भारतीय टीम के ICC महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप, 2025 चैंपियन बनने के बाद जिस एक खिलाड़ी की सबसे ज्यादा चर्चा है, वो हैं दीप्ति शर्मा. हो भी क्यों न. साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराने में दीप्ति के 58 रन और 5 विकेट सबसे अहम रहे.
दीप्ति शर्मा, वो ऑलराउंडर जिसने भारत को पहला वर्ल्ड कप जितवा दिया, एक थ्रो से शुरू हुआ था सफर
Deepti Sharma Story: दीप्ति ने इस टूर्नामेंट में 200 से ज्यादा रन बनाने के साथ-साथ 22 विकेट झटके हैं. ये कारनामा कर दिखाने वाली वो एकमात्र महिला खिलाड़ी हैं.


लेकिन, उनका जबरदस्त प्रदर्शन सिर्फ फाइनल मैच में नहीं था. दीप्ति ने इस टूर्नामेंट में तीन अर्धशतक लगाए हैं. यही वजह रही कि उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया. दीप्ति ने ये इतिहास सिर्फ एक दिन की मेहनत से नहीं रच दिया. इसके पीछे उनका लंबा संघर्ष रहा है.
इससे पहले कि हम इस ऑलराउंडर की पूरी कहानी जानें, इस वर्ल्ड कप में उन्होंने जो रिकॉर्ड्स बनाए हैं, उसकी बात कर लेते हैं. दीप्ति ने इस टूर्नामेंट में 200 से ज्यादा रन बनाने के साथ-साथ 22 विकेट झटके हैं. ये कारनामा कर दिखाने वाली वो एकमात्र महिला खिलाड़ी हैं. इसके अलावा, वो इस वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली खिलाड़ी भी हैं.

दीप्ति शर्मा का जन्म 24 अगस्त 1997 को सुशीला और भगवान शर्मा के घर हुआ. वो अपने भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं. उनके पिता भारतीय रेल विभाग से रिटायर हो चुके हैं. उत्तर प्रदेश का आगरा जिला. यहां शाहगंज में अवधपुरी कॉलोनी मौजूद है, जिसकी ताजमहल से दूरी लगभग नौ किलोमीटर है. यहीं दीप्ती का घर है. यानी यहीं भारत की ऑलराउंडर पली-बढ़ीं, जहां वो अपने भाई सुमित शर्मा को क्रिकेट की प्रैक्टिस करते देखने के लिए उनके पीछे दौड़ती रहती थीं. और अक्सर अपनी मां की जानकारी के बिना घर से चुपके से निकल जाती थीं.
एक थ्रो से शुरू हुई कहानीबताया जाता है कि दीप्ति शर्मा का क्रिकेट करियर एक थ्रो से शुरू हुआ. दरअसल, एक दिन जब वो अपने भाई को मैदान के किनारे से अभ्यास करते हुए देख रही थीं. इस दौरान जैसे ही गेंद उनकी तरफ आई, उन्होंने उसे उठाया और मैदान में एक लंबा थ्रो मारा. ये तुरंत पूर्व भारतीय बल्लेबाज हेमलता काला की नजर में आ गया, जो एकलव्य स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में ट्रेनिंग ले रही थीं.
यहीं से दीप्ति की क्रिकेट की जर्नी शुरू हुई. दीप्ति के पिता भगवान शर्मा इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहते हैं,
दीप्ति ने अपने भाई सुमित को देख के क्रिकेट खेलना शुरू किया. उस समय दीप्ति लगभग 8 साल की थी, जब उसने सुमित के साथ स्टेडियम जाना शुरू किया. हमारे पड़ोसी और हमारे रिश्तेदार कहते थे- ‘ऐसे लड़की को कहां भेजते हो? उसे डॉक्टर या इंजीनियर बनना है, उसे पढ़ाई करनी है, ये महिलाओं का खेल नहीं है, ये पुरुषों का है.’ हम ऐसी बातों से पूरी तरह बचते थे. आज वो पूछते हैं, ‘दीप्ति कब आ रही है? हमें उसके साथ तस्वीरें खिंचवानी हैं.’
