T20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का बेहतरीन प्रदर्शन जारी है. बुधवार, 2 नवंबर को खेले गए मैच में टीम इंडिया ने बांग्लादेश (India vs Bangladesh) को हरा दिया. इस रोमांचक मुकाबले में इंडियन टीम ने डकवर्थ लुईस नियम के मुताबिक 5 रन से जीत हासिल की. इसके साथ ही टीम ने सेमीफाइनल में अपनी जगह लगभग पक्की कर ली है. हालांकि इस मुकाबले में अंपायरिंग को लेकर खूब विवाद हुआ.
विराट कोहली पर लगा 'फेक फील्डिंग' का आरोप, अंपायर पकड़ लेते तो बांग्लादेश जीत सकता था
बांग्लादेश के विकेट कीपर नरुल हसन ने विराट कोहली पर मैच के दौरन फेक फील्डिंग करने का आरोप लगाया है.
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मैच के बाद बांग्लादेश के विकेटकीपर नुरुल हसन ने विराट कोहली पर फेक फील्डिंग का आरोप लगाया. बांग्लादेशी विकेटकीपर के मुताबिक अंपायर्स ने विराट कोहली के ‘फेक फील्डिंग’ को नजरअंदाज कर दिया, नहीं तो बांग्लादेश को पेनल्टी के तौर पर पांच अतिरिक्त रन मिलते. नुरुल हसन के बयान के बाद लोग पूछ रहे हैं कि ये फेक फील्डिंग क्या होती है और विराट कोहली पर ये आरोप क्यों लगाए गए?
क्या है Fake Fielding विवाद?ESPNCricinfo की खबर के मुताबिक वाकया बांग्लादेश की पारी के सातवें ओवर का है. जब बांग्लादेशी ओपनर लिटन दास ने अक्षर पटेल की गेंद पर डीप ऑफ साइड की तरफ शॉट खेला. गेंद पॉइंट पर फील्डिंग कर रहे विराट कोहली के पास से गुजरी, जिसे डीप में फील्डिंग कर रहे अर्शदीप सिंह ने कलेक्ट किया और थ्रो किया. लेकिन इसी दौरान पॉइंट पर खड़े कोहली ने भी गेंद को विकेट पर थ्रो करने का नाटक किया.
हालांकि उस समय इस बात को अंपायर और बैटर किसी ने नोटिस नहीं किया. इस वजह से मैदानी अंपायर मरे इरास्मस और क्रिस ब्राउन ने इस पर कोई ऐक्शन नहीं लिया. हालांकि मैच के बाद बांग्लादेश विकेटकीपर नुरुल ने इसका जिक्र किया.
बांग्लादेशी बोलर के मुताबिक फेक थ्रो की वजह से टीम को पेनल्टी के 5 रन मिलने चाहिए थे. उन्होंने कहा,
हम सबने देखा कि मैदान पूरा गीला था. और जब इन सब चीजों के बारे में बात हो रही है तो मैच के दौरान एक फेक थ्रो भी था. इससे हमें पेनल्टी के पांच रन मिलते. वह भी हमें फायदा पहुंचा सकते थे लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो सका.’
क्रिकेट का नियम 41.5.1 अनफेयर प्ले की बात करता है. इसके अनुसार फील्डिंग टीम द्वारा, बल्लेबाज को जानबूझकर डिस्ट्रैक्ट करना, छल करना (डिसेप्शन) या उसके लिए व्यवधान पैदा करने का जिक्र है. इसमें कहा गया है कि अगर अंपायर को लगता है कि किसी घटना से इस नियम को तोड़ा गया है, तो बल्लेबाजी करने वाली टीम को पेनल्टी के पांच अतिरिक्त रन मिल सकते हैं.
क्रिकइंफो की खबर के मुताबिक रिप्ले देखने से पता चलता है कि कोहली ने बल्लेबाज को चकमा देने की कोशिश की थी. अर्शदीप का थ्रो उनके दाएं हाथ के पास से निकला और उसी समय उन्होंने ऐसा ऐक्शन किया जैसे वह रियल थ्रो कर रहे हों. क्रिकइंफो ने दावा किया है कि नियम के मुताबिक अगर बल्लेबाज़ को चकमा देने की कोशिश हुई तो अंपायर की इस बात को लेकर उसी समय ऐक्शन लेना चाहिए था. चाहे इस दौरान बल्लेबाज़ ने चकमा खाया या नहीं. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता.
मैच की बात करें तो इंडियन टीम ने पहले बैटिंग करते हुए 6 विकेट खोकर 184 रन बनाए. विराट कोहली ने 44 गेंद पर सबसे ज्यादा 64 रन की पारी खेली. वहीं राहुल ने 32 गेंद पर 50 रन बनाए. जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की टीम ने 7.2 ओवर में बिना विकेट खोए 68 रन बना लिए थे. तभी बारिश के कारण मैच को कुछ देर के लिए रोकना पड़ा.
इसके बाद डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर टीम को 16 ओवर में 151 रनों का टारगेट दिया गया. लेकिन टीम 6 विकेट खोकर 145 रन ही बना पाई और मैच को 5 रन से हार गई. इस जीत के साथ टीम इंडिया ग्रुप-2 की प्वाइंट्स टेबल में टॉप पर पहुंच गई है. टीम को सुपर-12 का अपना आखिरी मैच 6 नवंबर को जिम्बाब्वे की टीम से खेलना है.
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