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ठग आपके आधार से बीमा करवा रहे, पैसे ले रहे, आपको भनक न लग रही, नया फ्रॉड सामने आया

इस बार साइबर ठगों का निशाना इंश्योरेंस कंपनियां हैं. अपराधी इंश्योरेंस कंपनियों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं. फर्जी इंश्योरेंस क्लेम ले रहे हैं और इसके लिए आधार बेस्ड पहचान का इस्तेमाल किया जा रहा है. पूरी बात बताते हैं.

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आधार और इंश्योरेंस

दुनिया जहान के कीवर्ड की एक उम्र होती है. मसलन पिछले दो महीने से Anderson-Tendulkar Trophy एक कीवर्ड था. Trump's tariff पिछले कई महीनों से ट्रेंड कर रहा है मगर देर-सवेर ये भी नेपथ्य में चला जाएगा. मगर एक कीवर्ड है जो कभी ट्रेंड से बाहर नहीं होता है. साइबर अपराध, साइबर क्राइम और आधार कार्ड. इतना पढ़ते ही आपने अंदाजा लगा लिया होगा कि हम फिर आधार से जुड़े किसी फ्रॉड या अपराध की बात करने वाले हैं. एकदम मगर इस बार फ्रॉड का अड्डा आपका बैंक अकाउंट नहीं है. आपकी निजी जानकारी भी इसका टारगेट नहीं है.

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इस बार साइबर ठगों का निशाना इंश्योरेंस कंपनियां हैं. अपराधी इंश्योरेंस कंपनियों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं. फर्जी इंश्योरेंस क्लेम ले रहे हैं और इसके लिए आधार बेस्ड पहचान का इस्तेमाल किया जा रहा है. पूरी बात बताते हैं.

आधार बना फ्रॉड का आधार

जुलाई महीने के आखिर में उत्तर प्रदेश पुलिस ने कई इंश्योरेंस कंपनियों को नोटिस भेजे थे. इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक नोटिस में इंश्योरेंस क्लेम में मदद करने वाले कंपनी के कर्मचारियों और कंपनी की आंतरिक फ्रॉड कंट्रोल टीम के डिटेल मांगे हैं. दरअसल यूपी पुलिस हेल्थ, लाइफ और मोटर इंश्योरेंस से जुड़े एक बड़े फ्रॉड की जांच कर रही है.

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दरअसल ठगों ने आधार कार्ड के डिटेल्स में हेराफेरी करके फर्जी इंश्योरेंस क्लेम लेना स्टार्ट किया है. साइबर ठग गांव से लेकर छोटे अस्पतालों से मरीजों का आधार डिटेल निकालकर फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं. इसके लिए कई बार मरीजों को इलाज में सुविधा सहित नगद पैसे का लालच भी दिया जा रहा है. एक बार आधार डिटेल मिल जाने के बाद उसमें रजिस्टर मोबाइल नंबर को बदलकर पूरा कांड किया जा रहा है.

मोबाइल नंबर बदलने के बाद उसी आधार कार्ड के बेस पर बड़े प्रीमियम वाली इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी जाती है और फिर फर्जी क्लेम लिया जाता है. क्लेम की रकम के लिए गांव और कस्बे के छोटे बैंक में खाता खोला जाता है. Niva Bupa Health Insurance के MD Krishnan Ramachandran के मुताबिक उनको इस तरीके के फ्रॉड के 2-3 केस मिले हैं. इंश्योरेंस कंपनियां भी इस तरीके के फ्रॉड की जानकारी Insurance Information Bureau (IIB) के साथ साझा कर रही हैं.

इंडस्ट्री के एक्सपर्ट के मुताबिक देश में टोटल इंश्योरेंस क्लेम का 10-15 फीसदी एकदम फर्जी होता है. यूपी पुलिस इस अपराध से जुड़े पूरे रैकेट की जांच कर रही है. अपडेट मिलते ही हम आपसे साझा करेंगे. लेकिन तब तक आप अपने आधार के डिटेल साझा करने में सावधानी बरतें. अपने बायोमेट्रिक्स मसलन उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों की पहचान को लॉक रखें.  

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