15 साल की उम्र में वो एक ऑलराउंडर के रूप में उभरने लगी थीं. हालांकि, बहुत समय तक स्टेट सेलेक्शन टीम की नजर उन पर नहीं पड़ी. फिर पूर्व भारतीय क्रिकेटर और सेलेक्टर रीता डे ने उन्हें गाइड करने का फैसला किया.
तब तक दीप्ति के भाई सुमित शर्मा अंडर-22 सीके नायडू ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके थे. अपनी बहन की सफलता के लिए आश्वस्त सुमित ने 2013 में MBA पूरा करने के बाद गाजियाबाद में एक निजी फर्म में अपनी नौकरी छोड़ दी. उन्होंने लगातार दीप्ति का मार्गदर्शन किया. बता दें कि सुमित अब आगरा में एक क्रिकेट ट्रेनिंग अकैडमी चलाते हैं. वो टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहते हैं,
मैंने सिर्फ आठ महीने बाद इस्तीफा दे दिया और अपने परिवार को दीप्ति के खेल पर काम करने और उसका प्रदर्शन सुधारने के लिए राजी कर लिया. हमने अगले दो साल कड़ी मेहनत की.
नवंबर 2014 में, दीप्ति शर्मा ने भारत के लिए डेब्यू किया. इसी दौरान उन्होंने अपना पहला सीनियर घरेलू सीजन 2014-15 में उत्तर प्रदेश के लिए खेला था. तब उनकी उम्र सिर्फ 16 साल थी. इसके बाद, 2017-18 से 2023-24 तक पश्चिम बंगाल के लिए खेलती रहीं. इन सालों में वो एक विश्वसनीय ऑफ स्पिनर के रूप में उभरीं.
दीप्ति ने पहली बार तब सबका ध्यान खींचा, जब 2016 में उन्होंने वनडे में पांच विकेट झटके. ऐसा करने वाली वो सबसे कम उम्र की भारतीय खिलाड़ी बनीं. उस समय उनकी उम्र 18 साल थी. 2017 में दीप्ति ने 188 रन बनाए थे, जो महिला वनडे क्रिकेट में दूसरा हाईएस्ट स्कोर था. इसी मैच में उन्होंने पूनम राउत के साथ 320 रनों की ओपनिंग साझेदारी की, जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है.
वो अलग-अलग गति से गेंदबाजी करते हुए अक्सर बैटर्स को चकमा देती रहती हैं. वो न सिर्फ लगातार अच्छा प्रदर्शन करती रही हैं. बल्कि सभी फॉर्मेट में भारतीय टीम में भी अपनी जगह बनाए हुए हैं.
अंत में आपको इस मैच का ब्रीफ स्कोरकार्ड भी बता देते हैं. शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने भारत को अच्छी शुरुआत दी. हालांकि, उसके बाद भारत की पारी ढहती दिखी. लेकिन, आखिरी में दीप्ति शर्मा के अर्धशतक और ऋचा घोष के तेजतर्रार 34 रनों की बदौलत टीम 298 रन तक पहुंची. दूसरी तरफ साउथ अफ्रीका की टीम छोट-छोटे अंतराल पर अपना विकेट गंवाती रही. हालांकि, कैप्टन लॉरा वोलवॉर्ट ने एक तरफ से पारी संभाले रखा और शतक जड़ा. लेकिन, उनके आउट होते ही टीम 246 रनों पर ढह गई. वहीं, भारत की तरफ से दीप्ति शर्मा ने 5 विकेट झटके.
वीडियो: इंडिया के लिए इतिहास रचने वाली दीप्ति शर्मा ने बताया, 188 रन बनाते वक्त मन में क्या था?





















