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कॉमनवेल्थ गेम्स में खेलने के लिए फेडरेशन के खिलाफ़ कोर्ट पहुंचा नेशनल रिकॉर्ड होल्डर!

एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (AFI) ने आगामी कामनवेल्थ गेम्स (CWG) के लिए भारत की 37 सदस्यीय एथलेटिक्स टीम की घोषणा की है.

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हाई जंपर तेजस्विन शंकर (फोटो: ट्विटर)

तेजस्विन शंकर वाले मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया(AFI) से कहा है कि ऊंची कूद एथलीट के नाम पर कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए फिर से विचार करे. 24 साल के नेशनल रिकॉर्ड होल्डर शंकर ने मानदंडों को पूरा करने के बावजूद नज़रअंदाज किए जाने के बाद अदालत का रुख किया था.

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जस्टिस जसमीत सिंह की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि AFI चयन समिति को CWG टीम के लिए हाई जम्पर पर पुनर्विचार करना चाहिए. क्योंकि तेजस्विन भारत की ओर से उस प्रतियोगिता के लिए सबसे अच्छे दावेदारों में से एक है. तेजस्विन एनसीएए चैंपियनशिप में 2.27 मीटर के क्वालीफाइंग मानक को पूरा करने वाले एकमात्र हाई जम्पर हैं.

नेशनल रिकॉर्ड होल्डर शंकर का चयन इसलिए नहीं किया गया क्योंकि उन्होंने इस महीने की शुरुआत में यूएसए में कैनसस स्टेट यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व करते हुए एनसीएए चैम्पियनशिप में योग्यता अंक हासिल किया था.

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क्या है पूरा मामला?

एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (AFI) ने आगामी कामनवेल्थ गेम्स (CWG) के लिए भारत की 37 सदस्यीय एथलेटिक्स टीम की घोषणा की है. ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा इस दल की अगुवाई करेंगे. बर्मिंघम में 28 जुलाई से 8 अगस्त तक होने वाले कामनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेने वाले भारतीय एथलेटिक्स टीम में कई स्टार प्लेयर्स शामिल हैं. लेकिन इस दल में तेजस्विन शंकर को जगह नहीं मिली.

इसके बाद तेजस्विन ने चयनित न होने पर दिल्ली हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की. जिसमें उन्होंने कामनवेल्थ गेम्स की टीम से उन्हें बाहर करने का कारण मांगा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दायर की गई रिट याचिका में तेजस्विन शंकर के एथलेटिक्स दल में चयनित न होने वाले निर्णय को मनमाना और अवैध बताया गया है. साथ ही याचिका में यह भी लिखा है कि यह फैसला राष्ट्रीय हित के खिलाफ़ है क्यूंकि 23 साल के तेजस्विन CWG के लिए एक मेडल दावेदार भी साबित हो सकते हैं.

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AFI का इस पूरे मामले पर कहना है कि शंकर का चयन इसलिए नहीं हुआ क्योंकि उन्होंने इंटर-स्टेट कम्पटीशन में भाग नहीं लिया था और बाकी खिलाड़ियों की तरह छूट भी नहीं मांगी थी. भारतीय एथलेटिक्स टीम की घोषणा के बाद AFI अध्यक्ष आदिले सुमरिवाला ने कहा,

‘वेबसाइट पर साफ तरीके से बताया गया था कि इंटर स्टेट चैम्पियनशिप ही वो लास्ट इवेंट है जहां आप CWG के क्वालिफिकेशन मानक के लिए रजिस्टर कर सकते हैं. शंकर चयनित नहीं होना चाहते थे क्यूंकि उन्होंने इंटर स्टेट चैम्पियनशिप से छूट नहीं मांगी थी. इसके अलावा उन्होंने USA में प्रतिस्पर्धा करने से पहले हमसे अनुमति भी नहीं ली थी.’

दूसरी तरफ अपनी याचिका में शंकर ने दावा किया है कि उन्होंने इस साल फरवरी में चीफ नेशनल कोच राधाकृष्णन नायर से छूट की मांग की थी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक याचिका में इस बात का ज़िक्र है कि

'राधाकृष्णन ने 11.06.2022 को याचिकाकर्ता तेजस्विन को व्हाट्सएप के माध्यम से सूचित किया था कि एनसीएए ट्रैक एंड फील्ड आउटडोर चैम्पियनशिप 2022 में उनकी 2.27 मीटर की छलांग के आधार पर चयन समिति द्वारा उन पर विचार किया जाएगा, और बार-बार याचिकाकर्ता के वीजा की स्थिति के बारे में पूछताछ की गई थी.’

इस सिलसिले में तेजस्विन के वकील मलक भट्ट ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि,

‘एएफआई द्वारा निर्धारित क्वालिफिकेशन मार्क को पूरा करने के बावजूद कामनवेल्थ गेम्स के लिए एक संभावित मेडल के दावेदार को मनमाने ढंग से बाहर रखा गया है. तेजस्विन को एक एलीट एथलीट के रूप में छूट दी जानी चाहिए, जैसे चीन अन्य(सीमा पुनिया, नीरज चोपड़ा, अविनाश सेबल) एथलीट्स को इंटरस्टेट प्रतियोगिता से छूट दी गयी थी.

मौजूदा नेशनल रिकॉर्ड होल्डर को एएफआई की सनक पर मनमाने ढंग से बाहर किया जा रहा है और यह कार्रवाई पूरी तरह से राष्ट्रीय हित के खिलाफ़ है.’

इस मामले पर इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए खुद शंकर ने कहा,

‘मैं आशा करता हूं की फेडरेशन मुझे मौका ज़रूर देगा. मैंने क्वालिफिकेशन मार्क को पूरा कर लिया है. लेकिन मैं उनके सामने भी हाई जम्प के लिए तैयार हूं. मैं चिंतित नहीं हूं क्योंकि मेरे हाथ में सिर्फ मेरा प्रदर्शन है चयन नहीं.’

तेजस्विन ने इस पूरे विवाद की शुरुआत में ही फेडरेशन से ट्रायल के लिए अनुमति मांगी थी. हालांकि फेडरेशन ने ट्रायल के लिए इंकार करते हुए साफ किया था कि टीम सेलेक्शन फाइनल है और इसमें अब कोई बदलाव नहीं होगा. 

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