फ़िर ऑर्डर कान्फर्मेशन पर गौर करने पर पता चला कि इन्होंने खरीदारी “मैक्स फैशन” से नहीं बल्कि “मैक्स फैशन्स” से की थी. नाम में एक S बढ़ा हुआ था. इसी ईमेल में बिल्कुल नीचे की तरफ़ कस्टमर केयर से संपर्क करने के लिए एक ईमेल अड्रेस दिया हुआ है- stellardigitech01@gmail.com. साफ़ है कि ये ईमेल असली वाले मैक्स फैशन का नहीं है. फ़िर तो न वेबसाइट मिली, न ऑर्डर और न ही पैसे वापस हुए. ठगी को अंजाम दिया जा चुका था और इस ठगी में इस नकली वेबसाइट की मदद इंस्टाग्राम ऐड ने की.

जाली Max Fashion पर ऑर्डर करने पर मिली हुई रिसीट.
फ़ेसबुक पर धोखाधड़ी वाली वेबसाइट का ऐड द लल्लनटॉप को एक व्यूअर का ईमेल आया. नोएडा के रहने वाले राकेश कुमार जैसवाल जी ने बताया कि फ़ेसबुक पर ऐसी ढेरों धोखाधड़ी वाली वेबसाइट के ऐड चलते रहते हैं जो बस कस्टमर को चूना लगाने के लिए बैठी हैं. इन वेबसाइट पर एक से बढ़कर एक प्रोडक्ट सस्ते दामों पर पड़े होते हैं मगर ऑर्डर करने पर किसी तरह का प्रोडक्ट नहीं आता है. आपने पैसे दे दिए और काम खत्म. राकेश जी ने ऐसी कई वेबसाइट के लिंक भी हमसे साझा किए जो बस इसी काम के लिए बैठे हैं.

Sellshop नाम की वेबसाइट का स्क्रीनशॉट.
Sellshop.in नाम की वेबसाइट पर कपड़ों और ज्वेलरी से लेकर किचन आइटम और इलेक्ट्रॉनिक चीजें तक बिक रही हैं. राकेश जी का कहना है कि ये वेबसाइट पेमेंट लेने के बाद कोई प्रोडक्ट नहीं भेजती है. इनसे बस इनकी दी हुई ईमेल ID से ही कॉन्टैक्ट किया जा सकता है जो बार-बार बदलती रहती है. इन्होंने अपनी खरीदारी का प्रूफ भी हमारे साथ शेयर किया है जिसका टेम्पलेट ठीक वैसा ही है जैसा इंस्टाग्राम ऐड पर मौजूद नकली मैक्स फैशन वेबसाइट का था.
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SellShop की कॉपी-पेस्ट वाली Privacy Policy.
कहां से चल रहे हैं ये गोरखधंधे? एक वेबसाइट है जहां पर आप किसी भी वेबसाइट का अड्रेस डालकर देखेंगे तो डोमेन रजिस्टर करने वाले की डीटेल मिल जाती हैं. कई बार इसमें रजिस्टर करने वाले का नाम, मोबाइल नंबर और अड्रेस तक मिल जाता है. जिन्हें इस जानकारी को प्राइवेसी या किसी और वजह से छिपाना होता है वो एक्स्ट्रा पैसे देकर इन्हें छिपा सकते हैं. Sellshop.in के मालिक ने भी इन डीटेल को छिपा रखा है. बस इतना पता चल पाया कि ये वेबसाइट 30 अक्टूबर, 2020 को गुजरात में बनाई गई है.
राकेश जी ने कुछ और वेबसाइट की लिंक्स हमसे साझा की हैं और सबका यही हाल है. कुछ में तो अबाउट वाला पेज छोड़िए, कॉन्टैक्ट पेज तक नहीं है. बस एक जीमेल ID दी रहती है. यानी कि दूर से ही पता चल जाए कि दाल में कुछ काला है. मगर राकेश जी की बताई हुई वेबसाइट्स में से एक की पूरी डीटेल हमें मिल गई. हम यहां अड्रेस और फोन नंबर तो नहीं बताएंगे मगर ये वेबसाइट भी पिछले साल गुजरात में ही बनाई गई है. इन वेबसाइट की बस थीम बदली हुई है मगर बाकी की प्रैक्टिस लगभग सेम है. मुमकिन है कि इन्हें अलग-अलग लोग चला रहे हों और ऐसा भी मुमकिन है कि ये एक ही गिरोह या इंसान का काम है. फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर ठगों के ऐड क्यों है? राकेश जी का कहना है कि ये धांधली करने वाले प्लैट्फॉर्म थोड़े-थोड़े दिनों के बाद नाम बदलकर फ़ेसबुक पर ऐड चलाया करते हैं. इनका कहना है कि कस्टमर के साथ होने वाली चीटिंग में फ़ेसबुक भी जिम्मेदार है क्योंकि इनकी मदद के बिना ऐसे ठगों की दुकान चल ही नहीं सकती. और हम राकेश की इस बात से पूरी तरह से सहमत हैं.

