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Google का यह फैसला नाबालिगों और उनके परिजनों को राहत देने वाला है!

गूगल का यह कदम नाबालिगों को इंटरनेट पर सेफ रखेगा.

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Google के ये फैसले आने वाले दिनों में होंगे लागू
Google के बिना जीना मुश्किल हो चला है. संभव है कि इस खबर तक आप गूगल के ज़रिए ही पहुंचे हों. गूगल चीज ही ऐसी है. बड़ों से लेकर बच्चे तक इसके ककहरे से पूरी तरह से वाकिफ हो गए हैं. फोटो सर्च करनी हो, या यूट्यूब पर कोई कार्टून देखना. गाना सुनना हो या प्ले स्टोर पर जाकर गेम डाउनलोड करना. सबकुछ आसानी से हो जाता है. इन सबके बीच आप के बच्चे, जो संभवतः नाबालिग हैं, डिजिटल फुटप्रिंट भी छोड़ते जाते हैं. यहीं पर प्राइवेसी को लेकर टेंशन बढ़ जाती है. ऐसा नहीं है कि गूगल को लेकर प्राइवेसी की टेंशन कुछ है. लेकिन कोरोना महामारी ने बच्चों और युवाओं को इंटरनेट की ओर और ज्यादा ढकेला है. चाहे पढ़ाई करनी हो या फिर दोस्तों संग मौज-मस्ती. अब बहुत कुछ ऑनलाइन हो चला है. लेकिन इंटरनेट जितना खूबसूरत है, उतना खतरनाक भी. शायद इसी वजह से Google ने कुछ ऐसे कदम उठाने की बात की है जो नाबालिग को इंटरनेट पर सेफ रखेंगे. Google लाने वाला है ये बदलाव Google images: सबसे अहम बदलाव यहीं पर होगा. 18 साल से कम उम्र के लोग अब अपनी तस्वीर को गूगल सर्च इंजन से हटाने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं. नाबालिग बच्चों के माता-पिता या परिजन भी ऐसा कर सकते हैं. लेकिन गूगल ने यह भी साफ किया है कि तस्वीरें सर्च इंजन से हट जाने का मतलब यह नहीं है, वो इंटरनेट से डिलीट हो जाएगा. YouTube: 13 से 17 साल के बच्चों के लिए डिफॉल्ट अपलोड सेटिंग्स में बदलाव होगा. उनके द्वारा अपलोड किया गया वीडियो प्राइवेट मोड में रहेगा यानी उसे हर कोई नहीं देख पाएगा. वीडियो क्रिएटर द्वारा चुने गए यूज़र ही उसे देख पाएंगे. Search: आज की तारीख में 13 साल से कम उम्र के यूज़र जब भी साइन इन करते हैं और गूगल पर कुछ भी सर्च करते हैं तो सेफ सर्च ऑन रहता है. आने वाले दिनों में यह सेफ सर्च वाला फीचर 18 साल के बच्चों के लिए आ जाएगा. तब जब भी कोई नाबालिग साइन करेगा, उसके लिए सेफ सर्च डिफॉल्ट में ऑन रहेगा. Google Assistant: गूगल ने भरोसा जताया है कि किसी भी वॉइस सर्च के बाद जवाब में आपत्तिजनक और एडल्ट कंटेंट नहीं आएगा. इसके लिए भी सेफसर्च का सहारा लिया जाएगा. एक और बड़ा बदलाव विज्ञापन को लेकर देखने को मिलेगा. कंपनी अब युवाओं को एज-सेंसेटिव कैटेगरी वाले विज्ञापनों से दूर रखेगी. नाबालिगों की रुचि, उम्र और लिंग को ध्यान में रखते हुए विज्ञापन ब्लॉक किए जाएंगे. Google का साफ-साफ कहना है कि उसका मकसद उम्र के हिसाब से फिट विज्ञापन यूज़र को परोसना है. यह तो है गूगल का प्लान, जिसे आने वाले दिनों में लागू किया जाएगा. अब इसका कितना फायदा होगा, यह तो आने वाला वक्त बताएगा. लेकिन नाबालिग बच्चों के माता-पिता या परिजनों के लिए यह राहत की सांस तो ज़रूर है.

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