इंडियन वीमेंस क्रिकेट में जब भी शेफाली वर्मा (Shafali Verma) का नाम आता है, दिग्गज यही बताते हैं कि उनमें कुछ एक्स फैक्टर है. साउथ अफ्रीका के खिलाफ वीमेंस वर्ल्ड कप के फाइनल में उनका वो एक्स फैक्टर ही टीम इंडिया के बड़े काम आया. उन्होंने पहले बैट से अपना जलवा दिखाया. महज 78 बॉल्स में उन्होंने 87 रन जड़ दिए. ये उनके छोटे से वनडे करियर में अब टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ा इंडिविजुअल स्कोर भी हो गया. फिर कप्तान हरमनप्रीत कौर ने जब उन्हें बॉल थमाई. वो साउथ अफ्रीकी बैटर्स के लिए आउट ऑफ सिलेबस सवालों की तरह आ गईं. उन्होंने साउथ अफ्रीका के दो टॉप ऑर्डर बैटर्स का शिकार किया और बहुत किफायती भी रहीं.
'मुझे पता था...', शेफाली के इसी कॉन्फिडेंस ने इंडिया को वर्ल्ड कप दिला दिया!
ICC Womens World Cup 2025 : साउथ अफ्रीका के खिलाफ हुए फाइनल मुकाबले में Shafali Verma ने बैट के साथ बॉल से भी कमाल कर दिखाया. वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद शेफाली ने टीम इंडिया को लेकर काफी कुछ बताया है.


प्लेयर ऑफ द मैच रहीं शेफाली वर्मा ने मैच के बाद कहा कि उन्हें पता था कि भगवान ने उन्हें कुछ अच्छा करने के लिए भेजा था. उन्होंने कहा,
मैंने शुरुआत में ही कहा था कि भगवान ने मुझे यहां कुछ अच्छा करने के लिए भेजा है और आज वही झलक दिखी. बहुत खुश हूं कि हम जीत गए. इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती. यह मुश्किल था, लेकिन मुझे खुद पर भरोसा था कि अगर मैं शांत रहूं, तो सब कुछ हासिल कर सकती हूं.
गेम प्लान को लेकर शेफाली ने कहा कि उनका माइंड इसे लेकर बहुत क्लीयर था. उन्होंने कहा,
यह मेरे और मेरी टीम दोनों के लिए बहुत जरूरी था. मैं बस यही चाहती थी कि मेरी टीम जीते. मेरा माइंड बिल्कुल क्लीयर था और मैंने अपने प्लान पर काम किया. बहुत खुशी है कि मैं उन्हें सही तरह से लागू कर सकी.
टीम की दोनों सीनियर्स स्मृति और हरमनप्रीत को लेकर शेफाली ने कहा कि दोनों उन्हें अपना नैचुरल गेम खेलने के लिए प्रेरित करती हैं. उन्होंने कहा,
स्मृति दी और हरमन दी, सभी मेरा समर्थन कर रहे थे. सीनियर्स ने मुझसे बस यही कहा कि अपना नैचुरल गेम खेलो. जब आपको ऐसी स्पष्टता मिलती है, तो बस वही काफ़ी होता है. यह पल बहुत यादगार है.
वहीं, अपने आइडल सचिन तेंदुलकर को लेकर शेफाली ने बताया,
जब मैंने सचिन तेंदुलकर सर को देखा, तो मुझे इतनी एनर्जी मिली मैं बता नहीं सकती. मैं उनसे अक्सर बातें करती हूं. वह हमेशा मुझे आत्मविश्वास देते हैं. वह क्रिकेट के मास्टर हैं, और सिर्फ़ उन्हें देखकर ही हम प्रेरित हो जाते हैं.
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कैसे शेफाली टीम में हुईं शामिल?हालांकि, कमाल की बात ये है कि फाइनल की प्लेयर ऑफ द मैच शेफाली वर्मा ग्रुप स्टेज के अंतिम मुकाबले तक 15 सदस्यीय टीम का भी हिस्सा नहीं थीं. टीम में बतौर ओपनर स्मृति मंधाना का साथ देने के लिए प्रतिका रावल को चुना गया था. प्रतिका ने टूर्नामेंट में अपने परफॉर्मेंस से दर्शा दिया कि वो क्यों फर्स्ट चॉइस ओपनर थीं. चोटिल होने से पहले महज 6 इनिंग्स में उन्होंने 308 रन बना लिए थे. लेकिन, बांग्लादेश के खिलाफ फील्डिंग के दौरान वो चोटिल हो गईं. नतीजा ये हुआ कि वो सीधा वर्ल्ड कप से बाहर हो गईं.
शेफाली तब घरेलू टूर्नामेंट महिला टी20 ट्रॉफी में में शानदार फॉर्म में थीं. उन्हें बुलावा आया और सेमीफाइनल से पहले वो टीम में शामिल हो गईं. सेमीफाइनल मुकाबला उनके लिए बहुत खास नहीं रहा. वो महज 10 रन बनाकर आउट हो गईं. लेकिन, इसके बाद फाइनल में उन्होंने अपने करियर का न सिर्फ अपना बेस्ट नॉक खेल दिया. बल्कि बॉलिंग में भी दो अहम विकेट निकालकर पूरे मैच का रुख ही बदल दिया.
फाइनल में डबल धमालदरअसल, भारतीय टीम ने पहले बैटिंग करते हुए 298 रन बनाए. इस दौरान शेफाली वर्मा ने सबसे ज्यादा 87 रन बनाए. वहीं, दीप्ति शर्मा ने 58 रन और अंत में ऋचा ने तेजतर्रार 34 रन जोड़े. वहीं, टारगेट को चेज करते हुए साउथ अफ्रीका ने 20 ओवर में 2 विकेट पर 113 रन बना लिए थे. कप्तान लॉरा वोलवाॅर्ट 60 और सुने लुस ने 25 रन बना लिए थे. तभी कप्तान हरमनप्रीत कौर शेफाली को लेकर आईं. शेफाली ने पहले ही ओवर में लुस को कॉट एंड बोल्ड कर दिया. शेफाली यहीं नहीं रुकीं. उन्होंने अपने अगले ही ओवर में खतरनाक ऑलराउंडर मारिजाने कैप को भी चलता कर दिया. कैप को उन्होंने विकेट के पीछे ऋचा घोष के हाथों लपकवाया.
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