संजय दत्त जीवनी पार्ट 2: सनावर स्कूल की कहानी, ड्रग्स का नशा और नरगिस को दी धमकी
जब ड्रग्स के नशे में संजय को पापा मोमबत्ती की तरह जलते दिखाई देने लगे
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80 के दशक में संजय दत्त जवान हो रहे थे. ये वो दौर था जब संजय दत्त अपनी प्रोफेशनल लाइफ (जो बस शुरू होने को थी) से ज़्यादा पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में रहते थे. बाद में तो बहुत सी लड़कियां उनकी ज़िंदगी में आईं, लेकिन ये तब की बात है जब वो अकेले हुआ करते थे. उनके साथ सिर्फ नशा था, जो हर वक्त उनके सिर पर सवार रहता था. नशा भी दूसरे लेवल का सिर्फ शराब-सिगरेट नहीं. गांजा, ड्रग्स से लेकर हेरोइन तक. वो तकरीबन हर वक्त इसी में खोए रहते थे.
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