The Lallantop

इस कोच को पूरी टीम इंडिया ने मिलकर निकलवाया, ग्रेग चैपल की बात नहीं हो रही

यह घटना ग्रेग चैपल के आने से लगभग एक दशक पहले की है. अपनी किताब में रत्नाकर शेट्टी ने बताया कि मदनलाल 1996 से 1997 के बीच टीम इंडिया के कोच थे.

Advertisement
post-main-image
पूर्व भारतीय क्रिकेट मदनलाल 1996-1997 के बीच टीम इंडिया के हेड कोच थे. (Photo-India Today)

भारतीय क्रिकेट में ऐसे कई मौके आए जब टीम के कप्तान और कोच की नहीं बनी. इसके बाद या तो कप्तान को जाना पड़ा या कोच को. चाहे विराट कोहली और अनिल कुंबले हो या फिर ग्रेग चैपल और सौरव गांगुली. हालांकि ऐसा केवल एक ही बार हुआ जब पूरी टीम ने अपने कोच को बायकॉट कर दिया. टीम अपने कोच से इतनी नाखुश थी कि बोर्ड को आखिरकार बीच में आना पड़ा. भारतीय टीम के मैनेजर रहे रत्नाकर शेट्टी ने अपनी किताब On board: My years in BCCI में 1996-97 के उस विवाद के बारे में खुलकर बात की है.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement
टीम इंडिया के पूर्व मैनेजर का खुलासा

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, शेट्टी ने किताब में बताया है कि क्यों 1996-97 के श्रीलंका दौरे पर भारतीय टीम ने उस समय हेड कोच रहे मदनलाल को बायकॉट किया था. यह घटना ग्रेग चैपल के आने से लगभग एक दशक पहले की है. अपनी किताब में शेट्टी ने बताया कि मदनलाल 1996 से 1997 के बीच टीम इंडिया के कोच थे. इसी दौरान उन्होंने एक इंटरव्यू दिया जिसने भारतीय क्रिकेट में तहलका मचा दिया. मदनलाल ने इस इंटरव्यू में अपने ही खिलाडि़यों की जमकर आलोचना की. उन्होंने अजय जडेजा, रोबिन सिंह, सबा करीम और अनिल कुंबले को लेकर कई विवादित बयान दिए थे.

रिपोर्ट के मुताबिक मदनलाल ने अजय जडेजा को लेकर कहा,

Advertisement

उन्हें यह फैसला करना चाहिए कि वह गेंदबाज की तरह खेल रहे हैं या बल्लेबाज की तरह. ऐसा नहीं हो सकता कि आप एक मैच में अच्छा करें और फिर अगले 5 मैच में फेल हो जाएं.

मदन लाल ने ऑलराउंडर रोबिन सिंह को लेकर कहा,

वह एक ऐसा खिलाड़ी है जो पूरी कोशिश कर रहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का ऑलराउंडर दिखे, लेकिन सफल नहीं हो पा रहा है.

Advertisement

उन्होंने विकेटकीपर सबा करीम की बल्लेबाजी पर निशाना साधा और कहा,

सबा करीम एक औसत विकेटकीपर हैं. एक ऐसा विकेटकीपर जो बैटिंग से मैच नहीं जिता सकता.

यहां तक की दिग्गज खिलाड़ी अनिल कुंबले से भी मदनलाल खुश नहीं थे. उन्होंने जंबो को लेकर कहा,

कुंबले को टर्न पर नहीं बल्कि अपनी लाइन और लेंथ पर ध्यान देना चाहिए. मैं उनकी गेंदबाजी से खुश नहीं हूं.

इंटरव्यू के आखिर में मदनलाल ने कहा,

मैं जानता हूं हम नहीं जीतने वाले हैं, लेकिन मैं अकेले क्या कर सकता हूं?

इंटरव्यू के बाद खिलाड़ियों ने किया कोच का बायकॉट

इन तमाम बयानों ने भारतीय कैंप में हलचल मचा दी. मैनेजर रत्नाकर शेट्टी ने अपनी किताब में बताया कि इस इंटरव्यू के बाद उन्होंने फौरन रिपोर्ट करने वाले पत्रकार को फोन किया और पूछा कि क्या इन बयानों को छापने से पहले मदनलाल की अनुमति ली गई थी. शेट्टी को पता चला कि सब कुछ मदनलाल की अनुमति के बाद ही हुआ है. इसके बाद खिलाड़ियों ने कई दिन तक अपने कोच से बात नहीं की. ऐसे में ड्रेसिंग रूम में बेहद अजीब माहौल बन गया.

एक जेशचर ने कर दिया हंगामा

यह मामला तब और बढ़ गया जब श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में एक खिलाड़ी ने शतक लगाया. यह उन खिलाड़ियों में से ही एक था जिन पर मदनलाल ने बयान दिया था. शतक लगाने के बाद उस खिलाड़ी ने अपने बल्ले का हैंडल मीडिया की ओर किया और ऐसा दिखाया मानो अपने कोच को जवाब दे रहे हो. मैच में मोहम्मद अजहरूद्दीन और अजय जडेजा दोनों ने शतक लगाए थे, लेकिन शेट्टी की किताब में इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि वह जेशचर किस खिलाड़ी ने किया था.

इस पूरे विवाद के बाद मदनलाल को उनके हेड कोच के पद से हटा दिया गया. उनके बाद अंशुमन गायकवाड़ कोच बने. वह भी 10 महीने के बाद इस पद से हटा दिए गए.

वीडियो: टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर की क्या है प्लानिंग, हारना बड़ी बात क्यों नहीं है?

Advertisement