The Lallantop
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

ये कंपनी 3 महीने में बनी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी, 'अलादीन का चिराग' जो इसके पास है

अमेरिकन कंपनी NVIDIA के मार्केट कैप में पिछले कुछ महीनों में इतनी बढ़ोतरी हुई है कि Apple और Microsoft जैसे दिग्गजों को अपना टॉप स्पॉट खोने का डर सताने लगा है. कैसे ये कंपनी इतनी ऊंचाई पर पहुंच गई?

post-main-image
NVIDIA का शानदार AI गेम

साल की शुरुआत मतलब जनवरी में आपकी सैलरी 100 रुपये हो और आज की तारीख यानी 16 अप्रैल, 2024 तक वो दोगुनी हो जाये तो. इतना ही नहीं, अगर ऐसा होने में आपका कोई हाथ भी नहीं हो तो. अब आप पक्का कहोगे भाई ऐसा तो सिर्फ सपने में हो सकता है. ऐसे ख्वाब दिखाकर कौन सा गेम खेल रहे हो. दरअसल गेम हम नहीं, बल्कि एक कंपनी खेल रही है. सिर्फ साढ़े तीन महीने में उनकी मार्केट कैप 1 ट्रिलियन (लगभग 83 लाख करोड़ रुपये) बढ़ गई. ऐसा खेला हुआ है कि कंपनी आज की तारीख में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है.

बात हो रही है अमेरिकन कंपनी NVIDIA की. गेमिंग पर बेस्ड इस कंपनी के मार्केट कैप में पिछले कुछ महीनों में इतनी बढ़ोतरी हुई है कि एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे दिग्गजों को अपना टॉप स्पॉट खोने का डर सताने लगा है. कमाल की बात ये है कि इस खेल में कंपनी के कोर बिजनेस का नहीं बल्कि AI का बड़ा हाथ है.

कितना मार्केट कैप?

अप्रैल में कंपनी का मार्केट कैप है 2.1 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 170 लाख करोड़ रुपये). 2023 के मुकाबले तकरीबन 77 फीसदी ज्यादा. साल 2023 में कंपनी का मार्केट कैप 1.22 ट्रिलियन डॉलर था. पिछले साढ़े तीन महीने में कंपनी की वैल्यू जितनी बढ़ी है वो एक और बड़े दिग्गज Tesla की कुल मार्केट वैल्यू से दोगुना है. हाल फिलहाल मस्क की कार कंपनी 532 बिलियन डॉलर (40 लाख करोड़ रुपये) के अल्ले-पल्ले झूल रही. अब ऐसे में ये सवाल लाजमी है कि आखिर हुआ क्या है.

AI में GPU की फोर्स लगी है

NVIDIA का असल बिजनेस है सेमीकंडक्टर और GPU बनाना. सेमीकंडक्टर का गेम अभी जस का तस है, मगर GPU मतलब Graphics Processing Unit में आग लगी हुई है. और ये आग लगाई है AI ने. वही AI जिसे असल में दरवाजा खटखटाते अभी डेढ़ साल ही हुए हैं. याद कीजिए दिसंबर 2022 जब Open AI का चैट GPT पब्लिक के लिए उपलब्ध हुआ. तभी दुनिया ने जाना कि AI क्या कमाल की चीज है. इसके बाद गूगल का Gemini और माइक्रोसॉफ्ट का Copilot भी लॉन्च हुए. ये सिर्फ उदाहरण हैं क्योंकि AI बेस्ड ऐप्स और चैटबॉट की लाइन लगी हुई है. इन्ही चैटबॉट को चलाने के लिए चाहिए होता है GPU.  
    

ये भी पढ़ें: ChatGPT और क्या-क्या कर सकता है? क्या ये गूगल को रिप्लेस कर देगा?

GPU मतलब एक कंप्यूटर चिप जिसका उपयोग कंप्यूटर से लेकर लैपटॉप, स्मार्टफोन और अन्य डिवाइसों में पिक्चर, वीडियो, 2D और 3D एनिमेशन को डिस्प्ले करने के लिए किया जाता है. आम भाषा में इसे ग्राफिक्स कार्ड और वीडियो कार्ड भी कहते हैं. इसका अविष्कार 1999 में Nvidia द्वारा किया गया था. इसके पहले तक कंप्यूटर और फोन में केवल CPU का इस्तेमाल किया जाता था. GPU आने से ही इमेज और वीडियो का गेम बदला. इसी चिप की मदद से इमेज और वीडियो स्क्रीन पर जल्दी लोड होते हैं. नॉर्मल लैपटॉप तो बेसिक सा जीपीयू और अगर तगड़ा गेमिंग लैपटॉप तो जबर वाला.

अब इसी GPU की जरूरत चैटबॉट को होती है. मतलब उनके सिस्टम से लेकर क्लाउड स्टोरेज को. मसलन चैट जीपीटी के एक मॉडल को ट्रेंड करने के लिए 10,000 जीपीयू यूनिट्स की जरूरत पड़ी थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी ने इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट से अरबों रुपये चार्ज किये हैं. माइक्रोसॉफ्ट इसलिए क्योंकि वो चैट जीपीटी की पेरेंट कंपनी OpenAI में पहले से इन्वेस्ट किये हुए है और आजकल तो मालिकाना हक भी उसी का है.

ये तो सिर्फ एक उदाहरण हैं क्योंकि जीपीयू तो हर AI कंपनी को चाहिए और वो मिलेगा सिर्फ Nvidia से. काहे से दुनिया के 80 फीसदी बाजार पर इसी का कब्जा है. AI ने कैसे इस कंपनी को फायदा पहुंचा दिया उसका एक और गणित बता देते हैं. साल 2022 में कंपनी का मार्केट कैप 2021 के 735 बिलियन डॉलर से तकरीबन 50 फीसदी गिरकर 364 बिलियन डॉलर आ गिरा था.

फिर साल 2023 दूसरा था और अब साल 2024 दूसरा है.

वीडियो: शख्स ने ChatGPT के जरिए ढूंढी दुल्हनिया, AI ने शुभ मुहूर्त भी बता दिया