संदीप कुमार सिन्हा
Associate Editor
जिस कार्यक्रम में जनता इंजॉय करती है, संदीप बंदोबस्त के लिए वेंडर्स को हड़काते पाए जाते हैं. वेबसाइट के प्रभारी हैं. संपादक इन्हें रीढ़ की हड्डी कहते हैं. जूनियर्स हड्डी-तोड़ मेहनत करवाने की शिकायत करते हैं. सबकी छुट्टियां यही अप्रूव करते हैं और 'सर प्लीज़' की गुहार से बच जाएं, तो चाय पीते हुए नंदू की दुकान पर पाए जाते हैं. पुराना शौक़, थिएटर. रिटायर होने के पहले पेड़ बने थे. सदाबहार शौक़, क्रिकेट और पुराना रॉक म्यूज़िक. टेक्नोलॉजी इनका छुपा हुआ प्यार है.