क्रिकेट में अगर टैलेंट से ज्यादा पहुंच को तरजीह दी जाएगी तो क्या होगा? सोचिए जरा. वही होगा जो हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे अनुराग ठाकुर के साथ हुआ. वही होगा जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव के साथ हुआ. इन दोनों के साथ क्या हुआ ये बाद में बताते हैं. पहले ये जानिए कि पप्पू यादव के बेटे के साथ क्या हुआ है.
दिल्ली की टीम का सलेक्शन होना था. सैय्यद मुश्ताक़ अली इंटर स्टेट टी-20 टूर्नामेंट के लिए दिल्ली की टीम चुनने सलेक्शन कमेटी बैठी. जब टीम में चुने गए प्लेयर्स के नाम सामने आए, तो एक नाम चौंकाने वाला था. ये नाम है 21 साल के सार्थक रंजन का. सार्थक ने पिछले तीन मैचों में कुल जमा 10 रन बनाए हैं. वहीं जिसे टीम में जगह नहीं मिली उसका नाम है हितेन दलाल जिसने पिछले तीन मैचों में 468 रन मारे हैं. इसमें एक सेंचुरी और तीन हाफ सेंचुरी भी शामिल है.
अब सवाल ये कि ये हुआ कैसे? सार्थक रंजन है कौन. तो जान लीजिए कि सार्थक बिहार के मधेपुरा से बाहुबली सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और सुपौल से सांसद रंजीत यादव का बेटा है.

पप्पू यादव और पत्नी रंजीत यादव दोनों सांसद हैं.
तीन लोगों की सलेक्शन कमेटी ने ये सलेक्शन किया है. इसमें अतुल वासन, हरि गिडवानी और रॉबिन सिंह जूनियर हैं. सार्थक को सीजन की शुरुआत में रणजी ट्रॉफी के संभावितों में भी शामिल किया गया था. मगर फिर खुद इस खिलाड़ी ने अपना नाम वापिस ले लिया. ये भी खबरें थी कि सार्थक ने क्रिकेट छोड़ दिया है और वो अब मिस्टर इंडिया की कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेगा.
ये भी सामने आ रहा है सार्थक की मां रंजीत ने डीडीसीए के एडमिनिस्ट्रेटर जस्टिस विक्रमजीत सेन को पत्र लिखकर कहा था कि उनका बेटा डिप्रेशन से परेशान था और अब वो पूरी तरह फिट है. जस्टिस सेन ने ये पत्र सलेक्शन कमेटी को भेज दिया था.

हितेन दलाल और उन्मुक्त चंद को नजरांदाज कर सार्थक को टीम में लिया गया है.
जब सार्थक के सलेक्शन को उसके सांसद पेरंट्स के दबाव का नतीजा बताया गया तो मां रंजीत ने सामने आकर कहा, " ये कहना गलत है कि सार्थक का सलेक्शन बिना मैच खेले हो गया. वो अंडर-14 से दिल्ली में खेल रहा है और उसकी कप्तानी ममें टीम चैंपियन भी बन चुकी है. उसने पिछले साल अंडर-23 के मैचों में 65, 40 और 193 रन का स्कोर किया था.मैं उसके हर मैच की स्कोरशीट दिखा सकती हूं"
क्रिकेट और राजनीति

अनुराग ठाकुर और तेजस्वी यादव इन दिनों राजनीति में हैं.
हिमाचल के हमीरपुर से लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर महज 25 साल की उम्र में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (HPCA)के प्रेसिडेंट बन गए थे. ये साल 2000 ही था जब प्रेसिडेंट रहते हुए हिमाचल की तरफ से इन्होंने अपने जीवन का इकलौता रणजी मैच भी खेला था. जम्मू कश्मीर के खिलाफ इस मैच में अनुराग जीरो पर आउट हुए थे. उसके बाद उन्होंने क्रिकेट छोड़ दिया और फिर बतौर क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेटर काम किया.
इसी तरह लालू यादव के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री रहे तेजस्वी यादव ने भी क्रिकेट में अपना लक अजमाया था. राजनीति में आने से पहले तेजस्वी ने बतौर मिडिल-ऑर्डर बैटसमेन झारखंड रणजी टीम के लिए एक मैच खेला. वहीं अपनी राजनीतिक पहुंच के चलते तेजस्वी को साल 2008, 2009 और 2011 में आईपीएल की दिल्ली डेयरडेविल्स टीम में भी लिया गया मगर वो एक भी मैच नहीं खेल पाए. इन दोनों ही नेताओं ने अपने राजनीतिक परिवार को फायदा उठाकर क्रिकेट की दुनिया में नाम कमाने की कोशिश की मगर वो ज्यादा देर तक ठहर नहीं पाए.
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