Shopzilla नाम की वेबसाइट का स्क्रीनशॉट.
ऐसा भी नहीं है कि ये काम अभी नया-नया चालू हुआ है. इस टाइप के फर्जी वेबसाइट के ऐड बहुत लंबे टाइम से फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर चलते आ रहे हैं. दिसंबर 2018 में CBS ने इंस्टाग्राम पर चल रहे इसी टाइप की वेबसाइट के ऐड पर सवाल उठाए थे. ये वेबसाइट सिरे से पैसा लेकर गायब नहीं हो जाती थीं बस 100 डॉलर लेकर 20 डॉलर की चीज़ थमा देते थे. और फ़िर इसे न वापस लेती थी और न पैसे देती थी. इस पर इंस्टाग्राम के स्पोक्स्पर्सन की तरफ़ से जवाब आया था:
"हमारे सारे ऐड ऑटोमेटिक तरीके से या फ़िर किसी इंसान के द्वारा चेक करने के बाद ही पोस्ट किये जाते हैं. इस तरह का रिव्यू हमें पॉलिसी भंग करने वाले ज़्यादातर ऐड को रोकने में मदद करता है. मगर चूंकि अभी भी कुछ ऐड बचकर निकल जाते हैं इसलिए हम लगातार इसपर काम कर रहे हैं.”ज़ाहिर है कि फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम 2018 से लेकर अब तक जो भी काम कर रहे हैं वो काम नहीं आ रहा है. और अब धांधली करने वाली वेबसाइट के साथ-साथ, असली कंपनी के नाम पर बनाई हुई जाली वेबसाइट तक के ऐड इनके प्लैट्फॉर्म पर चल रहे हैं. ऐसे ऐड चलाने में सिर्फ़ फ़ेसबुक ही आगे नहीं है, बल्कि गूगल भी नकली फ़ोन बेचने वाली वेबसाइट के ऐड यूट्यूब पर चलाता हुआ कई बार पकड़ा गया है. हमने इस पर एक डीटेल में स्टोरी की है जिसे आप यहां पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं
. इन धांधलियों से कैसे बचें? एक ठगी वाली वेबसाइट बनाना बहुत ही आसान काम है. डोमेन नेम (वेबसाइट का अड्रेस) खरीदा, होस्टिंग ली, थीम सेलेक्ट की, दूसरी जगह से पिक्चर्स और डीटेल उठाकर डाली, पेमेंट सिस्टम लगाया और चालू हो गया गोरखधंधा. बस दुख भरी बात ये है कि जो फ़ेसबुक और गूगल के ऐड छोटे और नए बिज़नेस को बढ़ाने में इस्तेमाल होने थे उनका इस्तेमाल इन फ्रॉड वेबसाइट को लोगों तक पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. ये टेक कंपनियां जब तक कुछ नहीं करती, तब तक आपको खुद सजग रहना पड़ेगा. ऐसे स्कैम से बचने के लिए नीचे लिखी हुई चीज़ों का ख्याल रखिए.
कोई भी ऐड देखकर फौरन ही शॉपिंग मत कर लीजिए. अगर ऐड किसी जानी पहचानी वेबसाइट का है तो पहले चेक करिए कि ये वेबसाइट वही है जो आप सोच रहे हैं. खरीदारी करने से पहले साइट का लोगो, नाम और बाकी जानकारी का ठीक से मिलान करिए. इनका About और Contact us वाला पेज अच्छे से चेक करिए. जाली वेबसाइट बड़ी जल्दी में बनाई जाती हैं इसलिए आपको कुछ न कुछ गड़बड़ ज़रूर मिलेगी. मिंत्रा या मैक्स फैशन वग़ैरह जैसे जाने माने प्लैट्फॉर्म कॉन्टैक्ट के लिए @hotmail या @gmail वाला ईमेल कभी नहीं देंगे.
जाली वेबसाइट से बचने का एक आसान तरीका भी है. मान लीजिए आपके सामने मिंत्रा का कोई ऐड आया. इस ऐड पर क्लिक करके आप प्रोडक्ट खोल लीजिए मगर उसके बाद रुक जाइए. अब दूसरी टैब में मिंत्रा की वेबसाइट का अड्रेस खोल लीजिए और प्रोडक्ट के नाम को यहां लिखकर सर्च करिए. अगर ऐप इस्तेमाल करते हैं तो ऐप में यही चीज़ करिए. सामान मिल जाने के बाद खरीदारी यहीं से पूरी करिए.

इंस्टाग्राम स्टोरीज़ पर चलने वाले ऐड.
धोखाधड़ी वाली वेबसाइट के चक्कर में नए बिज़नेस का हाल गेंहू के साथ घुन पिसने जैसा हो रहा है. फ़िर भी कुछ चीजें हैं जिनकी मदद से आप इन दोनों में फ़र्क कर सकते हैं. धोखे वाली साइट पर आपको या तो About वाला पेज ही नहीं मिलेगा या फ़िर उसमें इनसे जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिलेगी. चोरी करने वाला अपनी पहचान छिपाएगा और सही काम करने वाला अपना नाम कूद-कूद कर बताएगा.
इसके अलावा आप वेबसाइट के Contact पेज पर जाकर भी इनकी जानकारी देख सकते हैं. फ्रॉड वेबसाइट पर आपको एक ईमेल के अलावा और कोई जानकारी नहीं मिलेगी.
नई वेबसाइट के सारे पेज ज़रूर चेक करें. आधी-अधूरी वेबसाइट खतरे की घंटी है. सब सही मिलने के बाद भी प्राइवेसी पॉलिसी और टर्म्स एंड कंडीशन वाला पेज चेक करें. एक बार देख लें कि कहीं यहां पर असली डॉक्यूमेंट की जगह इंटरनेट से कॉपी की हुई टेम्पलेट न चिपकाई गई हो. असली वेबसाइट बनाने वाला इन सब चीज़ का ख्याल रखेगा मगर फ्रॉड के पास इन सब का टाइम नहीं होता है इसलिए यहां पर ये पकड़ में आ सकते हैं.