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वेंकटेश प्रसाद ने ट्रोल को ऐसे हौंका कि बेचारा अकाउंट ही डिलीट कर गया!

वेंकी को याद दिलाया 1996 वर्ल्ड कप. और फिर खुद ही खिसिया गया.

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वेंकटेश प्रसाद का नूपुर शर्मा विवाद पर ट्ववीट (फोटो: ट्विटर)

वेंकटेश प्रसाद. इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व पेस बोलर. वेंकी आजकल ट्विटर पर खूब एक्टिव हैं. लगातार अलग-अलग मुद्दों पर ट्वीट करने वाले वेंकी के कुछ ट्वीट्स वायरल हैं. दरअसल उन्होंने हाल ही में पूर्व बीजेपी प्रवक्त नूपुर शर्मा के खिलाफ़ हो रहे प्रदर्शनों पर अपनी राय रखी थी.

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जिसके बाद कुछ लोगों ने उन्हें ट्रोल करना चाहा. और उन ट्रोल्स में से एक को वेंकी ने ऐसा जवाब दिया, कि उस बंदे ने अपनी ट्विटर प्रोफाइल पहले लॉक और फिर डिलीट कर ली. दरअसल इस पूरे मामले की शुरुआत 10 जून को हुई. वेंकी ने इस दिन एक ट्वीट किया था. इस ट्वीट में एक फोटो थी. फोटो में नूपुर शर्मा के पुतले को लटकाया हुआ था. वेंकी ने इस फोटो के साथ लिखा,

‘मुझे विश्वास नहीं होता कि ये 21वीं सदी का भारत है. मैं सबसे अपील करूंगा कि वो राजनीति छोड़ अपने विवेक से काम लें और शान्ति बने रहने दें.’

इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जाने लगा. जिसके बाद वेंकी ने 12 जून, रविवार को एक और ट्वीट किया,

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‘मेरे ट्वीट को लेकर जिस तरह आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं वो आश्चर्यजनक हैं. इस दयनीय स्थिति में बड़ा योगदान न्यूज़ चैनल्स और आरोप-प्रत्यारोप में लिप्त लोगों और इन घटनाओं को समर्थन देने वालों का है. ये सिर्फ एक पुतला नहीं है. इस तरह की घटनाएं आने वाली चीजों का संकेत हो सकती हैं. आने वाले समय में ये हरकतें एक से अधिक लोगों के लिए खतरा बन सकती हैं.’

वेंकटेश प्रसाद ने इस मामले में एक और ट्वीट किया,

'अगर इस खेल का नाम आरोप-प्रत्यारोप ही है, तो हमारे देश में बहुसंख्यक जनसंख्या की भावनाओं को ठेस पहुंचने वाले लोगों की लिस्ट कभी न खत्म होनी वाली है. जब भी पत्रकारों, सांसदों से लेकर बड़े अखबारों और कथित बड़े फ़िल्मी कलाकारों ने हिंदू देवी देवताओं का मजाक बनाया, तब हमारे सनातन धर्म ने ही समाजिक सहिष्णुता दिखायी है.

दो गलत मिलकर एक सही नहीं बनाते. लेकिन मुझे ऐसे किसी देश की जानकारी नहीं जहां की बहुसंख्यक जनसंख्या इतना असुरक्षित महसूस करे. समाज में हर किसी को सुरक्षा मिलनी चाहिए, लेकिन ब्रेनवॉश के इस प्रोपगंडा को रोकना होगा. सहनशीलता ही इसका एक मात्र उपाय है.'

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वेंकी के इन ट्वीट्स पर कुछ लोगों ने कमेंट्स करना शुरू कर दिया. ऐसे ही एक व्यक्ति से वेंकी की बहस हो गई. और इस बहस में कूदते हुए एक यूजर ने लिखा,

‘वेंकटेश आप तो बॉल तक नहीं चमका सकते. आपको याद है न कि आमिर सोहेल ने आपके साथ क्या किया था?’

इस पर वेंकटेश ने जवाब दिया,

 ‘हां मुराद, मुझे ये वाकया याद है. आमिर सोहेल उस समय काफी घमंड में थे. लेकिन आपको अगली बॉल देखनी चाहिए तो आपको पता चलेगा कि घमंड आपका क्या नुकसान करता है. वो आपको उखाड़ देता है.’

इस पूरे मामले में वेंकी को कुछ लोगों का सपोर्ट भी मिला. एक यूजर ने वेंकटेश के सपोर्ट में ट्वीट कर लिखा,

‘एक क्रिकेटर की आइडियोलॉजी का विरोध करना एक बात है, लेकिन इसके लिए उन्हें नीचा दिखाना बहुत खराब है.’

वेंकी के इस ट्वीट के बाद उस यूजर ने पहले अपना अकाउंट लॉक किया. और फिर कुछ घंटों बाद इसे डिलीट कर लिया. उस वाकये की बात करें तो ये मामला 1996 वर्ल्ड कप का है. जिस गेंद का ज़िक्र वो यूजर कर रहा था उस पर आमिर सोहैल ने वेंकी को चौका मारा था. और फिर अगली गेंद पर वेंकी ने उन्हें बोल्ड कर हिसाब बराबर कर लिया था.

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