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अगर रमन लाम्बा जडेजा के पीछे नहीं छुपता तो राशिद पटेल उसे स्टम्प से मार देता

राशिद गुलाम मोहम्मद पटेल. 1 जून 1964 को साबरकांठा में पैदा हुआ. 1986 में पहला रणजी ट्रॉफी मैच खेला. सौराष्ट्र के खिलाफ़.

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लेफ़्ट: Rashid Patel राइट: Raman Lamba

राशिद गुलाम मोहम्मद पटेल. 1 जून 1964 को साबरकांठा में पैदा हुआ. 1986 में पहला रणजी ट्रॉफी मैच खेला. सौराष्ट्र के खिलाफ़. पहले ही मैच में 2 विकेट निकाले. 31 रन देकर. 11 साल का क्रिकेट करियर. और इस दौरान मात्र 42 मैच. मात्र एक वन-डे मैच और एक टेस्ट. बस. अपने एकमात्र टेस्ट की दोनों इनिंग्स में ज़ीरो रन पर आउट. दोनों इनिंग्स में एक भी विकेट नहीं. राशिद पटेल के नाम से इन्हें ज़्यादा जाना जाता है. एक क्रिकेट करियर जो कंट्रोवर्सी से भरा रहा. जिसमें सबसे ऊपर वो, जिसने राशिद पटेल का करियर चौपट कर दिया.

दिलीप ट्रॉफी का फाइनल मैच. साल 1990. वेस्ट ज़ोन बनाम नॉर्थ ज़ोन. कीनन स्टेडियम. नॉर्थ ज़ोन की तरफ से रमन लाम्बा, मनोज प्रभाकर और कपिल देव ने सेंचुरी मारी थीं. जवाब में वेस्ट ज़ोन की तरफ से रवि शास्त्री, संजय मांजरेकर और दिलीप वेंगसरकर ने सेंचुरी मारीं. मगर वेस्ट ज़ोन आउट जल्दी हो गई. वेस्ट का 561 का स्कोर था तो बड़ा. लेकिन नॉर्थ ज़ोन के 729 रन के सामने सब कुछ छोटा था. मैच का पांचवां दिन चल रहा था. अब स्कोर मायने नहीं रख रहे थे. अब बस मैच चल रहा था. 

नॉर्थ ज़ोन की दूसरी इनिंग्स शुरू हुई. अजय जडेजा के साथ रमन लाम्बा ओपनिंग करने उतरे. उन्हें बस खेलना था. और ये खेलने वाला खेलना था. उन्हें समय बिताना था. मैदान में आई जनता को एंटरटेन करना था. 10 ओवर खतम होने में बस एक गेंद बची थी. नॉर्थ ज़ोन का का स्कोर हुआ था 59 रन. राशिद पटेल राउंड द विकेट गेंद फेंक रहे थे. वो लाम्बा को डेंजर एरिया के पास गेंद फेंक रहे थे. लाम्बा ने नाराज़गी जताई थी. इस बार राशिद गेंद फेंकने आये, क्रीज़ के डेढ़ हाथ आगे अपना पैर गिराया, बीमर फेंकी. सीधे रमन लाम्बा के सर की तरफ. राशिद यहीं नहीं रुके. उन्होंने स्टम्प उखाड़ा, और स्टम्प लेकर रमन लाम्बा की ओर दौड़ पड़े.

लाम्बा आगे दौड़ रहे थे. लाम्बा दौड़ कर अजय जडेजा के पीछे छुप गए. वो ये सोच रहे थे कि राशिद मारेगा नहीं. लेकिन राशिद ने स्टम्प हवा में चला दिया. जडेजा को लग गया. तब तक और खिलाड़ी पहुंचकर सबको अलग कर रहे थे.

इसी बीच मैदान में बैठी जनता को न जाने क्या हो गया. वो भी एक्साइटेड हो गई. उन्होंने मैदान में पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. विनोद काम्बली बाउंड्री के पास फील्डिंग कर रहे थे. उन्हें पत्थर पड़े. चोटिल हुए. शाम को टी-टाइम से 15 मिनट पहले ही खेल बंद कर दिया गया. मैच हो गया खतम. फिनिस. ओवर. राशिद पटेल को 13 महीने के लिए बैन कर दिया गया. लाम्बा को न जाने क्यूं 10 महीने के लिए बैन कर दिया गया. इस बैन के दौरान राशिद का क्रिकेट बंद नहीं हुआ. वो लगातार खेलते रहे. ब्रैडफोर्ड लीग के लिए खेला. एक मैच में अपनी ही बॉल पर कैच लेने के चक्कर में टखना तुड़वा लिया. बैन से वापस आते ही एक इनिंग्स में 5 विकेट लिए. 1996 में रिटायर हुए. 11 साल के करियर में राशिद पटेल के 42 मैच थे. 113 विकेट 34.80 के ऐवरेज से. राशिद अपने पूरे करियर में कभी भी 40 रन के पार नहीं  पहुंचे. उनके करियर का बैटिंग ऐवरेज 10 से भी कम रहा. 

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