डिजिटल पेमेंट बोले तो UPI के आने के बाद हमारे देश में तो ATM कार्ड का काम काफी कम हो गया है. बटुए का बोझ भी हल्का हो गया है क्योंकि कई सारे ATM कार्ड रखने की दिक्कत ही खत्म हो गई है. मगर जरा सोचकर देखिए कि ATM कार्ड साथ में रखने की जरूरत बिल्कुल ही खत्म हो जाए तो. ATM कार्ड वाली चिप आपके नाखूनों में फिट हो जाए तो. बस टच किया और पेमेंट हो जाए तो. ऐसा 'कुछ' हुआ तो है. अब असली में या 'Tecnologia' है, पता करते हैं. लेकिन पहले आप ये वीडियो देखिए.
महिला ने नाखून पर ATM चिप लगाकर कर दी पेमेंट, क्या आप भी ऐसा कर सकते हैं?
X पर एक वीडियो वायरल है जिसमें एक महिला ने अपने नाखूनों में ATM चिप (ATM chip in nales) को इंस्टॉल किया है. चिप को नाखूनों में चिपकाने के बाद महिला एक सुपर मार्केट जैसी जगह पर शॉपिंग करते और पेमेंट करते हुए भी नजर आती है.

सोशल मीडिया पर ये वीडियो ATM से पैसे निकलने की रफ्तार से भी तेज भाग रहा है. कमाल के जुगाड़ की खूब वाहवाही हो रही है. मगर क्या ऐसा सच्ची में हो सकता है? नहीं जनाब. नाखून में ATM चिप फिल्मों तक ही ठीक है. असल में ऐसा नहीं हो सकता है. इसके पीछे है वो साइंस जो एक चिप को ऑपरेट करने के लिए चाहिए.
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मेटल चिप से लेकर SIM जैसे कोई भी प्रोडक्ट तब तक काम नहीं करते जब तक वो उसे रीड करने वाली मशीन के संपर्क में नहीं आते. मतलब डेटा ट्रांसफर के लिए चिप को मशीन के अंदर जाना होगा या फिर NFC (Near-field communication) का सपोर्ट चाहिए होगा. उदाहरण के लिए, हम जो आजकल के मॉडर्न कार्ड से मशीन के माथे पर टैप करके (Tap to pay) पेमेंट करते हैं, वो कार्ड मे लगे तांबे के तार वाली कोइल के जरिए होता है. ऐसी ही तकनीक वायरलेस चार्जिंग में भी काम करती है और और फास्टैग में भी.
NFC एक छोटी दूरी की वायरलेस कनेक्टिविटी तकनीक है जो NFC-enabled devices को एक-दूसरे के साथ बतियाने के लिए ब्रिज का काम करती है. NFC दो उपकरणों के बीच कनेक्शन बिठाने के लिए विद्युत चुंबकीय रेडियो क्षेत्रों (electromagnetic radio fields) के माध्यम से डेटा प्रसारित करता है. इसके लिए दोनों ही उपकरणों में NFC चिप्स होना जरूरी है क्योंकि लेन-देन एक निश्चित और कम दूरी तक ही होता है. डेटा ट्रांसफर के लिए NFC-enabled devices का एक-दूसरे के साथ टच करना या एक-दूसरे से कुछ सेंटीमीटर की दूरी पर रखा होना जरूरी होता है.
साल 2004 में टेक की तीन दिग्गज कंपनियों, नोकिया, फिलिप्स और सोनी ने मिलकर NFC फोरम का गठन किया. इसके बाद नोकिया ने 2007 में पहला NFC-enabled phone लॉन्च किया था. आज स्मार्टफोन में जो वॉलेट वाली सुविधा होती है, जिसमें आप अपने कार्ड्स का डिटेल्स सेव करते हैं, वो NFC पर ही काम करती है.
रही बात इस वाले वीडियो की तो ध्यान से देखेंगे तो नजर आएगा कि मोहतरमा ने चिप पर ऐक्रेलिक लगाया है. ऐसा करने से कोई कनेक्शन नहीं बनने वाला. और तो और पेमेंट भी बारकोड स्कैनर से चिप स्कैन करके किया जा रहा है.
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