16 जुलाई 2023. विंबलडन 2023 का फाइनल मैच खेला जा रहा था. जहां 23 बार के ग्रैंडस्लैम चैंपियन और अपराजेय दिख रहे नोवाक जोकोविच (Novak Djokovic) के सामने इतिहास रचने का मौका था. जोकोविच के सामने दो रिकॉर्ड बनाने का मौका था. पहला मार्गरेट कोर्ट की रिकॉर्ड 24 ग्रैंडस्लैम खिताब की बराबरी करने का और दूसरा सबसे ज्यादा विंबलडन खिताब जीतने के रोजर फेडरर के रिकॉर्ड के बराबर पहुंचने का. लेकिन जोकोविच और इन ऐतिहासिक रिकॉर्ड के बीच दीवार बन गया स्पेन का एक टेनिस स्टार.
अब स्पेन और टेनिस सुनते ही आपके भी दिमाग में रफाएल नडाल का नाम आया होगा. पर वो खिलाड़ी नडाल नहीं बल्कि 20 साल का एक लड़का है. नाम कार्लोस अल्कराज (Carlos Alcaraz). दुनिया का नंबर-1 टेनिस खिलाड़ी. अल्कराज़ ने जोकोविच को ना सिर्फ मात दी, बल्कि उन्हें इतना छकाया कि गुस्से से सर्बियन खिलाड़ी कोर्ट पर रैकेट पटकटे नजर आए. और इसमें सबसे खास बात ये रही कि अल्कराज़ ने ये कमाल दिखाया ग्रास कोर्ट पर. जहां उनकी क्षमता को लेकर तमाम आशंका जाहिर की गई थी.
20 साल के लड़के की कहानी, जिसने विंबलडन ऐसा जीता कि जोकोविच रैकेट पटकने लगे!
नडाल का फैन, फेडरर जैसा खेल. कोच नंबर 1 वन खिलाड़ी तो खुद ऐसा रिकॉर्ड बनाया, दुनिया देख रही...
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अब ये अल्कराज़ हैं कौन? और ये इस मुकाम तक पहुंचे कैसे? आइये पूरी कहानी आपको बताते हैं.
कार्लोस अल्कराज़ का जन्म 5 मई 2003 को स्पेन के एल पालमार में हुआ. कार्लोस को टेनिस विरासत में मिली. उनके दादा एक टेनिस क्लब के सबसे पहले सदस्य थे. जबकि उनके पिता कार्लोस अल्कराज़ गोंजालेज एक प्रोफेशनल टेनिस प्लेयर रह चुके हैं. जिनका नाम एक समय स्पेन के टॉप-40 टेनिस प्लेयर में शामिल था. रिटायरमेंट के बाद वो एक टेनिस अकादमी चलाते थे. ऐसे में अल्कराज़ और उनके बाकी तीन भाइयों के पास बचपन में टेनिस खेलने के अलावा शायद कम ही विकल्प था. और वो भी तब जब रफाएल नडाल स्पेन को टेनिस की दुनिया में अलग पहचान दिला रहे थे.
अल्कराज जब तीन साल के थे तब उन्होंने पहली बार टेनिस का रैकेट पकड़ा और यहां से शुरू हुआ एक बच्चे का दुनिया के नंबर-1 टेनिस प्लेयर बनने का सफर. पापा के कहने पर टेनिस खेलना शुरू करने वाले अल्कराज़ को जल्द ही इस खेल में मजा आने लगा. अल्कराज़ को बचपन के दिनों से करीब से जानने वाले स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट जोसेफिना कटिलास ने स्पेनिश न्यूजपेपर El Pais को दिए इंटरव्यू में बताया,
‘बचपन में ही अल्कराज ने अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया था. उसे पता था कि वो क्या बनना चाहता था. और वो लगातार इसपर काम करता रहा. एक बच्चे के लिए ये बिल्कुल भी आसान नहीं होता है, क्योंकि इस उम्र में आपकी इच्छाएं काफी उतार-चढ़ाव वाली होती हैं.’
15 साल की उम्र तक अल्कराज़ के पापा ने ही उन्हें ट्रेनिंग दी. लेकिन खेल को और निखारने के लिए उन्हें दुनिया के नंबर-1 खिलाड़ी रह चुके युआन कार्लोस फरेरो से कोचिंग दिलाने का फैसला किया गया. फरेरो उस समय एलेक्जेंडर ज्वेरेव के कोच थे. लेकिन कार्लोस के खेल को देखते हुए फरेरो ने साल 2018 में उनका कोच बनने का फैसला किया. और इसके बाद से अल्कराज़ का टेनिस करियर हर दिन नई बुलंदियों को छूने लगा.
