The Lallantop

रोहित-गिल का नहीं हुआ ब्रॉन्को टेस्ट, क्या वजह पता चली है?

इंडियन टीम के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच Adrian Le Roux ने Bronco Test का सुझाव दिया. इसके बाद BCCI ने तय किया कि एशिया कप शुरू होने से खिलाड़ियों को इस टेस्ट से गुजरना होगा.

Advertisement
post-main-image
रोहित शर्मा समेत बाकी प्लेयर्स का ब्रॉन्को टेस्ट नहीं हुआ है (फोटो: PTI)

BCCI को प्लेयर्स का फिटनेस लेवल बढ़ाना था. इसी वजह से मौजूदा इंडियन टीम के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच एड्रियन ली रॉक्स (Adrian Le Roux) ने ब्रॉन्को टेस्ट (Bronco Test) का सुझाव दिया. इसके बाद BCCI ने तय किया कि एशिया कप शुरू होने से पहले इस टेस्ट को खिलाड़ियों पर लागू किया जाएगा. लेकिन टीम के प्लेयर्स ने अभी ये टेस्ट नहीं दिया है.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

TOI से जुड़े साहिल मल्होत्रा की रिपोर्ट के मुताबिक रोहित शर्मा और शुभमन गिल के अलावा बाकी प्लेयर्स ने अभी तक यह टेस्ट नहीं दिया है. टीम जब एशिया कप के लिए दुबई पहुंचेगी, तभी यह टेस्ट कराया जाएगा. टीम 3 सितंबर देर रात रवाना होगी और 5 सितंबर को ICC एकेडमी में अपना पहला प्रैक्टिस सेशन करेगी. ऐसे में अगर खिलाड़ियों का आकलन ब्रॉन्को टेस्ट से करना है तो यह टेस्ट दुबई में ही कराना होगा.

हाल ही में रोहित शर्मा की एक फोटो वायरल हुई थी, जिसमें वह पहले से फिट और पतले नजर आ रहे थे. रोहित ने हाल ही में यो-यो टेस्ट भी पास किया और अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया. भारतीय टीम पहले से ही खिलाड़ियों की फिटनेस जांचने के लिए यो-यो टेस्ट का इस्तेमाल करती रही है. कई रिपोर्ट में ये दावा भी किया गया कि रोहित ने ब्रॉन्को टेस्ट पास कर लिया है. लेकिन अब साफ हो गया है कि ब्रॉन्को टेस्ट अभी हुआ ही नहीं है.

Advertisement

ये भी पढ़ें: विराट ने पास किया फिटनेस टेस्ट, लेकिन BCCI के इस फैसले पर बवाल मच गया!

क्या है ब्रॉन्को टेस्ट?

ब्रॉन्को टेस्ट मूल रूप से रग्बी टीमों द्वारा अपनाया गया है. इसमें 20, 40 और 60 मीटर की दूरी पर बार-बार शटल रन करनी होती है. खिलाड़ी को पहले 20 मीटर की छोटी दौड़ लगानी होती है, इसके बाद 40 मीटर और फिर 60 मीटर की. जब प्लेयर इसे पूरा कर लेता है तो इसे एक सेट माना जाता है. एक प्लेयर को ऐसे 5 सेट लगाने होते हैं, वो भी बिना रुके. यानी बिना रुके एक प्लेयर को इस तरह कुल 1200 मीटर दौड़ना होता है. इस टेस्ट को पूरा करने के लिए एक प्लेयर के पास कुल 6 मिनट का समय होता है. BCCI पहले ही यो-यो टेस्ट कराती है, जिसमें टॉप क्रिकेटर्स के लिए 2 किलोमीटर की टाइम ट्रायल होती है.

दिग्गज प्लेयर्स की आपत्ति

इस टेस्ट को लेकर एबी डिविलियर्स और रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गज प्लेयर्स आपत्ति जता चुके हैं. डिविलियर्स ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा,

Advertisement

ये सबसे खराब एक्सरसाइज में से एक है. मुझे बहुत अच्छे से याद है साउथ अफ्रीका की ठंडी सुबहों में इसे करना काफी मुश्किल होता था. मैंने प्रिटोरिया यूनिवर्सिटी और सुपरस्पोर्ट पार्क में ये टेस्ट दिया है. वहां ऑक्सीजन लेवल बहुत कम होता है. जो कि समुद्र लेवल से करीब 1500 मीटर ऊपर है. ऐसे में टेस्ट के दौरान ऑक्सीजन की कमी और फेफड़ों में जलन साफ महसूस होती थी.

वहीं रविचंद्रन अश्विन ने भी इस टेस्ट को लेकर टीम मैनेजमेंट को चेतावनी दी और ट्रेनिंग के तरीकों में अचानक बदलाव से सावधान रहने को कहा. अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा,

जब ट्रेनर बदलते हैं तो टेस्टिंग मेकैनिज्म भी बदल जाता है... खिलाड़ियों को इसमें काफी मुश्किलें आती हैं. कई मामलों में इससे चोट लगने का खतरा भी रहता है.

बताते चलें कि BCCI समय-समय पर खिलाड़ियों के फिटनेस लेवल को बढ़ाने के लिए अलग-अलग कदम उठाता रहा है. बीप टेस्ट, यो-यो टेस्ट और अब ब्रॉन्को टेस्ट सभी इसी प्रक्रिया का हिस्सा हैं. अब देखना होगा कि इस फिटनेस टेस्ट का क्या नतीजा निकलता है.

वीडियो: रोहित शर्मा और विराट कोहली को फेयरवेल मैच मिलने वाला है? ये है BCCI का प्लान

Advertisement