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2007, 2011, 2017, 2019 और अब... रोहित अपनी बायोपिक लिख चुके, फ़ाइनल चैप्टर बाकी है!

Rohit Sharma ने अफ़ग़ानिस्तान के खिलाफ़ शतक जड़ कई सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं. कई रिकॉर्ड्स में वो दिग्गज़ों को पछाड़ गए हैं. हालांकि, ये ख़बर उससे जुड़ी हुई नहीं है. ये उनकी कहानी है. कुछ ख़ास पन्ने हैं. और एक फ़ाइनल चैप्टर है.

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रोहित शर्मा, ख़ास प्लेयर की ख़ास कहानी (तस्वीर - पीटीआई)

एक किताब है. लिखी जा रही है. पन्ना-दर-पन्ना. 11 अक्टूबर 2023 को इस किताब में जो लिखा गया, गाढ़े काले अक्षरों में लिखा गया. हालांकि, इस चैप्टर का पहला पैराग्राफ़ बहुत पहले लिख दिया गया था. तारीख़न बताएं तो 20 सितंबर, 2007 को. ऊपर लगी फ़ोटो देख आप समझ ही गए होंगे, बात रोहित शर्मा की हो रही है. समझ ये भी गए होंगे, कि कहानी अफ़ग़ानिस्तान के खिलाफ़ उनके शानदार शतक से जुड़ी होगी. पर क्या आप ये जानते हैं, कि इस कहानी, यानी रोहित की कहानी में 20 सितंबर, 2007 को क्या हुआ था?

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स्पॉइलर अलर्ट: रोहित शर्मा ने अफ़ग़ानिस्तान के खिलाफ़ शतक जड़ कई सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं. कई रिकॉर्ड्स में वो दिग्गज़ों को पछाड़ गए हैं, कई में तीसरे से जंप कर दूसरे नंबर पर आ गए हैं. वो सब आप यहां पढ़ सकते हैं. हम आगे बढ़ेंगे. आपको बताएंगे, 2007 की कहानी. उनके डेब्यू की नहीं, एक ख़ास पारी की. आपको बताएंगे, 2011 के एक ट्वीट की कहानी. तब क्या कहा गया, क्या किया गया. आपको याद दिलाएंगे, 2017 की और 2019 का वो दौर, जब इस बल्लेबाज़ ने अपना टैलेंट पूरी तरह से भुनाया.

2007 में इस लड़के ने टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया. उनकी सिफ़त में कहा गया, बेपनाह टैलेंट है. पुल ऐसा मारता है ये लड़का, जैसे कमर में स्क्रू लगा हो. आसानी से घूम जाता है. लिस्ट में एक और वाहवाही थी. इस प्लेयर के पास बाकियों से ज्यादा टाइम है. मल्लब ये, कि बॉल को बहुत जल्दी पिक कर लेता है ये बल्लेबाज़. और जल्दी पढ़ लिया, तो बाकी चीज़ें आसान हो ही जाती हैं. हुईं भी, पर वक्त के साथ.

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वादे के मुताबिक़, डेब्यू की कहानी नहीं सुनाएंगे. एक गूगल सर्च पर आपको सारी जानकारी मिल जाएगी. जो नहीं मिलेगी, क्योंकि आपको शायद पता ना हो ढूंढना क्या है, वो बताएंगे. और उसके लिए आपको लिए चलेंगे डरबन. साउथ अफ्रीका का एक शहर. 2007 के T20 वर्ल्ड कप को होस्ट करने वाले कई मैदानों में से एक. यहां भारत का मुक़ाबला था, मेज़बान देश से. प्रेशर, प्रचूर. 20 साल के रोहित इस वर्ल्ड कप में अपना पहला मैच खेल रहे थे. सुपर 8 का ये मुक़ाबला जीतकर भारत को आगे जाना था. राह रोके खड़े थे शॉन पोलॉक, मखाया एंटीनी और मॉर्ने मॉर्कल. 61 रन पर चार विकेट. रोहित आए, और कैप्टन एमएस धोनी के साथ धीरे-धीरे रन्स जोड़े. विकेट बचाने ज़रूरी थे. दोनों ने बचाए. धोनी आख़िरी ओवर में आउट हुए, पर रोहित जमे रहे. आख़िरी बॉल पर ट्रेडमार्क पुल. सिक्स. पचासा. 40 बॉल में 50 रन की पारी. भारत ने 37 रन से मैच जीता.