साल 2019 में रोजर फेडरर विंबलडन क्वार्टर फाइनल मैच की तैयारी के लिए युआन कार्लोस फरेरो के साथ प्रैक्टिस कर रहे थे. इस दौरान फरेरो के कहने पर फेडरर ने अल्कराज के साथ प्रैक्टिस की. इस दौरान फरेरो ने फेडरर से जोरदार शॉट मारने के लिए कहा. फरेरो ने फेडरर से कहा कि वो लड़का (अल्कराज़) उनके शॉट को हैंडल कर सकता है. इस वाकये को लेकर अल्कराज़ ने टेनिस मेजर्स को दिए इंटरव्यू में कहा,
‘मुझे विंबलडन में एक बार फेडरर के साथ प्रैक्टिस करने का मौका मिला. यह बहुत अच्छा रहा, यह मेरे लिए एक अनोखा अनुभव था. इस दौरान मैंने बहुत कुछ सीखा. शुरुआत में मैं थोड़ा घबरा रहा था, क्योंकि बहुत सारे लोग हमें देख रहे थे. लेकिन जैसे-जैसे प्रैक्टिस आगे बढ़ती गई, मुझे इसमें मजा आने लगा. ये मेरे लिए बहुत ही अच्छा अनुभव था.’
अल्कराज के खेल को देखते हुए उनकी तुलना रफाएल नडाल से की जाने लगी. इसको लेकर टेनिस वर्ल्ड को दिए गए एक इंटरव्यू में अल्कराज़ ने कहा,
कैसा रहा टेनिस करियर?‘नडाल से किसी की तुलना नहीं की जा सकती है. मैं उनके जैसा बनना चाहता हूं. मेरा खेलने का तरीका रोजर फेडरर से मिलता-जुलता है, लेकिन मेरे आइडल नडाल हैं. क्योंकि मुझे भी क्ले कोर्ट पर खेलना काफी अच्छा लगता है.’
फरवरी 2020 में रियो ओपन के जरिए अल्कराज़ ने ATP मेन ड्रॉ में डेब्यू किया. जबकि अगले साल उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन के जरिए अपना ग्रैंडस्लैम डेब्यू किया. उस समय अल्कराज़ की उम्र 17 साल थी और वो इस ग्रैंडस्लैम के मेन ड्रॉ में क्वालीफाई करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए. वो इस टूर्नामेंट के दूसरे दौर में पहुंचे. इसके बाद अल्कराज़ मैड्रिड ओपन के दूसरे दौर में पहुंचे. जहां प्रोफेशनल करियर में पहली बार उनका सामना रफाएल नडाल से हुआ. अल्कराज़ इस मैच को हार गए लेकिन अपने खेल से उन्होंने सबको काफी प्रभावित किया. साल 2021 के खत्म होने तक अल्कराज़ टेनिस रैंकिंग की टॉप 50 में पहुंच चुके थे.
बचपन में दुनिया के नंबर-1 टेनिस प्लेयर बनने और ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने का सपना देखने वाले अल्कराज़ के लिए साल 2022 कमाल का रहा. जहां उन्होंने एक ही समय में अपने दोनों सपने पूरे कर लिए. लगातार बेहतरीन खेल दिखाने वाले अल्कराज़ ने 12 सितंबर 2022 को साल के अंतिम ग्रैंडस्लैम US Open का खिताब अपने नाम किया. और इसके साथ ही वो दुनिया के नंबर-1 खिलाड़ी भी बन गए. 19 साल 4 महीने की उम्र में वो ऐसा करने वाले दुनिया के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए. ये रिकॉर्ड पहले ऑस्ट्रेलिया के लेटन हेविट के नाम था. जो 20 साल 9 महीने की उम्र में इस मुकाम तक पहुंचे थे.
वो अपने कोच युआन कार्लोस फरेरो, रफाएल नडाल और कार्लोस मोया के बाद ऐसा करने वाले चौथे स्पेनिश खिलाड़ी बन गए. हालांकि चोट के कारण वो साल 2023 के पहले ग्रैंडस्लैम ऑस्ट्रेलियन ओपन में हिस्सा नहीं ले पाए. जबकि फ्रेंच ओपन के सेमीफाइनल में उन्हें नोवाक जोकोविच के हाथों हार का सामना करना पड़ा. और अल्कराज़ ने इस हार का बदला लेने में ज्यादा देर नहीं लगाई. और विंबलडन 2023 के फाइनल में उन्होंने जोकोविच को हराकर बदला पूरा कर लिया.
अल्कराज की ये जीत इसलिए भी खास है क्योंकि वो पिछले 21 साल में बिग-4 प्लेयर्स के अलावा विंबलडन जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए. बिग-4 प्लेयर्स के बारे में बताएं तो ये टर्म दिग्गज टेनिस प्लेयर्स रोजर फेडरर, रफाएल नडाल, नोवाक जोकोविच और एंडी मरे के लिए यूज किया जाता है. इन प्लेयर्स से पहले साल 2002 में लेटन हेविट ने विंबलडन का खिताब जीता था. अल्कराज़ ओपन एरा (1968 के बाद की टेनिस) में विंबलडन खिताब जीतने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए. 1985 में 17 वर्षीय बोरिस बेकर और 1976 में 20 साल के बियोन बॉग ने ये खिताब जीता था.
अब जबकि रोजर फेडरर इस खेल को अलविदा कह चुके हैं. रफाएल नडाल, एंडी मरे और कुछ हद तक नोवाक जोकोविच भी अपने करियर के अंतिम दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में अल्कराज़ जिस तरह का खेल दिखा रहे हैं, ये कहना गलत नहीं होगा कि वो भी इन दिग्गजों की लिस्ट में जगह बना सकते हैं.
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