गौतम गंभीर और विराट कोहली का इंटरव्यू वायरल हो रहा है. पूर्व टीममेट्स के बीच की बातचीत में लोग खूब इंट्रेस्ट ले रहे हैं. टीम इंडिया के मौजूदा हेड कोच गंभीर और पूर्व कप्तान विराट की इस चर्चा में तमाम यादें ताजा हो रही हैं. और इन्हीं यादों में शामिल हैं वो पारियां, जब विराट ओम नमः शिवाय का पाठ कर रहे थे. तो गंभीर हनुमान चालीसा सुन, सुनकर बैटिंग कर रहे थे.
ॐ नमः शिवाय और हनुमान चालीसा... इंडियन क्रिकेट की ऐतिहासिक पारियों की ये कहानी!
विराट कोहली और गौतम गंभीर साथ बैठे. खूब बातें हुईं. इन्हीं बातों के दौरान ज़िक्र छिड़ा कुछ पारियों और दौरोें का. और फिर चर्चा में शामिल हो गए ॐ नमः शिवाय और हनुमान चालीसा.

शुक्रवार, 19 सितंबर से शुरू हो रहे भारत-बांग्लादेश टेस्ट से पहले BCCI ने विराट और गंभीर की बातचीत का ये वीडियो शेयर किया. इस वीडियो में दोनों प्लेयर्स खूब बात कर रहे हैं. कोहली ने इस बातचीत की शुरुआत गौतम गंभीर की एक खास पारी की याद से की.
गंभीर ने साल 2008 में दिल्ली टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ डबल सेंचुरी मारी थी. विराट ने पूछा कि इस पारी के दौरान गंभीर को किस चीज से बहुत मदद मिली. कोहली बोले,
'चलिए भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ के कुछ मोमेंट्स की बात करते हैं. सबसे खास तो अपने घर में लगाई डबल सेंचुरी थी. हम एल्बो की बात नहीं करेंगे, क्योंकि शायद मुझे पता है कि ये क्यों हुआ था. (दरअसल इस मैच के दौरान गंभीर ने शेन वॉटसन को कुहनी मारी थी.) मैं उस इनिंग्स के माइंडसेट की बात करना चाहूंगा. वो क्यी चीज थी जिसने आपको चलाए रखा?'
जवाब में गंभीर ने साल 2014-15 के ऑस्ट्रेलिया टूर के दौरान कोहली के प्रदर्शन और उस दौरान हुई बातचीत का ज़िक्र कर दिया. वह बोले,
'बढ़िया सवाल. अपने बारे में बात करने की जगह, मुझे ऑस्ट्रेलिया में हुई वो बंपर सीरीज़ याद आ रही है, जहां आपने खूब सारे रन बनाए थे. आप मुझे बता रहे थे कि उस दौरान आप हर गेंद से पहले ओम नमः शिवाय बोल रहे थे. और इसी ने आपको उस ज़ोन में पहुंचाया. मेरे लिए, ठीक यही हुआ था जब मैंने नेपियर में बैटिंग की. मैंने ढाई दिन बैटिंग की.'
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गंभीर इस बातचीत में 2009 के नेपियर टेस्ट की बात कर रहे थे. जहां उन्होंने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ मैच बचाऊ पारी खेली थी. ढाई दिन की इस पारी के दौरान गंभीर मोटिवेशन के लिए हनुमान चालीसा सुन रहे थे. वह बोले,
'मुझे नहीं लगता कि मैं ये दोबारा कर पाता. उन ढाई दिनों तक मैंने सिर्फ़ हनुमान चालीसा सुनी. जिस ज़ोन में आप ओम नमः शिवाय कहते हुए जा रहे थे, मैं वहां हनुमान चालीसा सुनते हुए गया. जब मैं उन ज़ोन की बात करता हूं, अपने करियर में आप बहुत कम बार वहां तक जा पाते हैं. उस ज़ोन में रहना दिव्य होता है. मुझे याद है कि टेस्ट के पांचवें दिन, पहले सेशन के बाद जब मैं वापस आ रहा था.
लक्ष्मण ने मुझे कहा- तुम्हें पता है ना कि बीते दो घंटों में तुमने एक शब्द नहीं बोला है. ओवर्स के बीच में भी नहीं. तब मुझे समझ आया कि ऐसा सच में है. ओवर्स के बीच में मैं बस सर हिला रहा था और खेल रहा था. और वापस आने के बाद मैं हनुमान चालीसा सुनता था. उन ढाई दिनों तक मैं अलग ही दुनिया में था. मुझे यकीन है कि आपने ये चीज अपने करियर में मुझसे ज्यादा बार महसूस की होगी.'
इस इंटरव्यू में दोनों प्लेयर्स ने और भी बहुत सी बातें की. इस दौरान, दोनों ने एक-दूसरे के मजे भी लिए.
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