पश्चिम बंगाल का एक गांव. माओवाद से ग्रसित. मिदनापुर से पश्चिम में 45 किलोमीटर दूर. नारायण सिंह चुनावक्षेत्र में. उस गांव का एक स्कूल.
स्वर्णमयी सस्माल शिक्षा निकेतन. पचास साल पुराना, आज 900 बच्चों को पढ़ाने वाला स्कूल. स्कूल की हालत एकदम जर्जर. वहां बच्चे पढ़ने क्या खेलने भी न जायें. अर्जेंट रिपेयर की ज़रुरत. पूरी बिल्डिंग को ओवरहॉलिंग चाहिये थी. लेकिन वही कहानी. सरकारी स्कूल वाली. पैसे की कमी. हमारे वक़्त की एक बड़ी सच्चाई ये भी है कि इंडस्ट्री प्रधान माहौल में स्कूल की एक बिल्डिंग की मरम्मत को ज़रूरी रक़म का नम्बर सबसे आखिरी में आता है. इसी सच्चाई से रूबरू हो रहे थे शिक्षा निकेतन के प्रिंसिपल उत्तमकुमार मोहंती.

मोहंती पिछले कई सालों से इस जुगत में लगे हुए थे कि कैसे भी उनके स्कूल के लिए फंड उपलब्ध हो सके और वो बिल्डिंग की मरम्मत करवा सकें. लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिल रहा था सिवाय इस जानकारी के कि पैसा नहीं है. लोकल एमपी से लेकर तमाम सरकारी नीतियों को खंगाला जा चुका था लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लग रहा था. हारकर उत्तमकुमार मोहंती ने इन्टरनेट की शरण ली. उन्हें वहां से मालूम चला कि MPLAD नाम की एक स्कीम चलती है. MPLAD यानी Member of Parliament Local Area Development Scheme. इस स्कीम में राज्य सभा का कोई भी एमपी, किसी भी एरिया में किसी को भी कितने भी रुपये की आर्थिक मदद कर सकता था. इस जानकारी के मिलते ही मोहंती ने सचिन तेंदुलकर को ख़त लिखा. सचिन तेंदुलकर अप्रैल 2012 में राज्य सभा में एमपी पद के लिए नॉमिनेट किये गए थे. मोहंती ने तेंदुलकर को स्कूल में लैबोरेट्री, लाइब्रेरी और लड़कियों के कॉमन रूम की कमी के बारे में बताया और साथ ही स्कूल की बिल्डिंग की मरम्मत की ज़रुरत की भी जानकारी दी. छः महीने के समय में मोहंती के पास उस ख़त का जवाब आया. जवाब में स्कूल के नाम 76 लाख रुपये सैंक्शन होने का मेमो था. उन्हें बताया गया कि 76 लाख रुपये उस स्कूल के नाम पर रिलीज़ किये जाने के प्रॉसेस में है और उन्हें समय पर रकम मिल जाएगी. स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन सीधे जिलाधिकारी के पास पहुंचा. जिन्होंने पैसे सैंक्शन किये जाने की आगे की कार्यवाही शुरू कर दी. एक बड़े से काले बोर्ड पर तेंदुलकर का नाम लिखकर वहां लगाया गया है जिसमें लिखा गया है कि इस स्कूल की मरम्मत का काम सचिन के MPLAD फंड से हो रहा है.

मोहंती का अगला टार्गेट ये है कि इस स्कूल की मरम्मत पूरी हो जाने पर नयी बनी-ठनी बिल्डिंग का उद्घाटन करने खुद सचिन तेंदुलकर आयें. इस बात को लेकर बच्चे भी खासे एक्साईटेड हैं.