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टैलेंट का सबूत भारत में बसे क्रिकेट के कीड़े देख चुके थे, अबकी दुनिया ने देखा. रोहित कंसिस्टेंट नहीं थे, इसलिए टीम से अंदर-बाहर होते रहे. फिर 2011 वर्ल्ड कप आया. रोहित को नहीं चुना गया. उन्होंने ट्वीट कर लिखा,

वर्ल्ड कप स्क्वाड का हिस्सा नहीं बन पाया, बहुत, बहुत निराश हूं. मुझे इससे आगे बढ़ना होगा. सच कहूं, तो ये बड़ा सेटबैक था. आप लोगों की राय?

रोहित निराश हुए, पर टूटे नहीं. 2012 अच्छा नहीं रहा, पर 2013 से वनडे में उन्होंने लगातार 50 से ज्यादा की औसत से रन्स बनाए. 2014 में आई 264 रन की पारी. श्रीलंका के खिलाफ़ इडन गार्डेन्स की वो पारी क्रिकेट के इतिहास में ऐसे दर्ज है, जैसे ब्रायन लारा का 400. रोहित ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा. 2017 में उन्होंने टीम की कप्तानी की और एशिया कप जिताया. उस साल 208 रन की पारी आई, फिर से श्रीलंका के खिलाफ़. 72 की औसत से रन बनाए गए, टोटल 1293. अगले पन्ने की ओर चलते हैं.

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2011 का डिस्कार्ड, 2019 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के सबसे अहम प्लेयर्स में से एक था. खेला भी वैसा ही. पांच शतक बनाए, 648 रन. 81 का औसत, 98.33 का स्ट्राइक रेट. बेहतरीन बैटिंग. पर रोहित इकलौते चले. इक्का दुक्का मैच में कोई चल गया तो गया, वर्ना कमोबेश टीम रोहित पर ही डिपेंडेंट रही. सेमीफ़ाइनल में न्यूजीलैंड ने हमें हराया. एमएस धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा.

चार साल बाद. 2011 का डिस्कार्ड अब टीम की कमान संभाल रहा है. पहले मैच में ज़ीरो पर आउट होने के बाद कैप्टन ने शानदार वापसी की. 273 रन का टार्गेट. 131 बनाकर रोहित ने काम आसान कर दिया. हमने आपको स्टैट्स नहीं बताने को कहा था, पर एक स्टैट बताए बिना ये पीस पूरा नहीं होगा. रोहित ने वनडे वर्ल्ड कप में अब तक सात शतक जड़े हैं. 19 पारियों में. एवरेज निकालें तो हर तीसरी पारी से भी कम में शतक आया है. रोहित सचिन, विराट, रिकी पॉन्टिंग, कुमार संगकारा, किसी भी दिग्गज़ से आगे हैं. वर्ल्ड कप में उनकी कंसिस्टेंसी अलग-ही लेवल पर है.

अफ़ग़ानिस्तान के खिलाफ़ शतक लगाकर रोहित वनडे क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले बल्लेबाज़ भी बन गए हैं. इनमें सबसे ज्यादा जानते हैं किस शॉट से आए हैं? वही पुल, जिसकी तारीफ़ 2007 में की गई थी. कमर का वो स्क्रू अभी भी उतना ही फ्लेक्सिबल है. रोहित के पास अभी भी एक एक्सट्रा सेकंड है. रोहित के पास अभी भी उतनी ही भूख है... इस किताब का फ़ाइनल चैप्टर क्या वो होगा, जो लोग पढ़ना चाहते हैं?

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