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'सचिन भाई, स्ट्राइक ले लो...' किस बॉलर से बचना चाह रहे थे वीरू?

ये क़िस्सा खुद वीरू पाजी ने सुनाया.

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सहवाग-सचिन (फाइल फोटो)

2003 क्रिकेट वर्ल्ड कप. भारत ने पाकिस्तान को हराया और फाइनल तक का सफर तय किया था. इस टूर्नामेंट में भारत के लिए सचिन तेंडुलकर (Sachin Tendulkar) और वीरेन्द्र सहवाग (Virendra Sehwag) ओपन कर रहे थे. पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए इस मैच से जुड़ा एक ख़ास किस्सा वीरू पाजी ने खुद सुनाया है.

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दुबई में शुरू हो रही ILT20 टूर्नामेंट से पहले बातचीत करते हुए वीरू ने ये सचिन से जुड़ा ये क़िस्सा सुनाया. पाकिस्तान ने पहले बैटिंग करते हुए बोर्ड पर 273 रन टांग दिए थे. टीम इंडिया के लिए ओपन करने उतरे सचिन ने पहली बॉल पर स्ट्राइक ली. वो अमूमन ऐसा नहीं करते थें. सहवाग ने इसी पर बात किया और बताया -

मैं लेफ्ट आर्म पेसर्स के खिलाफ अच्छा नहीं कर रहा था. चमिंडा वास और नेथन ब्रैकन ने मुझे कई बार पहली बॉल पर ही आउट कर दिया था. पाकिस्तान की पारी के आखिरी ओवर में मैने सचिन तेंडुलकर से स्ट्राइक लेने को कहा. मैंने कहा अगर वसीम पहली बॉल डालते हैं, तो मैं आउट हो सकता हूं.

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तेंडुलकर ने सहवाग को जवाब दिया -

नहीं नहीं, मैं बहुत सुपरस्टिशस हूं. मेरे पंडित जी ने मुझसे दो नंबर पर बैटिंग करने को कहा है.

सहवाग तो अपना विकेट बचाने के चक्कर में थे. उन्होंने फिर कहा -

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आप दुनिया के नंबर 1 बैट्समैन हैं और आप पंडित जी की बात करते हैं...

पर सचिन नहीं माने. उन्होंने कहा कि स्ट्राइक सहवाग को ही लेनी पड़ेगी. सहवाग ने आगे बताया -

पाकिस्तान की पारी ख़त्म हुई. हम लंच करने गए और वापस आए. मैं लगातार उन्हें मनाने की कोशिश कर रहा था. उन्होंने बड़े-बड़े हेडफोन्स लगा रखे थे. उन्होंने वो उतारा, मुझे पीठ पर ठोका और पैड पहनने के लिए कहा. उन्होंने ये भी कहा कि वो स्ट्राइक नहीं लेंगे. आप लोग समझ ही सकते हैं, मैं वसीम अकरम से बचने के लिए सचिन तेंडुलकर को मना रहा था.

इस बातचीत से लेकर क्रीज़ तक पहुंचने के बीच कहीं कुछ हुआ, और सचिन ने अपना फैसला बदल लिया. कई क्रिकेट फ़ैन्स का मानना है कि सचिन टीम को एक अच्छी शुरुआत दिलाना चाहते थे और इसलिए उन्होंने ऐसा किया था. सहवाग ने आगे बताया -

जब हम बैटिंग करने जा रहे थे और सीढ़ियों से नीचे उतर रहे थे, मैने उनसे फिर कहा, कि वो स्ट्राइक ले लें. उन्होंने फिर मना कर दिया. 30 यार्ड सर्कल तक मैं उनसे स्ट्राइक लेने को कहता रहा, और वो मना करते रहे. पर अचानक मैने देखा कि वो विकेटकीपर एंड पर जा रहे थे. मैने सोचा ये मेरी लकी दिन था. उन्होंने पहली बॉल पर स्ट्राइक ली, पर पहली ही बॉल पर सिंगल ले लिया. दूसरी बॉल पर मुझे वसीम अकरम को फेस करना था. इतना ही हुआ कि मुझे पहली गेंद नहीं खेलनी पड़ी थी.

बताते चले, वसीम अकरम के उस ओवर की पहली दो बॉल डॉट खेलने के बाद तीसरे बॉल पर सचिन ने चौका जड़ा था. चौथी बॉल पर उन्होंने सिंगल लिया था. उस मैच में सचिन ने 98 रन की शानदार पारी खेली थी और भारत को मैच जिताया था. उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया था. 2003 वर्ल्ड कप फाइनल में भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. 

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