक लॉक हो गए और 2 टन वजनी गाड़ी बीच रास्ते में खड़ी हो गई. गाड़ी के डैशबोर्ड पर लिखा आया ‘Critical fault detected. Stop the vehicle and contact Mahindra dealer.’ माने कोई बड़ी खामी है. गाड़ी बंद करो और महिंद्रा डीलर से संपर्क करो.

जैसे तैसे ऑफिस के लोगों ने गाड़ी को साइड में लगाया और महिंद्रा की आपातकाल टीम से संपर्क किया गया. मगर कोई नहीं आया, ऐसा दावा है. इस बीच कुछ हुआ और एक घंटे बाद गाड़ी अपने से स्टार्ट. अरुण ने इसके बाद गाड़ी को कंपनी के सर्विस सेंटर भेजा जहां से असल दर्द स्टार्ट हुआ.
महिंद्रा की टीम का जवाब, ‘सर हमारे पास इस फॉल्ट को पता करने के लिए कोई नहीं है.’ अरुण गाड़ी वापस ले आए. समझने की बात ये है कि अरुण पुणे में रहते हैं. मतलब उस शहर में जहां ये गाड़ियां बनती हैं. और वहीं कोई कुछ बताने वाला नहीं. खैर तीन दिन बाद गाड़ी फिर बंद. इस बार महिंद्रा का टेक्नीशियन आया और गाड़ी रीसेट करके चला गया.
लेकिन अगले दिन फिर वही कहानी. बंद मतलब बंद. इस बार महिंद्रा की टीम अपना लैपटॉप लेकर आई और फिर गाड़ी को टो करके ले गई.
ये 7 नवंबर की बात है. तब से गाड़ी उधर ही है. महिंद्रा वाले ये भी पता नहीं कर पाए हैं कि गाड़ी में दिक्कत क्या है. ठीक करना तो दूर की बात है. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि XEV 9E कोई सस्ती गाड़ी नहीं है. बेस मॉडल ही 20 लाख रुपये का है.

इस पूरे मामले पर अभी तक महिंद्रा का कोई बयान आया नहीं. हमने मेल किया है, मगर खबर के पब्लिश होने तक कोई जवाब नहीं आया. वैसे महिंद्रा की गाड़ियों में दिक्कत कोई नई बात नहीं. सोशल मीडिया पर आपको कितने वीडियो मिल जाएंगे. कोई शोरूम के बाहर बंद गाड़ी लेकर खड़ा है तो कोई जंगल में.

अरुण के पोस्ट की टाइमलाइन पर कितने ही लोगों ने अपनी व्यथा बताई है. अपन भी ऐसे ही एक महिंद्रा कार के मालिक हैं जो 19 अक्टूबर को बीच रास्ते बंद हो गई. आज की तारीख में सर्विस सेंटर पर खड़ी है क्योंकि पार्ट्स नहीं हैं.
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