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'अवतार' फिल्म में दिखाया गया एक आईडिया, अब आपकी जान भी बचा सकता है

लंदन का मशहूर कॉलेज इस अजीब बात को हकीकत में बदलने वाला है.

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अवतार की तकनीक जान बचाएगी

फिल्म चाहे हॉलीवुड की हो या बॉलीवुड की, उनका असर हमारे ऊपर देखा जा सकता है. लेकिन अगर हम कहें कि कोई फिल्म आपकी जान भी बचा सकती है, तो एक पल के लिए आप यकीन नहीं करेंगे. आपको लगेगा एक और कहानी सुनाने आ गए. लेकिन यही बात दुनिया का एक मशहूर कॉलेज imperial college london कहे तो आप शायद यकीन कर लें. फिल्म का नाम है 'अवतार'. हॉलीवुड वाली फिल्म, जिसका सीक्वल कुछ दिनों पहले आया है. अब ‘अवतार’ (Avtar-The Way of Water) जान कैसे बचा रही है, वो भी बता देते हैं.

वैसे फ़िल्में पहले से ही तकनीक से लेकर आम इंसान के भविष्य तक की झलक देती रही हैं. 1968 में बनी 2001: A Space Odyssey में वीडियो कॉल का कॉन्सेप्ट दिखाया गया था. सोचिए, तब तो आधी दुनिया में लैंडलाइन फोन भी नहीं थे. टॉम क्रूज (Tom Cruise) और स्टीवन स्पीलबर्ग (Steven Spielberg) वाली साइंस फिक्शन फिल्म Minority Report भी तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात करती थी. सुपरस्टार रजनीकांत की ‘शिवाजी’ के बाद कई सारे लोगों को आईटी की जॉब का चस्का लगा था. कहने का मतलब James Cameron वाली ‘अवतार’ जो कर रही है, उस पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए.

‘अवतार’ क्या कर रही?

‘अवतार’ को शूट करने के लिए Motion capture suits का इस्तेमाल हुआ है. इनका काम है पर्दे पर दिख रहे एनिमेशन को वास्तविक दिखाना. अगर आपने 'अवतार' देखी होगी, तो आपको महसूस हुआ होगा कि फिल्म के डायरेक्टर ने असल दुनिया ही रच डाली है. यही मोशन सूट अब इंसान के शरीर की हर गतिविधी को रिकॉर्ड करने का काम कर रहे हैं. वैसे ये सूट फिल्म में क्या-क्या करते हैं, वो आप फिल्म के BTS में देख सकते हैं. मोशन सूट जैसी तकनीक से गंभीर किस्म की बीमारियों जैसे ह्रदय रोग, पार्किंसन और बच्चों से जुड़ी हड्डी की बीमारियों का पता लगाया सकता है.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक सूट मौजूद सेंसर शरीर की हर एक्टिविटी का डेटा रिकॉर्ड करते है और एक AI मॉडल की मदद से बीमारी का पता लगाने की कोशिश करता है. ‘अवतार’ फिल्म जैसा सूट बनाने का आइडिया लंदन के इंपीरियल कॉलेज के प्रोफेसर ऐल्डो फैजल (Aldo Faisal) का है. फैजल के मुताबिक उनका बनाया सूट डॉक्टर के मुकाबले आधे समय में बीमारी को पकड़ सकता है. बीमारी बढ़ रही या घट रही, उसका अंदाजा भी लगा सकता है. अच्छी बात ये है कि सूट 24 घंटे मरीज पर नजर रख सकता है.

वैसे भी बीमारी का सबसे बड़ा इलाज उसका समय रहते पता चलना है. इसलिए ये सूट इलाज के साथ दवाइयों की खोज में बहुत काम आ सकता है. मशहूर साइंस पत्रिका नेचर ने तो इसको गेम चेंजर मतलब खेल बदलने वाला बताया है. 

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कह सकते हैं कि वो दिन दूर नहीं जब डॉक्टर आपसे बीमार होने पर ‘अवतार’ देखने, अरे माफ कीजिए ‘अवतार’ जैसा सूट पहनने को कहेंगे.

 

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