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टीम इंडिया में ऐसे प्रयोग होंगे तो वर्ल्ड कप में क्या होगा?

ये प्रयोग जाने कब रुकेंगे!

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रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ (AP)

रोहित शर्मा, ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर, दिनेश कार्तिक, सूर्यकुमार यादव, अक्षर पटेल, हर्षल पटेल, रविचंद्रन अश्विन, दीपक चाहर, उमेश यादव और मोहम्मद सिराज. ये वो ग्यारह लोग हैं जो भारत और साउथ अफ्रीका के बीच इंदौर में हुए T20I मैच में खेले थे. ये T20 वर्ल्ड कप से पहले भारत का आखिरी T20I मैच था.

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अब आगे बढ़ने से पहले आपको T20 वर्ल्ड कप की भारतीय टीम बता देते हैं. रोहित शर्मा, केएल राहुल, अर्शदीप सिंह, रविचंद्रन अश्विन, युज़वेंद्र चहल, दीपक हूडा, दिनेश कार्तिक, विराट कोहली, भुवनेश्वर कुमार, हार्दिक पंड्या, ऋषभ पंत, अक्षर पटेल, हर्षल पटेल, सूर्यकुमार यादव. इनके अलावा टीम में स्टैंडबाई प्लेयर्स के रूप में दीपक चाहर, श्रेयस अय्यर, रवि बिश्नोई और मोहम्मद शमी रखे गए हैं.

अब अगर आप साउथ अफ्रीका के खिलाफ़ खेली भारतीय टीम दोबारा देखेंगे, तो आपको पता चलेगा कि इसमें कई ऐसे प्लेयर खेले जो वर्ल्ड कप नहीं जा रहे. अय्यर, चाहर, उमेश और सिराज. यानी साउथ अफ्रीका के खिलाफ़ खेली आपकी बोलिंग लाइनअप में तीन प्लेयर ऐसे थे, जो वर्ल्ड कप की स्कीम में नहीं हैं. और आप वर्ल्ड कप से ठीक पहले उन्हें गेम टाइम दे रहे हैं. वैसे बैटर भी जोड़ लें तो यह नंबर चार हो जाता है.

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और ये सब वर्ल्ड कप से ठीक पहले हो रहा है. ठीक पहले मतलब इतना पहले, कि अब इसके बाद भारतीय टीम इस फॉर्मेट का अगला मैच सीधे वर्ल्ड कप में ही खेलेगी. और इस मैच में टीम इंडिया ने खूब प्रयोग किए. टॉस के वक्त कैप्टन रोहित शर्मा ने बताया कि विराट कोहली और केएल राहुल को आराम दिया गया है. जबकि अर्शदीप सिंह की पीठ में समस्या है. और ये समस्या गंभीर ना हो, इसलिए अर्शदीप को मैच से बाहर किया गया.

अर्शदीप की समस्या तो जेनुइन लगी. लेकिन विराट और राहुल का क्या करें? बेचारे अभी तो टच में लौटे थे. सही कनेक्शन बना रहे थे और मैनेजमेंट ने बिठा दिया. टीम मैनेजमेंट के ऐसे फैसलों का क्या ही अर्थ निकाला जाए? वर्ल्ड कप से ठीक पहले, टीम के आखिरी मैच में भी अपनी प्लेइंग XI नहीं बना पाए हैं. डेथ ओवर्स का सरदर्द वैसे का वैसा है.

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ओपनिंग में अभी तक राहुल चल रहे थे. अब एकाएक ऋषभ पंत को ओपनिंग करने भेज दिया गया. जबकि सबको पता है कि राहुल लौटेंगे तो रोहित के साथ वही ओपनिंग करेंगे. और तीसरे ओपनिंग ऑप्शन विराट कोहली हैं. ऋषभ पंत को नीचे ही खेलना है. फिर भी उन्हें उस पोजिशन पर मैच प्रैक्टिस देने की जगह नई गेंद खिलाई जा रही है. नंबर तीन पर श्रेयस अय्यर उतारे गए. जिन्हें वर्ल्ड कप में खेलना ही नहीं है.

वहीं लगातार फिनिशर का रोल कर रहे डीके को इस मैच में नंबर चार भेज गया. वहां उन्होंने बढ़िया बैटिंग की. लेकिन इससे फायदा क्या निकला? अभी तक तो टीम मैनेजमेंट ने कसम खाई हुई थी कि डीके को 10-15 गेंदों से ज्यादा नहीं खेलने देना है. फिर एकाएक ऐसा क्या हुआ कि इन फॉर्म बैटर सूर्यकुमार को रोककर डीके को ऊपर भेजा गया?

फ्लेक्सिबल होना ठीक बात है. लेकिन दुनिया की कौन सी टीम है जो इतनी काट-छांट करती है? कहां पर आउट ऑफ फॉर्म बल्लेबाज को फॉर्म में लौटते ही आराम दे दिया जाता है? और वो कौन सी टीम है जिसका कैप्टन वर्ल्ड कप से पहले अपना आखिरी मैच खेलने के बाद अपने मुख्य बोलर के रिप्लेसमेंट के बारे में कहता है - 

'बुमराह वर्ल्ड कप से बाहर हो गए हैं. तो हमें एक ऐसा बॉलर ढूंढना होगा जिसके पास ऑस्ट्रेलिया में बोलिंग करने का अनुभव हो. अभी हम नहीं जानते वो बोलर कौन होगा. हम ऑस्ट्रेलिया जाएंगे और फिर ये तय करेंगे.'

ठीक बात है कि ऐसी चीजें पब्लिक में नहीं डिस्कस की जातीं, लेकिन ये तो ऐसा ही जवाब हुआ कि जब भूख लगेगी तब सोचेंगे कि क्या बनाना है. अगर भूख लगनी तय है तो उसकी प्लानिंग पहले से क्यों नहीं की जा सकती? ये बेसिक बात नहीं है? आम इंसानों के लिए शायद होगी. लेकिन हमारे टीम मैनेजमेंट को ऐसा नहीं लगता.

इसलिए वो लास्ट मोमेंट तक प्रयोग कर रहे हैं. और उन्हें अभी तक नहीं पता कि डेथ ओवर्स में बोलिंग कौन करेगा. या उनके प्रीमियर फास्ट बोलर का रिप्लेसमेंट कौन है. जानकार तो ये भी कहते हैं कि इन्हीं कर्मों के चलते हमने आखिरी बार 2013 में कोई ICC ट्रॉफी जीती थी. अब जानकार कहते हैं, तो सही ही कहते होंगे. हमें क्या.

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