केंद्र सरकार ने बुधवार 4 जून को देश में जनगणना की तारीख का एलान कर दिया. 7 दशकों में ऐसा पहली बार होगा जब जनगणना में जाति गणना भी शामिल होगी. सरकार के एलान के मुताबिक, जनगणना दो चरणों में होगी. पहले चरण में कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों समेत देश के पहाड़ी और बर्फीले इलाकों में जनगणना कराई जाएगी. यह 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगी. वहीं देश के बाकी हिस्सों में यह 1 मार्च 2027 से शुरू होगी. इस संबंध में औपचारिक अधिसूचना 16 जून 2025 को गजट में प्रकाशित होने की उम्मीद है.
जातियों की गिनती के साथ दो चरणों में होगी जनगणना, तारीखें पता चल गईं
भारत की जनगणना की तारीख का एलान हो गया है. भारत सरकार ने एलान किया है कि दो चरणों में देश की जनगणना कराई जाएगी. पहाड़ी इलाकों में यह 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगी जबकि देश के बाकी हिस्सों में 1 मार्च 2027 से जनगणना कराई जाएगी.

इंडिया टुडे ने प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) के हवाले से बताया कि जातियों की गिनती के साथ ही जनगणना-2027 को 2 चरणों में कराने का फैसला लिया गया है. पहले चरण में केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के बर्फीले इलाकों में जनगणना कराई जाएगी. इसके लिए रेफरेंस डेट 1 अक्टूबर 2026 होगी. दूसरे चरण में देश के बाकी हिस्सों में गणना आयोजित कराई जाएगी, जिसके लिए संदर्भ तिथि यानी Reference Date 1 मार्च 2027 होगी.
भारत में जनगणना अधिनियम-1948 और जनगणना नियम- 1990 के प्रावधानों के तहत जनगणना की जाती है. साल 2011 में हुई जनगणना भी दो चरणों में की गई थी. साल 2021 की जनगणना को भी ऐसे ही किया जाना था. इसके लिए पहला चरण अप्रैल-सितंबर 2020 में और दूसरा चरण फरवरी 2021 में आयोजित किया जाना था. इसके पहले चरण की सारी तैयारियां भी पूरी कर ली गई थीं. लेकिन, COVID-19 महामारी के कारण जनगणना का ये काम स्थगित कर दिया गया था.
इस बार की जनगणना खास इसलिए है कि आजादी के बाद पहली बार जनगणना के साथ कास्ट सेंसस भी किया जाना है. विपक्षी दलों के लोग लगातार इसकी मांग कर रहे थे. इसके बाद 30 अप्रैल को नरेंद्र मोदी सरकार की राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने जाति जनगणना का फैसला लिया था. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बात की पुष्टि की थी कि इस बार की जनगणना के साथ ही जातीय जनगणना भी कराई जाएगी.
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